ADVERTISEMENTREMOVE AD

RBI ने की रेपो रेट में 0.35 फीसदी कटौती, घट सकती है EMI 

इकनॉमी स्लोडाउन की चुनौतियों को देखते हुए रेपो रेट में .35 फीसदी की कटौती की गई है

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती कर दी है. फरवरी से आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करता आ रहा था लेकिन इस बार इसने इसमें 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है. रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती से अब यह घट कर 5.4 फीसदी हो गया है. इस कटौती से होम लोन और कंज्यूमर लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं और ईएमआई घट सकती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वित्त मंत्रालय का था बड़ा दबाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी पर रेट कटौती का बड़ा दबाव डाला हुआ था ताकि आर्थिक विकास दर के पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाने से पैदा जोखिम कम किए जा सकें. हालांकि सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ी है लेकिन ज्यादातर बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की है. वैसे पिछली बार आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि बैंक इसका लाभ तेजी से ग्राहकों तक पहुंचाएं.

इकनॉमी में स्लोडाउन बड़ी चुनौती

देश में गाड़ियों की बिक्री से लेकर आयात और निर्यात में कमी ने साबित कर दिया है कि आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी हो गई है. जीडीपी ग्रोथ घट कर 5.8 फीसदी पर आ गई है, जो पांच साल का सबसे निचला स्तर है. इसके साथ ही मानसून की बारिश में कमी ने ग्रामीण क्षेत्रों में मांग और मजदूरी घटा दी है. बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी और एनबीएफसी संकट ने अर्थव्यवस्था की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस वजह से कंपनियां पूंजीगत खर्च में कमी कर रही हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसके अलावा ग्लोबल इकनॉमी में रफ्तार की कमी और ट्रेड वॉर ने भी भारत की इकनॉमी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी पर ब्याज दर में कटौती का भारी दबाव था. यही वजह है कि इस बार .35 फीसदी की कटौती की गई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×