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पंजाबः अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को अंतरिम जमानत, लेकिन इतनी चर्चा क्यों है?

पंजाब पुलिस ने मजीठिया पर कथित तौर पर ड्रग मामले में शामिल होने का मामला दर्ज किया था.

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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार 10 जनवरी को शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) को अंतरिम जमानत दे दी. इस मामले में हाईकोर्ट (High Court) जल्द ही एक विस्तृत आदेश जारी करेगा. पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने मजीठिया पर कथित तौर पर ड्रग मामले में शामिल होने का मामला दर्ज किया था.

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कौन हैं बिक्रम मजीठिया?

बिक्रम मजीठिया शिरोमणि अकाली दल के नेता हैं और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाते हैं.अकाली दल की सरकार के दौरान बिक्रम सिंह मजीठिया कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. बिक्रम मजीठिया ने मजीठा निर्वाचन क्षेत्र से 2007 में विधानसभा चुनाव जीता, इसके बाद 2012 और 2017 में फिर से जीत हासिल की. वह शिरोमणि अकाली दल की यूथ विंग (यंग अकाली दल) के अध्यक्ष भी हैं. वह पूर्व राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन, सूचना और जनसंपर्क और गैर पारंपरिक ऊर्जा मंत्री हैं.

बिक्रम सिंह मजीठिया का पक्ष

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग करते हुए मजीठिया ने अपने वकीलों के माध्यम से तर्क दिया है कि उन्हें टारगेट करना वर्तमान सरकार के प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है.

याचिका में कहा गया कि “यह स्पष्ट से अधिक है कि यह एफआईआर याचिकाकर्ता के खिलाफ आगामी चुनावों पर नजर रखते हुए दर्ज की गई है. जिससे याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार दांव पर हैं.”

बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ आरोप

बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स रैकेट में शामिल होकर पंजाब में ड्रग्स को बढ़ावा देने के आरोप हैं. बिक्रम सिंह मजीठिया पर ड्रग्स केस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप शामिल हैं.

मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर को धारा 25 (किसी अपराध के लिए परिसर, आदि का उपयोग करने की अनुमति), 27 ए (अवैध यातायात को वित्तपोषित करना और अपराधियों को शरण देना) और धारा 29 (प्रेरणा और आपराधिक साजिश) में नार्कोटिक्स ड्रग्स और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

एनडीपीएस की धारा 27 के तहत किए गए अपराध गैर-जमानती हैं. मोहाली की एक अदालत ने मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

मजीठिया को लेकर पंजाब की राजनीति

बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज होने पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने खुशी जताई थी. सिद्धू लगातार ही बिक्रम मजीठिया को लेकर अकाली दल की सरकार और बादल परिवार पर हमला बोलते रहे हैं. सिद्धू हमेशा से राजनैतिक मंच पर बिक्रम सिंह मजीठिया पर केस दर्ज होने का क्रेडिट पंजाब की कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही सरकार को देकर, बादल परिवार पर हमला बोलते रहे हैं.

सिद्धू ने बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर अपनी ही पार्टी के नेतृत्व में चल रही चन्नी सरकार पर हमला बोल दिया था. पंजाब सरकार ने दावा किया था की बिक्रम सिंह मजीठिया पंजाब में नहीं है.

लेकिन इसके बाद 2 जनवरी को पूर्व मंत्री द्वारा स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिससे पंजाब में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया. हालांकि यह तस्वीरें पुरानी बताई गई थी.

इसके बाद मजीठिया को गिरफ्तार करने में विफल रहने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार पर हमला किया गया. पंजाब पुलिस की तमाम छापेमारी के बाद भी अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार करने में नाकाम रही थी और आज बिक्रम सिंह मजीठिया को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है.

(न्यूज इनपुट्स- इंडियन एक्सप्रेस)

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