भारत में बढ़ रहे ओमिक्रॉन के खतरे बीच WHO का बयान आया है. एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को एएफपी को बताया कि ओमिक्रॉन पिछले कोविड वेरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता है और वैक्सीन को भी पूरी तरह से चकमा नहीं दे पाएगा.
एएफपी से डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने बातचीत में कहा कि, "देखिए कोविड -19 के नए और ज्यादा बार म्यूटेड होने वाले वेरिएंट के बारे में अभी बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है, प्रारंभिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि यह डेल्टा और दूसरे वेरिएंट की तुलना में लोगों को उतना बीमार नहीं करता है."
वो आगे कहते हैं कि, यह बहुत शुरुआती दिन हैं, हमें बहुत सावधान रहना होगा ताकि हम उस संकेत की व्याख्या कर सकें.
वो बताते हैं कि "यह संभव था कि मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी साबित हो सकती है, जो 30 से भी ज्यादा बार म्यूटेड होती है. लेकिन ऐसी ज्यादातर संभावना नहीं है कि यह पूरी तरह से वैक्सीन सुरक्षा से बचने में सक्षम होगा."
एपिडेमियोलॉजिस्ट और पूर्व ट्रॉमा सर्जन ने कहा कि "हमारे पास अत्यधिक प्रभावी वैक्सीन हैं जो गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के मामले में अब तक सभी प्रकारों के खिलाफ प्रभावी साबित हुए हैं."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)