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बीजेपी के मेनिफेस्टो में एक और चूक, नेशनल हाईवे पर गड़बड़ गणित

बीजेपी के मेनिफेस्टो में बड़ी गलतियों से पार्टी की किरकिरी 

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संकल्प पत्र के नाम से जारी हुए बीजेपी के मेनिफेस्टो में चूक दर चूक सामने आने की वजह से पार्टी की खासी किरकिरी हो रही है. कहीं मेनिफेस्टो में लिखा है महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए करने के लिए कड़े कानून प्रावधान किए जाएं तो कहीं इसका दावा कर दिया कि देश में 2022 तक नेशनल हाईवे की लंबाई दोगुना करने के लिए 60000 किलोमीटर सड़क बनाने की जरूरत है. कांग्रेस ने पूछा है कि नेशनल हाईवे की लंबाई 1,01,000 किलोमीटर है फिर 60 हजार किलोमीटर सड़क बना कर यह दोगुनी लंबी कैसी हो सकती है.

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कांग्रेस ने इस पूछा कि देश में नेशनल हाईवे की लंबाई 1,01,000 किलोमीटर है. ऐसे में क्या सिर्फ 60 हजार किलोमीटर सड़क बनाने से यह लंबाई दोगुनी हो जाएगी. कांग्रेस ने 2017-18 के इकनॉमिक सर्वे का हवाला देते हुए कहा है कि नेशनल हाईवे की लंबाई 1,01,000 किलोमीटर है और बीजेपी का गणित देखिए कि 60 हजार किलोमीटर सड़क बनाने का वादा कर इसे दोगुना करना चाहती है.

सिटिजनशिप बिल को लेकर भी की गलती

मेनिफेस्टो में एक और गलती है, इसमें कहा गया है कि पड़ोसी देशों में सताए जा रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दिलाने वाला नागरिकता संशोधित बिल (citizenship amendment bill) संसद के पिछले सत्र में पेश नहीं किया जा सका.

मेनिफेस्टो में कहा गया है कि यह बिल हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों और सिखों को भारत की नागरिकता दिलाएगा. जबकि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से पेश किए बिल में ईसाइयों और पारसियों का भी जिक्र है. विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया था.पूर्वोत्तर में इस बिल के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. इसके बाद बीजेपी ने कहा था सरकार इस बिल को लेकर उठाए जा रहे मुद्दों पर स्पष्टीकरण देगी उसके बाद ही बिल को लागू करेगी.

कांग्रेस सोशल मीडिया चीफ दिव्या स्पंदना ने सोमवार को बीजेपी के मेनिफेस्टो में बड़ी गलती निकाली था, जिसमें लिखा था- 'made strict provisions for transferring the laws in order to commit crimes against women (महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के लिए कड़े कानून बनाने के प्रावधान).

'महिला सशक्तिकरण' नाम के चैप्टर में ‘महिलाओं के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना’ सेक्शन के अंदर 11वां प्वाइंट कहता है, ‘महिलाओं की सुरक्षा को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी. हमने गृह मंत्रालय में महिला सुरक्षा डिविजन बनाया है, और महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के लिए कड़े कानून बनाने के प्रावधान बनाए जाएंगे.’ लिखा गया है.
इसी सेंटेंस में, 'ट्रायल (trial) ऑफ रेप' को 'ट्रेल (trail) ऑफ रेप' लिखा गया है.

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