चुनावी चंदे में जहां बीजेपी नंबर एक पर कायम है, वहीं बैंक बैलेंस में बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस का नंबर काफी पीछे हैं. सबसे ज्यादा बैंक बैलेंस बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी का है. बीएसपी ने फरवरी में चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में बताया कि एनसीआर के सरकारी बैंकों में मौजूद 8 खातों में पार्टी के 669 करोड़ रुपये हैं.
दूसरे नंबर पर है ये पार्टी
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मायावती की पार्टी बीएसपी के पास लाखों रुपये कैश भी है. रिपोर्ट के मुताबिक बीएसपी के पास 95.54 लाख रुपये कैश है. इसके बाद दूसरा नंबर भी यूपी के ही दूसरे दल समाजवादी पार्टी का है. समाजवादी पार्टी के बैंक खातों में कुल 471 करोड़ रुपये जमा हैं. हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद एसपी के बैंक खाते में 11 करोड़ की कमी हुई.
तीसरे नंबर पर कांग्रेस
बैंक बैलेंस के मामले में कांग्रेस तीसरी सबसे ज्यादा पैसे वाली पार्टी है. कांग्रेस के बैंक खातों में 196 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस है. यह जानकारी पिछले साल कर्नाटक चुनाव के दौरान पार्टी ने चुनाव आयोग को दी थी. हालांकि पार्टी ने अभी तक तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद अपने बैंक बैलेंस की अपडेट नहीं दी है.
इलेक्टोरल बॉन्ड से 95 प्रतिशत चुनावी चंदा अकेले बीजेपी को मिला है. 2017-18 में बीजेपी ने 1027 करोड़ की कमाई की थी, जिसमें से बीजेपी ने दावा किया था कि 758 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए हैं. जो किसी भी बाकी पार्टी के खर्चे से काफी ज्यादा हैं
बीजेपी का पांचवा नंबर
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चुनावी चंदा लेने में नंबर एक की पार्टी बीजेपी बैंक बैलेंस के मामले में क्षेत्रीय पार्टियों से भी पीछे है. बीजेपी से पहले चौथे नंबर पर टीडीपी है. टीडीपी के पास 107 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस है. इसके बाद पांचवे नंबर पर आने वाली बीजेपी का कुल बैंक बैलेंस 82 करोड़ रुपये बताया गया है. यह दिसंबर 2018 के आंकड़े हैं.
एडीआर की तरफ से राजनीतिक पार्टियों के इनकम टैक्स रिटर्न पर हुए एक विश्लेषण के मुताबिक, पार्टियों की 87 प्रतिशत आय कॉन्ट्रिब्यूशन पर आधारित है. बीजेपी ने पिछले साल कॉन्ट्रिब्यूशन से अपनी सबसे ज्यादा कमाई दिखाई थी. सभी पार्टियों की ज्यादातर इनकम लोगों की इच्छा से दिए गए दान से बताई गई है.
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