छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? सीएम के लिए प्रदेशाध्यक्ष और सांसद अरुण साव, विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह सहित कई नामों पर चर्चा चल रही है. इस लिस्ट में सबसे टॉप पर जो नाम है वो है रायगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले पूर्व IAS ओपी चौधरी का. चौधरी ने रायगढ़ सीट पर कांग्रेस के प्रकाश शक्रजीत नाइक को 64,000 से अधिक वोटों से हराया है.
चुनाव नतीजों पर एक नजर
दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व नौकरशाह ओपी चौधरी को 1,29,134 वोट मिले. उनके खाते में 63.21 फीसदी वोट आए हैं. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश शक्रजीत नाइक रहे, उन्हें 64,691 वोट मिले. उनका वोट शेयर 31.66 फीसदी रहा. रायगढ़ सीट पर चौधरी सहित 19 उम्मीदवार मैदान में थे.
IAS से विधायक बनने तक का सफर
ओपी चौधरी ने अपनी पूरी स्कूली शिक्षा (कक्षा 12वीं तक) विभिन्न गांव के सरकारी स्कूलों में पूरी की. मैथ्स से बी.एससी. करने के बाद, उन्होंने सबसे कम उम्र में 2005 बैच में आईएएस की परीक्षा पास की. 22 साल की उम्र में चौधरी IAS बन गए थे. 13 साल की अपनी सर्विस में उन्होंने अपने गृह कैडर छत्तीसगढ़ में काम किया.
उन्होंने दुर्ग जिले में एसडीएम, जांजगीर और सरगुजा जिलों में सीईओ जिला पंचायत, राजधानी रायपुर में नगर निगम आयुक्त, जनसंपर्क निदेशक और दंतेवाड़ा, जांजगीर और रायपुर जिलों में कलेक्टर के रूप में काम किया.
उन्हें रायपुर में झील सौंदर्यीकरण परियोजनाओं के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण से भी काम किया. शिक्षा के क्षेत्र में काम के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली. स्कूल-कॉलेजों में करियर गाइडेंस सिलेबस डेवलप करने के लिए उन्हें जाना जाता है. इसके साथ ही दंतेवाड़ा कलेक्टर के रूप में उन्होंने तमन्ना, नन्हे परिंदे, छू लो आसमान, एजुकेशन सिटी, लाइवलीहुड कॉलेज आदि जैसी विशेष शैक्षिक परियोजनाएं शुरू कीं.
इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहा गया. ओपी चौधरी को भारत सरकार द्वारा दंतेवाड़ा में उनकी शैक्षिक पहल के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
अमित शाह के करीबी माने जाते हैं चौधरी
2018 में ओपी चौधरी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा. पहली बार उन्होंने बीजेपी की ओर से रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, हार के बावजूद वो जमीनी स्तर पर काम करते रहे. बीजेपी ने इस बार ओपी चौधरी की सीट बदल दी. उन्हें रायगढ़ से चुनावी मैदान में उतारा. जहां उन्हें भारी जीत दर्ज की है.
ओपी चौधरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है. रायगढ़ में चुनाव प्रचार करने पहुंचे अमित शाह ने कहा था कि आप चौधरी को चुनाव जीता दें. इन्हें मैं बड़ा आदमी बना दूंगा. बड़ा आदमी बनाना मेरा काम है.
प्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद चौधरी सीएम की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं. जानकारों की मानें तो प्रशासनिक सेवा का अनुभव, साफ-सुथरी छवि और शाह के करीबी होने की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
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