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पश्चिम बंगाल चुनाव में TMC ने कैसे बीजेपी को 12 सीटों पर समेटा?

पश्चिम बंगाल की 22 सीटों पर अभी काउंटिंग जारी है

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लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) के वोटों की गिनती हो चुकी है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) 24 सीटें जीत चुकी है, वहीं बीजेपी राज्य में 8 सीटें जीत चुकी है. कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है. हालांकि 9 सीटों पर नतीजे आने बाकी हैं. इन सभी 9 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस आगे है. यानी 31 सीटें हासिल करने में तृणमूल सफल रही है. जरा समझते हैं कि कैसे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी को 12 सीटों पर समेट दिया.

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बीजेपी को 12 सीटों पर समेटने के लिए TMC ने इन तीन मोर्चों पर काम किया.

  • सबसे पहले TMC ने बीजेपी के उत्तरी बंगाल और जंगल महल के गढ़ों में सेंध लगाने पर ध्यान फोकस किया। साथ ही TMC ने दक्षिण बंगाल में पार्टी को मिलने वाले फायदों को बेअसर करने के लिए भी काम किया.

  • चुनावों में अकेले लड़ने का दांव सफल रहा और टीएमसी अधिकांश अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर स्पष्ट विकल्प के रूप में उभरी.

  • पार्टी 2021 के विधानसभा चुनाव की जीत से सीख लेते हुए अपनी कल्याणकारी योजनाओं और बंगाली अस्मिता के साथ वाले राष्ट्रवाद के साथ चुनावी मैदान में उतरी.

TMC की योजनाओं का ग्राउंड पर असर 

चुनाव में टीएमसी की योजनाओं का ग्राउंड पर असर दिखा है. खासकर TMC की लक्षमीर भंडार योजना, जिसके तहत सामान्य वर्ग की महिलाओं को 1,000 रुपए महीने की आर्थिक सहायता और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को 1,200 सीटें मिली थीं. इस योजना ने ममता बनर्जी को उस महिला वोट का फायदा दिलाया, जो उनके साथ साल 2011 से बना हुआ है.

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महुआ पर भरोसा जताने का फायदा 

2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में TMC ने 22 सीटें जीती थीं. वहीं बीजेपी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC के गढ़ में सेंध मारकर 18 सीटें हासिल कर सबको चौंका दिया था. 2019 में कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं.

संसद में टीएमसी की सबसे वोकल नेताओं में से एक महुआ मोइत्रा. संसद से सदस्यता रद्द किए जाने के बावजूद पार्टी ने एक बार फिर महुआ मोइत्रा पर भरोसा जताया. महुआ ने 56 हजार वोट के मार्जिन से चुनाव जीता. TMC नेता महुआ मोइत्रा पर आरोप लगा था कि उन्होंने कथित तौर पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे थे.

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