कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पीपीएफ और पोस्ट ऑफिस समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें कम करने के फैसले पर सरकार की आलोचना की है. चिदंबरम ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार को 30 जून तक के लिए पुरानी ब्याज दरें बहाल करनी चाहिए.
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘पीपीएफ और लघु बचत पर ब्याज दर कम करना तकनीकी रूप से सही हो सकता है, लेकिन ऐसा करने का यह गलत समय है.’
चिदंबरम ने कहा, ‘इस बहुत ही मुश्किल घड़ी और आय को लेकर अनिश्चितता के दौर में लोग अपनी बचत पर ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर होते हैं. सरकार को इस निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार करना चाहिए और पहले की ब्याज दर को 30 जून तक बहाल करना चाहिए.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘ मेरे विचार में, हमें अब विकास की चिंता नहीं करनी चाहिए. किसी भी कीमत पर फोकस लोगों के जीवन को बचाने पर होना चाहिए.’
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पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत मिलेगा ब्याज
सरकार ने मंगलवार को पीपीएफ और पोस्ट ऑफिस समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं.
वित्त मंत्री ने एक अधिसूचना में कहा, विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही के लिये संशोधित किया गया है. सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 7.6 प्रतिशत होगा जो अबतक 8.4 प्रतिशत था. हालांकि बचत खाते पर ब्याज को 4 प्रतिशत ही रखा है.
पीपीएफ और एनएससी पर ब्याज दरों में 0.8 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत की कटौती की गयी है. इस कटौती के बाद 2020-21 की पहली तिमाही पीपीएफ पर ब्याज 7.1 प्रतिशत होगा जबकि एनएससी पर यह 6.8 प्रतिशत होगा.
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