हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजे (Himachal Pradesh Election Result) 8 दिसंबर को आएंगे, लेकिन उससे पहले जो एग्जिट पोल (Himachal Exit Polls) के नंबर आये हैं वो कह रहे हैं कि मामला बहुत टक्कर का है. ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने कांटे की टक्कर दिखाई है. वैसे भी हिमाचल के लोगों का रिवाज रहा है कि वो पांच साल के बाद से ज्यादा किसी को सत्ता में टिकने नहीं देते हैं. हालांकि टक्कर की इस लड़ाई में ये तय है कि भले ही सरकार बीजेपी बना लेकिन उसका नुकसान हुआ और कांग्रेस को फायदा. आम आदमी पार्टी के हाथ क्या लगा है वो भी आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले देखिए सभी एग्जिट पोल का हाल
India Today-Axis My India
बीजेपी को 24-34 सीटें, कांग्रेस को 30-40 सीटें, अन्य को 4-8 सीटें और AAP को जीरो सीटें मिलती दिख रही हैं. अगर इनका एवरेज हम निकालें तो कांग्रेस को 35, बीजेपी को 29 और अन्य को 4 सीटें मिलती दिख रही हैं और आम आदमी पार्टी का खाता खुलना मुश्किल है.
इस एग्जिट पोल में कांग्रेस को 44, बीजेपी को 42 और आम आदमी पार्टी को 3 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. ये इकलौता एग्जिट पोल है जिसमें कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है.
इसके अलावा जन की बात, ETG-TNN ने बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान लगाया है, इसके अलावा टीवी9 और टुडेज चाणक्य ने कांटे की टक्कर दिखाई है. कुल मिलाकर सभी एग्जिट पोल्स का मर्म ये है कि बीजेपी को 33-38 सीटें मिल सकती हैं, कांग्रेस को 29-34, अन्य को 2-4 और AAP को 0-1. अब सवाल ये है कि अगर नतीजे भी इसी के इर्द गिर्द आते हैं तो क्या हो सकता है और उसका मतलब क्या है. उसके बाद आम आदमी पार्टी के हाथ क्या लगा ये भी अहम है.
बीजेपी को नुकसान तय है?
जो रुझान एग्जिट पोल में दिख रहे हैं, उन्हें देखकर आप कह सकते हैं कि कौन सरकार बनाएगा ये कहना बड़ा मुश्किल है, लेकिन ये तय है कि बीजेपी को नुकसान हो रहा है. भले ही वो सरकार बनाने में कामयाब हो जाए. क्योंकि अगर थोड़ी बहुत कमोबेशी सरकार बनाने में रही तो आप जानते हैं कि इस मैनेजमेंट में कौन बेहतर है. इसीलिए मौजूदा हिमाचल के सीएम दावा कर रहे हैं कि सरकार तो हम ही बनाएंगे.
2017 के मुकाबले इन एग्जिट पोल को दखा जाये तो पाएंगे कि पिछली बार बीजेपी ने 48.8 फीसदी वोट पाये थे और 44 सीटों के साथ 35 सीटों के बहुमत वाले प्रदेश में सरकार बनाई थी. जबकि कांग्रेस को 41.7 फीसदी वोट मिले थे और 21 सीटें.
दोनों पार्टियों के बीच पिछली बार करीब 2 प्रतिशत वोट का अंतर था और इस बार भी बहुत बड़ा अंतर नजर नहीं आ रहा है. ये भी हिमाचल का मिजाज है कि वहां वोट प्रतिशत में बहुत ज्यादा अंतर इन दोनों पार्टियों के बीच नहीं होता है. क्योंकि छोटा राज्य है और वोट भी बहुत ज्यादा नहीं हैं. इसलिए कई बार थोड़ा सा वोट प्रतिशत कई सीटें के रिजल्ट पर असर डालता है.
कांग्रेस खुश हो या दुखी?
कांग्रेस ये देखकर खुश हो सकती है कि उसका प्रदर्शन सुधर सकता है लेकिन वो इतना सुधरता नहीं दिख रहा कि वो बीजेपी को कोई मौकी ही ना दे. क्योंकि टक्कर के मुकाबलों में या थोड़ी सीटों के फायदे से सरकार बनाने का अनुभव कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश और गोवा जैसे राज्यों में भी कोई बहुत अच्छा नहीं रहा है. इसीलिए अब कांग्रेस के लिए असमंजस ये है कि भाई मामला इतना टक्कर का हुआ तो वो क्या करेंगे. क्योंकि बहुत मुमकिन है कि निर्दलीयों में कई लोग वो जीतकर आ जायें जो बीजेपी से बगावत करके आये हैं. जिनका बीजेपी के साथ जाना कोई बहुत मुश्किल नहीं होगा.
अब एक चीज और देखिए कि एक्सि माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का मत प्रतिशत 2017 के मुकाबले घटा है और शहरी इलाकों में बढ़ गया है. ये एक बड़ा उलटफेर होगा अगर नतीजों में तब्दील हुआ.
लेकिन यहां एक बात जो कांग्रेस के लिए साफ है कि अगर बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो गुजरात की तरह ही यहां भी विपक्ष की कमजोरी सबसे बड़ा कारण होगी. गुजरात में तो शायद नहीं लेकिन अगर यहां कांग्रेस पूरी ताकत झोकती तो कांटे का मुकाबला शायद कांग्रेस की जीत में बदल सकता था.
AAP को क्या मिला?
सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी को लेकर हिमाचल चुनाव के शुरुआत में काफी बज था, हालांकि अंत आते-आते ऐसा लगा कि आम आदमी पार्टी ने वहां हथियार डाल दिये हैं. जिसका नतीजा एग्जिट पोल्स के आंकड़ों में साफ दिख रहा है. लगभग सभी एग्जिट पोल एक चीज को लेकर सहमत दिख रहे हैं कि आम आदमी पार्टी को हिमाचल में जीरो सीट मिलने जा रही हैं.
हिमाचल चुनाव की पूरी कवरेज यहां क्लिक कर देख सकते हैं
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)