देशभर में चल रहे COVID-19 टीकाकरण अभियान के बीच 2 राज्यों ने केंद्र से मांग की है कि वो वैक्सीन पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) माफ कर दे. ये राज्य ओडिशा और राजस्थान हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लेटर लिखकर COVID-19 वैक्सीन की खरीद पर GST माफ करने की मांग की है. वहीं, इस मुद्दे पर राजस्थान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग का कहना है कि केंद्र सरकार को आपदा में कमाई का अवसर नहीं देखना चाहिए.
पटनायक ने अपने लेटर में इस बात का जिक्र किया है कि 18-44 साल की उम्र के लोगों का टीकाकरण करने के लिए राज्यों से अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर वैक्सीन खरीदने को कहा गया है. बिजनेज स्टैंडर्ड के मुताबिक, पटनायक ने कहा है कि इन खरीद पर GST लगने से वैक्सीन महंगी हो रही हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर वैक्सीन पर GST की छूट दी जाती है, तो इससे राज्यों का खर्चा कम होगा और यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की दिशा में अभियान सुगम होगा.
उन्होंने लिखा है, ‘’COVID-19 से लड़ने के लिए जरूरी लंबे और निरंतर प्रयास में, यह अहम है कि राज्यों का समर्थन किया जाए ताकि पूरा देश एक होकर लड़ता रहे. फाइनेंस की कमी के चलते कोई राज्य प्रभावित नहीं होना चाहिए, जिससे वो बदले में पूरे देश को प्रभावित कर सके.’’
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि पेट्रोल, डीजल, शराब और बाकी चीजों पर विभिन्न सेस और सरचार्ज के जरिए जो अतिरिक्त संसाधन जुटाए जाते हैं, जो विशेष रूप से केंद्र सरकार के लिए उपलब्ध होते हैं, "शायद उनको इस नाजुक मोड़ पर राज्य सरकारों के साथ शेयर किया जा सकता है."
''केंद्र ने नहीं मानी फ्री वैक्सीनेशन की बात, कम से कम GST तो न ले''
हिंदी अखबार दैनिक भास्कर के मुताबिक, राजस्थान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने उससे कहा, ''हमने केंद्र सरकार से फ्री वैक्सीनेशन की मांग रखी थी, लेकिन वो नहीं मानी. राज्य सरकार प्रदेश की 18 से 44 साल की आबादी के वैक्सीनेशन का पूरा खर्च उठा रही है. (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी कम से कम इस पर टैक्स तो न लें. इस आपदा में भी कमाई का अवसर नहीं देखना चाहिए.''
अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से खरीदी जा रही कोविशील्ड वैक्सीन पर केंद्र सरकार 5% GST वसूल रही है.
पहली खेप में राजस्थान की ओर से 3.75 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर सीरम इंस्टीट्यूट को दिया गया है. हर डोज पर केंद्र सरकार 15 रुपये का टैक्स वसूल रही है. ऐसे में राज्य सरकार को पहली खेप की डोज पर ही 56 करोड़ रुपये से ज्यादा की GST चुकानी पड़ रही है.
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