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PM ने माना ऑक्सीजन की जरूरत- अगले 72 घंटे में सरकार ने क्या किया?

मन की बात कार्यक्रम में एक डॉक्टर ने दावा किया कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है

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20 अप्रैल की रात 8.48 बजे पीएम मोदी ने पहली बार संकेत दिया कि देश में ऑक्सीजन की विकट समस्या खड़ी हो गई है. उन्होंने देश के नाम अपने संबोधन में जिक्र किया कि ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है और हम कोशिश कर रहे हैं. 20 से 25 अप्रैल आ गया लेकिन मरीजों की मौत जारी है, अस्पतालों की आपातकाल वाली गुहार जारी है. एक-एक सेकंड कितना कीमती है, ये जानना है तो देखिए कि आखिर टॉप लेवल पर ऑक्सीजन की कमी की स्वीकृति के बाद से सरकार ने क्या किया...चलिए देखते हैं.

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20 अप्रैल की रात दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लिखा कि GTB अस्पताल में 500 पेशेंट है उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है

21 अप्रैल

21 अप्रैल को पीएम के ट्विटर हैंडल पर रामनवमी की शुभकामनाएं, सीताराम येचुरी के बेटे के देहांत और नासिक में हादसे पर संवेदना आदि से संबंधित ट्वीट हैं. ऑक्सीजन पर इस दिन कुछ नहीं दिखा.

सुबह 11 बजे के आसपास खबर आई कि केजरीवाल और एलजी ने ऑक्सीजन सप्लाई पर बैठक की.

हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज ने दिल्ली सरकार पर उनके ऑक्सीजन टैंकर को लूटने का सनसनीखेज आरोप लगाया. वे कहते हैं कि अब वे अपने ऑक्सीजन सप्लाई ट्रकों को पुलिस की सुरक्षा देंगे.

गंगाराम, अपोलो, सेंट स्टिफन्स अस्पताल और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ऑक्सीजन के लिए Sos कॉल किया. मैक्स कोर्ट चला गया-कहा तीन घंटे की ऑक्सीजन बची है. कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन की इंडस्ट्रियल सप्लाई पर रोक लगाने को कहा. इस बीच दिल्ली के एक अस्पताल राठी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई खत्म हो गई.

उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव कहते हैं कि रेलवे से ऑक्सीजन की खेप मंगाई जा रही है ताकि 48 घंटे के भीतर ऑक्सीजन सप्लाई हो सके.

21 अप्रैल की रात केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाव, उत्तरप्रदेश, दिल्ली उत्तराखंड का ऑक्सीजन सप्लाई कोटा बढ़ाया.

22 अप्रैल

पीएम मोदी ने ऑक्सीजन पर अफसरों से बैठक की. इसमें उन्होंने ऑक्सीजन सप्लाई के हर क्षेत्र पर काम करने को कहा-प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और हेल्थ फैसेलिटी के नए उपायों को अपनाने के लिए कहा.

पीएम को ये जानकारी दी गई कि 20 राज्यों से 6785 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई प्रतिदिन की डिमांड के मुकाबले 6822 मीट्रिक टन प्रतिदिन का आवंटन किया गया. इसका मतलब ये कि ऑक्सीजन डिमांड से ज्यादा सप्लाई हुई है.

दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल के सीईओ कैमरे के सामने रोने लगे, आखिर पुलिस ने 2300 किलो ऑक्सीजन दिलाई और 110 मरीजों की जान बची. रात तकरीबन 9 बजे सर गंगाराम अस्पताल से फिर संदेश आता है कि उनके पास केवल पांच घंटे का ऑक्सीजन है. सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी पर स्वत: संज्ञान लिया.

22 अप्रैल शाम साढ़े चार बजे पीएम मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने ऑक्सीजन पर उच्च स्तरीय बैठक की और आने वाले दिनों में ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के रास्तों पर बात की. ट्वीट के साथ जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि पीएम मंत्रियों को ऑक्सीजन आपूर्ति के नए तरीके ढूंढने का निर्देश दिया. बैठक में क्रायोजेनिक टैंकर की कमी को दूर करने के लिए उन्हें आयात करने और एयरलिफ्ट करने की बात हुई. बताया कि गया लंबी दूरी तक टैंकरों पहुंचाने के लिए रेलवे का इस्तेमाल हो रहा है और खाली ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट किए जा रहे हैं. इस बैठक में कैबिनेट सचिव, पीएम के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य सचिव आदि मौजूद थे

22 अप्रैल शाम 5.24 बजे पर पीएम ने बताया कि वो 23 अप्रैल को बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए नहीं जाएंगे क्योंकि उन्हें कोविड की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक करनी है.

गृहमंत्रालय के हवाले से खबर आई कि ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट में कहीं भी रोक नहीं लगाई जाए. आदेश था कि इसके लिए एक से दूसरे राज्यो के बीच फ्री मूवमेंट देने की व्यवस्था वहां की राज्य सरकार और परिवहन विभाग करे. गृहमंत्रालय ये भी भरोसा दिलाया है कि वे दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए स्टेट नोडल अधिकारी के साथ लगातार संपर्क में हैं.

इस आदेश के घंटों बाद दिल्ली के डीप्टी सीएम ने केंद्र को खत लिखकर शिकायत की कि यूपी और हरियाणा में उनके यहां आनेवाली ऑक्सीजन सप्लाई की खेप को रोक रखा गया है.डीप्टी सीएम ने केंद्र को खत लिखकर शिकायत की

मन की बात कार्यक्रम में एक डॉक्टर ने दावा किया कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है

डीप्टी सीएम ने केंद्र को खत लिखकर शिकायत की

22 अप्रैल शाम 5.24 बजे बताया गया कि पीएम मोदी बंगाल में प्रचार करने नहीं जाएंगे लेकिन करीब सात बजे खबरआई कि पीएम मोदी पश्चिम बंगाल में चुनाव रैली को वर्चुअली संबोधित करेंगे

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23 अप्रैल

सुबह 8.30 बजे खबर आती है कि सर गंगाराम अस्पताल में बीते 24 घंटे में 25 गंभीर मरीजों की जान चली गई. बाद में इनका ऑक्सीजन से संबंध होने से इंकार किया गया. मध्यप्रदेश के जबलपुल में 5 मरीजों की जान ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने के कारण होने का आरोप.

सुबह पीएम मोदी ने राज्यों के साथ कोविड-19 के हालातों का जायजा लेने के लिए मीटिंग बुलाई.

दोपहर में पीएम मोदी ने प्रमुख ऑक्सीजन उत्पादकों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया.

दोपहर 3 बजे रक्षा मंत्रालय के हवाले से जानकारी दी गई कि जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को एयरलिफ्ट किया जा रहा है. इन्हें भारत पहुंचने में हफ्ते भर का वक्त लगेगा.

दोपहर बाद 3.22 बजे पीएम ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड की स्थिति पर बैठक की है. पीएम के ट्वीट के साथ PIB की प्रेस रिलीज नत्थी थी जिसमें जानकारी दी गई थी कि ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए रेलवे और एयरफोर्स को लगाया गया है. हालांकि जानकारी नहीं थी कि कितनी ट्रेन, कितने हवाई जहाज. औद्योगित ऑक्सीजन को मेडिकल यूज के लिए डायवर्ट किया गया है. पीएम ने राज्यों को निर्देश दिया कि वो अपने यहां ऑक्सीजन की जमाखोरी न होने दें. किसी भी राज्य के लिए जा रही ऑक्सीजन को रोकें नहीं.

3.47 बजे रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की ओर से बयान आया है कि आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और दिल्ली सरकारों ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मांग की है, जिसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं.

शाम 5.39 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की ओर से जानकारी दी गई कि एम्स झज्जर, एम्स, लेडी हार्डिंग, आरएमएल, सफदरजंग अस्पताल में 8 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे.

शाम 6 बजे के करीब पीएम मोदी ने देश के ऑक्सीजन उत्पादकों के साथ बैठक की और केंद्र और राज्यों के साथ तालमेल बिठाकर काम करने की अपील की.रिलीज में बताया गया कि उन्होंने कहा कि रेल और एयरफओर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है ऑक्सीजन सप्लाई के लिए. बैठक में पीएम ने ऑक्सीजन उत्पादकों की उनके अच्छे काम की तारीफ की. उन्होंने बताया कि सरकार रेलवे और वायुसेना की मदद से खाली टैंकर उत्पादकों तक जल्दी पहुंचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने उत्पादकों से पूरी क्षमता से ऑक्सीजन गैस बनाने को कहा. उन्होंने दूसरी गैसों के लिए इस्तेमाल होने वाले टैंकरों में भी ऑक्सीजन भेजने को कहा. बैठक में मुकेश अंबानी, सोमा मंडल, सज्जन जिंदल, टाटा के नरेंद्रन आदि उत्पादकों ने हिस्सा लिया.

रात करीब 9 बजे खबर आई कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले और ऑक्सीजन डिमांड को लेकर बैठक की. इसमें एक्सपर्ट ग्रुप ने राज्यों को तार्किक ढंग से ऑक्सीजन सप्लाई का सुझाव दिया. साथ ही राज्यों को निर्देश दिया कि ऑक्सीजन सप्लाई के लिए उचित सुरक्षा इंतजाम और ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाएं

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कोरोना भयानक रूप ले रहा था, हम सो रहे थे

हमने इस खबर में 23 अप्रैल की रात तक लिए गए एक्शन का जिक्र किया है. जाहिर है हम हल नहीं निकाल पाए तभी 24 अप्रैल को जयपुर गोल्डेन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों की मौत हो गई. अमृतसर, गोरखपुर से मौत की खबर आई. एम्स इमरजेंसी थोड़े वक्त के लिए बंद हुई . 24 अप्रैल को सरकार ने ऑक्सीजन उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी माफ की. फिर 25 को गंगाराम और एलएजेपी में ऑक्सीजन की कमी बनी रही. 25 अप्रैल को पीएम के मन की बात कार्यक्रम में मुंबई के एक डॉक्टर ने दावा किया कि देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. योगी सरकार ने कहा कि जो लोग कमी की अफवाह फैला रहे हैं उनपर एक्शन होगा. रासुका लगेगा. 25 को सरकार ने ऐलान किया कि 551 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग एड्सॉर्प्शन (PSA) मेडिकल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट पीएम केयर फंड से बनाए जाएंगे. जाहिर है विदेशों से प्लांट मंगाना, PSA प्लांट लगाना, ये सब भविष्य की तैयारिया हैं. अभी अटकी सांसों का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा. इसकी एक बड़ी ये भी है कि जब अप्रैल के शुरुआती हफ्ते में कोरोना भयानक रफ्तार से बढ़ रहा था तो हमने ऑक्सीजन की मांग बढ़ेगी, ये सोचकर युद्ध स्तर पर काम करना नहीं शुरू किया.

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