Andhra Pradesh Assembly Election 2024 Exit Poll Result: लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल में जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व में एक बार फिर वाईएसआर कांग्रेस आंध्र प्रदेश में सरकार बनाती दिख रही है. राज्य की 175 विधानसभा सीटों के लिए 13 मई को एक चरण में मतदान हुआ था. लोकसभा चुनावों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती भी 4 जून को होगी लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि एग्जिट पोल्स में यहां किसकी सरकार बनती दिख रही है?
आंध्र प्रदेश में एक तरफ जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस है तो दूसरी तरफ चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, बीजेपी और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी का गठबंधन था. वहीं कांग्रेस तीसरी खिलाड़ी के रूप में चुनावी मैदान में है.
एग्जिट पोल में किसकी सरकार?
चुनावी पंडितों के अनुमानों का निचोड़ निकाले तो मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSRCP 2024 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर सकती है.
सेंटर फॉर पॉलिटिक्स एंड पॉलिसी स्टडीज ने 175 सदस्यीय आंध्र प्रदेश विधानसभा में वाईएसआरसीपी को 95-105 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, जबकि टीडीपी-बीजेपी-जनसेना गठबंधन को 75-85 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है.
आरा पोल स्ट्रैटेजिज प्राइवेट लिमिटेड ने भविष्यवाणी की है कि सत्तारूढ़ पार्टी 94-104 सीटें जीतकर सत्ता में बनी रहेगी. इसका अनुमान है कि विपक्षी गठबंधन 71-81 विधानसभा सीटें जीत सकता है. आत्म साक्षी एसएएस ने भी रेड्डी की पार्टी की जीत का अनुमान लगाया है और उसे 98-116 सीटें दी हैं.
हालांकि, कुछ एग्जिट पोल में टीडीपी-बीजेपी-जनसेना गठबंधन की जीत का अनुमान लगाया गया है.
पीपुल्स पल्स के अनुसार,
पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी को 95-110 विधानसभा सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि उसके सहयोगी जनसेना को 14-20 और बीजेपी को 2-5 सीटें मिल सकती हैं.
2019 में क्या नतीजे रहे थे?
2019 में, आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा में, सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस 151 सीटें हासिल करने में कामयाब रही. जबकि टीडीपी केवल 23 सीटें हासिल कर पाई. लेकिन आगे विधानसभा चुनाव के बाद गंता श्रीनिवास राव के इस्तीफे और 3 विधायकों के वाईएसआर कांग्रेस में शामिल होने के बाद घटकर सदन में टीडीपी सांसदों की संख्या 19 रह गई.
2014 में राज्य के विभाजन यानी तेलंगाना के गठन के बाद आंध्र प्रदेश में 2019 का पहला चुनाव था.
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां क्षेत्रीय पार्टियों का दबदबा है. 2019 के चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों- कांग्रेस और बीजेपी को नोटा से भी कम वोट मिले. ऐतिहासिक रूप से, आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन वाईएसआर की मृत्यु और उसके बाद 2014 में राज्य का विभाजन पार्टी के लिए अच्छा नहीं रहा.
हालांकि, इस बार कांग्रेस जगन की बहन वाईएस शर्मिला को पार्टी प्रमुख के रूप में शामिल करके कुछ लाभ हासिल करने की उम्मीद कर रही है.
आखिर में एक बात और. यह सिर्फ एग्जिट पोल का अनुमान है. कई बार वास्तविक नतीजे इनसे बहुत जुदा होते हैं. फाइनल नतीजों के लिए आपको 4 जून तक का इंतजार करना होगा.
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