भारत में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच आज से यानी 10 जनवरी से 'प्रीकॉशन डोज' (Precaution Dose) जिसे वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Dose) कहा जा रहा है, ये फ्रंटलाइन वर्कर्स और को-मॉर्बिडिटी वाले लोगों को दी जाएगी जिसकी उम्र 60 साल से ज्यादा है.
इस समय वैक्सीन ही कोरोना के खिलाफ एकमात्र इलाज है. बड़े स्तर पर अभियान चलाकर 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगने के बाद अब प्रीकॉशन डोज मिलना शुरू हो रहा है.
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैनात कर्मचारियों को भी बूस्टर डोज दी जाएगी क्योंकि इन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर माना गया है.
प्रीकॉशन डोज लेने के लिए को-विन प्लेटफॉर्म पर 8 जनवरी से शुरू ही रजिस्ट्रेशन हो चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिस दिन वैक्सीन की दूसरी डोज ली गई है उसके 9 महीने बाद या फिर 39 हफ्ते बाद प्रीकॉशन डोज ली जा सकेगी.
को-विन पर रजिस्टर किए बगैर सीधे वैक्सीनेशन केंद्र पर भी प्रीकॉशन डोज के लिए रजिस्टर किया जा सकता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने रविवार को ट्वीट किया, "देश सुरक्षित करने वाली हेल्थ आर्मी की सुरक्षा सरकार कर रही सुनिश्चित. करीब 1 करोड़ से अधिक हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60+ नागरिकों को उनकी प्रीकॉशन डोज हेतु रिमाइंडर SMS भेजे गये हैं. COWIN पर अपॉइंटमेंट पहले से शुरू है. कल से डोज लगाने का कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है."
ध्यान रहे कि अगर आपको कोविशील्ड मिला है तो आपका तीसरा डोज भी कोविशील्ड ही होगा. कोवैक्सिन के लिए भी वही नियम है. सरकार ने वैक्सीन को मिक्स करने की अनुमति नहीं दी है.
बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में कोरोना की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चल रही तैयारी, वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति और ओमिक्रॉन के असर को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. पीएम मोदी ने जिला स्तर पर पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है.
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