12 मई 2019. मौजूदा लोकसभा चुनाव का छठा फेज. हरियाणा के फरीदाबाद स्थित असावटी गांव का पोलिंग बूथ नंबर 88. इस बूथ पर 23 साल की विवेचना पहली बार मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं. करीब 1 घंटा इंतजार करने के बाद वह मतदान के लिए वोटिंग कम्पार्टमेंट के पास पहुंचीं. मगर अपनी मर्जी से वोट नहीं डाल पाईं.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विवेचना की नजरें ईवीएम पर बीएसपी का चुनाव चिह्न 'हाथी' तलाश रही थीं. इसी बीच बीजेपी का पोलिंग एजेंट गिरिराज सिंह वोटिंग कम्पार्टमेंट के पास आता है. देखते ही देखते गिरिराज बीजेपी के चुनाव चिह्न ‘कमल’ के सामने का बटन दबा देता है.
मैं हैरान थी. मैंने उनसे (गिरिराज से) पूछा कि उन्होंने मेरा वोट क्यों डाल दिया. उन्होंने जवाब दिया कि अब तो ये हो गया. इतना बोलकर वह अपनी टेबल के पास चले गए. मैंने बीएसपी के लिए वोट डालने की कोशिश की, लेकिन मेरा वोट पहले ही पड़ चुका था.विवेचना, दलित वोटर
उस दिन गिरिराज ने यह हरकत कई महिला वोटरों के साथ की थी, जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए.
इस मामले पर चुनाव आयोग की जांच के बाद गिरिराज को गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरिराज ने जिस बूथ पर 'धांधली' की थी, उस पर 19 मई को दोबारा वोटिंग का ऐलान कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने इस मामले में संबंधित बूथ के प्रिजाइडिंग ऑफिसर अमित अत्री और माइक्रो ऑब्जर्वर को सस्पेंड कर दिया है.
असावटी गांव के पोलिंग बूथ से गिरिराज के अलावा एक दूसरे शख्स का वीडियो भी सामने आया है. पुलिस के मुताबिक, इस शख्स की पहचान विजय रावत के रूप में हुई है. वीडियो में रावत वोटरों को प्रभावित करते हुए दिख रहा है.
पुलिस ने बताया, ''हमने विजय रावत और प्रिजाइडिंग ऑफिसर अमित अत्री के खिलाफ FIR दर्ज की है. ऐसा लग रहा है कि जब ये सब हुआ तब रावत अपना वोट डालने के लिए बूथ पर गया था. उसे और प्रिजाइडिंग ऑफिसर को गिरफ्तार किया जा रहा है."
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