कोरोना वायरस और इसके नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी के साथ भारत में भी कोरोना वायरस का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटों में भारत के अंदर कोरोना वायरस के 3.33 लाख नए कोरोना मामले रिपोर्ट किए गए हैं. इस दौरान 2.59 लाख लोग रीकवर हुए हैं और 525 मौतें दर्ज की गई हैं.
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भी कोरोना का सब-वेरिएंट बीए.2 पाया गया है, इससे संबंधित मामले भारत के साथ-साथ विदेशों में भी रिपोर्ट किए जा रहे हैं.
आइए जानते हैं कोरोना के नए सब-वेरिएंट से जुड़े आपके सवालों के जवाब..
बीए.2 क्या है?
भारतीय कोविड रिसर्च बॉडी INSACOG ने कहा कि BA.2 लिनिएज, ओमिक्रॉन इन्फेक्शन का एक सब-वेरिएंट है, जो भारत में रिपोर्ट किए गए कोरोना मामलों में पाया गया है.
बीए.2 को किस श्रेणी में रखा गया है?
BA.2 लिनिएज को अभी ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखा गया है.
बीए.2 सबसे पहले कहां पाया गया?
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) के मुताबिक, पहली बार ब्रिटेन में 6 दिसंबर 2021 को ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.2 के बारे में जानकारी मिली थी. ब्रिटेन में अभी इसके केस कम हैं, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि अब इसके मरीज भी तेजी से बढ़ सकते हैं. यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) के द्वारा इस महीने के पहले दस दिनों के दौरान ब्रिटेन में बीए.2 से संबंधित 400 से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए हैं.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों में अगले महीने 6 फरवरी तक चरम पर पहुंचने की उम्मीद है. कोरोना की मौजूदा लहर अगले 14 दिनों में अपने पीक पर होगी. यह रिजल्ट IIT मद्रास के ‘आर-वैल्यू’ एनालिसिस पर आधारित है, जिसमें कहा गया है कि 14-21 फरवरी के सप्ताह में कोरोना मामलों में गिरावट दर्ज की जा सकती है.
आर-वैल्यू क्या है?
'आर-वैल्यू' उन लोगों का नंबर है जो किसी पहले से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने कोरोना पॉजिटिव होते हैं.
भारत में मौजूदा वक्त में आर-वैल्यू की क्या स्थिति है?
आईआईटी मद्रास द्वारा की गई स्टडी के मुताबिक लेटेस्ट राउंड में 1.57 वैल्यू रिकॉर्ड की गई है. इसके अलावा 7-13 जनवरी के बीच यह वैल्यू 2.2 थी और 1-6 जनवरी के दौरान यह वैल्यू 4 और 25-31 दिसंबर के बीच 2.9 थी.
आंकड़ों के बारे में बात करते हुए आईआईटी मद्रास के गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ.जयंत झा ने कहा कि कोलकाता और मुंबई में कोरोना लहर पहले ही चरम पर है, जिसका मतलब है कि दो शहरों में महामारी एडेमिक होती जा रही है.
कोरोना की तीसरी लहर कब तक आ सकती है?
IIT मद्रास के एनालिसिस के मुताबिक, अगले 14 दिनों में 6 फरवरी तक मौजूदा कोरोना लहर के चरम पर होने की उम्मीद है. मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट और इसके सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस ने संयुक्त रूप से 'कम्प्यूटेशनल मॉडल' का उपयोग करते हुए शोध किया.
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