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Karnataka Election Result: कर्नाटक में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM का क्या हुआ?

Karnataka Election Result: ओवैसी के नुकसान से बीजेपी-कांग्रेस में से किसे हुआ फायदा?

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"BJP की बी-टीम, मुसलमानों की पार्टी, वोट काटवा", ये सारे शब्द का सामना करने वाली असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election 2023) में क्या हाल है? कर्नाटक की बीजेपी बनाम कांग्रेस की लड़ाई में ओवैसी ने कितने सीटों पर चुनाव लड़ा था और अब जब नतीजे आ रहे हैं तो AIMIM कहां दिख रही है? कर्नाटक में वोटों की गिनती जारी है और कई सीटों पर नतीजे भी आ चुके हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) इस चुनाव में कुछ ज्‍यादा नहीं कर पाई है. AIMIM के सभी उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई है.

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रुझानों के मुताबिक कांग्रेस कर्नाटक में सरकार बनाती दिख रही है, वहीं बीजेपी के सीटों में भारी गिरावट है. इन सबके बीच अगर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की बात करें तो उन्हें एक फीसदी वोट हासिल भी नहीं हुआ है. हालांकि इतने कम वोट प्रतीशत के पीछे एक कारण है कि AIMIM ने 224 में से सिर्फ दो सीटों पर चुनाव लड़ा था.

शुरुआत में खबर आई कि AIMIM 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन बाद में पार्टी ने सिर्फ दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने और एक सीट पर बाहरी कैंडिडेट को समर्थन देने का फैसला किया.

किन सीटों पर AIMIM ने लड़ा था चुनाव?

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी हुबली-धारवाड़ ईस्ट से दुर्गाप्पा कश्यप्पा बिजावड को अपना उम्मीदवार बनाया था, वहीं बसवना बागेवाड़ी सीट से अल्लाहबख्श बीजापुर को टिकट दिया था.

हुबली-धारवाड़ ईस्ट पर AIMIM के कैंडिडेट को करीब 5644 वोट मिले हैं, मतलब करीब 4 फीसदी वोट. वहीं इस सीट पर कांग्रेस को सबसे ज्यादा 57 फीसदी वोट मिला है. कांग्रेस के अभय्या प्रसाद को अबतक 85 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी दूसरे नंबर पर है. बीजेपी के उम्मीदवार क्रांति किरण को करीब 35 फीसदी वोट मिले हैं और 53 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं.

दूसरी सीट बसवना बागेवाड़ी की बात करें तो यहां से AIMIM के अल्लाहबख्श बीजापुर को एक फीसदी वोट भी नहीं मिले हैं, 1500 से भी कम वोट AIMIM के उम्मीदवार को मिले हैं. जब्कि यहां कांग्रेस ने बड़े मार्जिन से चुनाव जीत लिया है. कांग्रेस को 43, BJP 27 और जेडीएस को 26 फीसदी वोट मिले हैं.

बता दें कि भले ही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने सिर्फ दो सीटों पर चुनाव लड़ा हो लेकिन इससे पहले साल 2021 के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. उत्तरी कर्नाटक में स्थानीय निकायों में AIMIM ने विजयपुरा नगर निगम में दो सीटें जीती थीं. बेलगावी नगर निगम में एक, बीदर में एक और बसवाना बागवाड़ी नगर निगम में एक सीट पर जीत हासिल की थी. हुबली धारवाड़ में भी AIMIM के 3 नगर सेवक हैं.

बता दें कि कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2018 के चुनावों में, AIMIM ने जेडी(एस) का समर्थन किया था और कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था.

अतीक अहमद, बजरंग बली, हिंदू, मंदिर ओवैसी ने चुनाव प्रचार में क्या बोला था

ओवैसी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस से लेकर बीजेपी पर निशान साधा था. दरअसल, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी. कांग्रेस के इस ऐलान के बाद बीजेपी हमलावर थी. यहां तक की पीएम मोदी ने बजरंग दल के बैन की बात को बदरंग बली से जोड़ दिया था. प्रधानमंत्री ने अपनी एक रैली में कहा था,

"आप (लोग) इस बार क्या करेंगे? क्या आप उन्हें सजा देंगे? क्या आप गाली देने वालों को सजा देंगे? इस बार जब पोलिंग बूथ में जब आप बटन दबाएंगे तो 'जय बजरंगबली' बोलकर इनको सजा दे देना."

इसी के जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा था कि यह कौन सी धर्मनिरपक्षेता है? देश के प्रधानंमत्री मोदी कह रहे हैं कि जब आप वोट डालें तो जय बजरंग बली का नारा लगाकर वोट डालें. आज, कांग्रेस के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वे और अधिक हनुमान मंदिर बनाएंगे.

ओवैसी ने आगे कहा, "अगर मैं आज खड़े होकर तकरीर में बोलूं कि कर्नाटक के मजलूमों 10 मई को जब वोट डालो तो अल्लाह हू अकबर बोलकर वोट डालना, तो पूरे मीडिया वाले बोलेंगे कि ओवैसी किधर लेकर चला गया."

कुल मिलाकर इस चुनाव में कांग्रेस AIMIM पर अपना वोट काटने का इलजाम तो नहीं लगा पाएगी.

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