महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डॉयरेक्टर पवन गोयनका का कहना है कि एक भारतीय नागरिक आवाजाही के लिए जरूरत से ज्यादा बड़ी गाड़ी का इस्तेमाल करता है. उन्होंने यह भी माना कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का वायु प्रदूषण में बड़ा हिस्सा है और इसे कम करने के उपाय खोजे जाने चाहिए.
गोयनका ने टाटा नैनो के बुरे हश्र पर भी खेद जताया. बता दें टाटा कंपनी ने छोटी कार के हिसाब से 600 सीसी वाली एक लाख रुपये कीमत की टाटा नैनो कार निकाली थी. जिसे बजार में ज्यादा पूछ-परख नहीं मिली और कार का उत्पादन बंद कर दिया गया.
65-70 किलो का एक आम भारतीय आने-जाने के लिए 1500 किलो की कार का इस्तेमाल करता है. कई विश्लेषकों का मानना है कि एक ऐसे देश में जहां कार को जीवनशैली का हिस्सा माना जाता है, वहां कई उपयोगितावादी कारों के असफल होने का कारण यही है.पवन गोयनका
छोटी कार लाने जा रही है महिंद्रा
गोयनका ने कहा कि हमें एक आदमी के ट्रांसपोर्ट के हिसाब से गाड़िया बनानी होंगी. इसी चीज को ध्यान रखते हुए उनकी कंपनी जल्द बाजार में एक छोटी कार लाने जा रही है.
गोयनका ने यह भी माना कि फिलहाल कार्बन डॉइऑक्साइड के उत्सर्जन में सात फीसदी हिस्सा और PM 2.5 के उत्सर्जन में बीस फीसदी हिस्सा ऑटोमोबाइल का है.
गोयंका ने कहा कि अगर भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनना है तो मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करना होगा.
पढ़ें ये भी: चीन:शनिवार को कोरोनावायरस से 97 मौतें,कुल 2,442 लोगों ने गंवाई जान
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)