बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बीजेपी पर चुनावों को प्रभावित करने के लिए अलग-अलग हथकंडे इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. शुगर मिल मामले में सीबीआई जांच को भी मायावती ने सोची समझी रणनीति के तहत चुनावों को प्रभावित करने के लिए बीजेपी की साजिश बताया है.
मायावती ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस सत्ता के लिए साम-दाम सब कुछ अपनाने के लिए तैयार हैं, मगर इनसे बचना है.
‘बीजेपी के अच्छे दिन जाने वाले हैं, बुरे दिन आने वाले हैं’
बीएसपी चीफ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अब तक हुए तीन चरणों के चुनाव में बीजेपी काफी पीछे है और आने वाले चरणों में भी बीजेपी का बुरा हाल होने वाला है. मायावती ने कहा कि इस चुनाव में अब तक बीजेपी के इस्तेमाल किए गए सभी हथकंडे बुरी तरह से फेल हो गए हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब बीजेपी ऐसे हथकंडों का इस्तेमाल कर रही है जो आजादी के बाद से लेकर अब तक देशवासियों ने किसी भी सरकार में होते हुए नहीं देखा.
चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से किसी भी सरकार ने अपने विरोधियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों जैसी, ईडी, सीबीआई आदि का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया. लेकिन देश में बीजेपी पहली ऐसी सत्ताधारी पार्टी है जिसने अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस चुनाव में इन सभी एजेंसियों का अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया. इनकी बौखलाहट से साफ जाहिर है, कि ये पार्टी इस बार सत्ता में आने वाली नहीं है. इस पार्टी के अब तक जो अच्छे दिन चल रहे थे, वो अच्छे दिन जाने वाले हैं, बुरे दिन आने वाले हैं.मायावती, बीएसपी चीफ
चीनी मिल मामले में जांच पर दी प्रतिक्रिया
मायावती ने कहा कि मीडिया के जरिए उन्हें मालूम हुआ है कि खासकर यूपी में चीनी मिलों की बिक्री के विषय में सीबीआई जांच को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इतने पुराने मामले में खासकर लोकसभा चुनाव के दौरान सीबीआई जांच की सूचना जारी किया जाना, सीबीआई के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण है.
इस बारे में सब जानते हैं कि चीनी मिलों के विक्रय में मुख्यमंत्री के रूप में मेरी कोई भूमिका नहीं थी. मेरी तरफ से इस बारे में कोई निर्णय या आदेश पारित नहीं किया गया था. ये फैसला कैबिनेट ने लिया था. लेकिन मीडिया में इसे बढ़ाचढ़ाकर पेश किया जा रहा है. इससे ऐसा लगता है कि महागठबंधन को मिल रहे समर्थन से बौखलाकर केंद्र सरकार द्वारा चुनाव के दौरान ये कार्रवाई की गई है. इस प्रकार से सीबीआई को एक बार फिर से तोते की तरह इस्तेमाल किया गया.
मायावती ने कहा कि चीनी मिलों के विक्रय की कार्यवाही राज्य की पूर्व की स्थापित नीति के तहत संबंधित विभाग द्वारा की गई थी. उन्होंने कहा कि अगर इसकी प्रक्रिया में कोई दोष है, तो इसकी जांच हो सकती है, इससे उन्हें कोई ऐतराज नहीं है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव के दौरान ये जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में उनकी कोई भूमिका थी. मायावती ने कहा कि ये सरासर गलत है.
उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन मजबूत हो रहे महागठबंधन पर इन हथकंडों से कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है. सत्य को दबाया नहीं जा सकता है. जनता सब समझती है. चुनाव के दौरान ये कार्यवाही करके जनता को भ्रमित किया जा रहा है. जनहित के मुद्दों से भटकाया जा रहा है.
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