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प्रॉपर्टी सस्ती,ब्याज दर भी कम-इस वक्त घर खरीदना सही या रेंट बेहतर

कोरोना संकट के बीच घर को लेकर जरूरी एडवाइजरी

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कोविड-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था डाउन है. कोरोना की मार लगभग हर क्षेत्र में देखने को मिल रही है. चाहे हम बात MSME सेक्टर की करें या फिर रियल एस्टेट क्षेत्र की, हर तरफ मंदी की मार है. बीते 5 सालों से रियल एस्टेट क्षेत्र की हालत पतली ही हुई है, ऊपर से कोरोना के प्रकोप ने इसे बुरी तरह से प्रभावित किया है. कई बड़ी कंपनियों के प्रोजेक्ट बनकर तैयार हैं लेकिन खरीदार नदारद हैं. जबकि बीते कुछ दिनों में होमलोन पर इंट्रेस्ट रेट में ऐतिहासिक कमी आई है.

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ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या पोस्ट कोविड हालात में लोगों को होम लोन पर कम इंट्रेस्ट रेट का फायदा उठाते हुए अपना खुद का मकान खरीदना चाहिए या फिर किराये के मकान में ही रहना चाहिए.

ये चर्चा इन दिनों तेज हो गई है, क्योंकि मौजूदा हालात घर खरीदारों के लिए फेवरेबल कंडिशन लेकर आए हैं. इंट्रेस्ट रेट अपने निचले स्तरों पर है, फ्लैट्स की कीमतें भी काफी कम हुई हैं इसके अलावा अगर आप फ्लैट खरीदने के इच्छुक हैं तो प्रोजेक्ट डेवलपर से मोल-भाव भी करने के हालात में हैं. लेकिन फिर भी जानकारों की मानें तो मौजूदा माहौल में खुद के घर के लिए बड़ा निवेश करना जोखिम उठाने से कम नहीं है.

किराए का घर ही सही

फाइनेंशियल प्लानर और रूंगटा सिक्योरिटीज के को-फाउंडर हर्षवर्धन रूंगटा की मानें तो मौजूदा आर्थिक हालात में घर खरीदना फायदे का सौदा नहीं है. हर्षवर्धन मानते हैं कि जिस कीमत पर आप अपने घर का मालिकाना हक लेते हैं उसमें होम लोन पर इंट्रेस्ट कॉस्ट भी जुड़ता है, जो कि अंतत: फ्लैट की कीमत को बढ़ा देता है. कोरोना काल के दौरान वैसे ही अर्थव्यवस्था की हालत पतली है, जॉब सेक्टर अपने बुरे दौर से गुजर रहा है, निजी सेक्टर में काम करने वाले लोगों के पास जॉब सेक्योरिटी नहीं है. ऐसे में घर में बड़ी पूंजी लगाना सही नहीं है.

मौजूदा हालात में किराए का घर ही उचित है, क्योंकि कोई नहीं जानता कि ये बुरा वक्त कब तक चलेगा. अगर नौकरी नहीं रही या सैलरी कट हुई तो EMI का बोझ भारी पड़ सकता है.
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फाइनेंशियली मजबूत हैं तो ही घर खरीदें

रूंगटा  की मानें तो मौजूदा माहौल में अगर आप अपनी इनकम को लेकर कॉन्फिडेंट हैं यानी फाइनेंशियली मजबूत हैं और हर हाल में घर खरीदना चाहते हैं तो आप इस बेहतर समय का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने लिए एक छोटा सा घर खरीद सकते हैं. क्योंकि पिछले कुछ सालों के मुकाबले फिलहाल रियल एस्टेट क्षेत्र में तेज गिरावट आई है इसके अलावा होम लोन पर ब्जाज दर भी निचले स्तर पर है.

पैकेज के बाद भी रुझान कम

दरअसल रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी लाने के लिए हाल ही में रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार की तरफ से कई घोषणाएं की गई हैं, इसी के तहत एसबीआई ने होम लोन पर इंट्रेस्ट रेट घटा दिए हैं अब एसबीआई के होम लोन की दर 6.95 फीसदी से शुरू हो रही है. लेकिन बैंकों और सरकार के इन कदमों के बावजूद दिल्ली, मुंबई, चेन्नई समेत देश के 8 बड़े शहरों में घर खरीदने को लेकर लोगों में रुझान कम ही देखने को मिल रहा है.

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