मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) ने बड़ी जीत हासिल की है, वाकई 163 सीटें बड़ी जीत है. बीजेपी की इस जीत के पांच फैक्टर में आपने एक फैक्टर हर जगह पड़ा होगा 'मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना' (Ladli Bahana Yojna). इसी योजना को जीत का श्रेय दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि एमपी की लड़ली बहनों ने बीजेपी को जिता दिया.
लेकिन क्या लड़ली बहनों की वजह से ही बीजेपी मध्य प्रदेश के कर्ज का बोझ और बढ़ा देगी? चलिए हिसाब किताब करते हैं.
लाडली बहना योजना महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर करने के उद्देश्य से लागू की गई. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मार्च 2023 में इस योजना को लागू करते वक्त कहा कि इससे महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा होगा और परिवार को भी मदद हो जाएगी.
करीब 1 करोड़ 31 लाख महिलाएं जिनके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख या इससे कम है को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा. इसके लिए महिला की उम्र 21-60 साल के बीच होनी चाहिए. सीएम के मुताबिक पहले योजना के तहत हर महीने 1000 रुपये दिए गए फिर 1250 रुपये कर दिए गए. आने वाले समय में इसे 3000 रुपये प्रति माह करने का लक्ष्य रखा गया है.
जून से इस योजना के तहत लाडली बहनों को किस्त मिलना शुरू हुई, इस योजना के लिए सरकार ने साल 2023 के लिए 8000 करोड़ रुपये का बजट रखा है. जाहिर है ये बजट बढ़ाया जाएगा. एमपी के 3.14 लाख करोड़ बजट में से सरकार 1.02 लाख करोड़ महिलाओं पर खर्च किए जा रहे हैं.
लेकिन ये पैसा आएगा कहां से? जाहिर है इसके लिए सरकार को कर्ज लेना होगा.
अभी मध्य प्रदेश कितने कर्ज में डूबा है?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश पर 3.76 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज है. ये कर्ज का पैसा भी इंडायरेक्टली सरकार जनता से ही वसूल करती है.
अब एमपी सरकार के फाइनेंस पर नजर डालते हैं:
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था 13.87 लाख करोड़ की है. 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार राज्य का फिस्कल डेफिसिट 3.6% है यानी 13.87 लाख करोड़ का 3.6% हिस्सा सरकार का घाटा है. RBI के अनुसार घाटा 3.5% तक रखा जा सकता है, इससे ज्यादा होने पर सरकार को सतर्क होना शुरू हो जाना चाहिए.
कितना कमाता है मध्य प्रदेश? 2023-24 में राज्य ने 2.25 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है, इसमें सरकार द्वारा लिया गया कर्ज शामिल नहीं है.
कितना खर्च किया? 2023-24 में राज्य ने 2.81 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
मध्य प्रदेश को जीएसटी के पैसे और कृषि सेक्टर में काफी फायदा हुआ है, यहां से सरकार की कमाई बढ़ी है, और इसी वजह से सरकार को खर्च करने के लिए एक स्पेस मिला है. कोई भी राज्य बिना कर्ज लिए काम नहीं कर पाता है. मध्य प्रदेश की तुलना में राजस्थान, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर कर्ज ज्यादा है.डॉ गणेश कावड़िया, अर्थशास्त्री
ये बात सही है कि कर्ज लेना कोई समस्या नहीं है, लेकिन कर्ज को समय पर चुकाना बहुत जरूरी है और कर्ज का बोझ बढ़ने न देना राज्य के लिए बेहतर होता है. पीएम मोदी समेत उनकी पार्टी के कई नेता मुफ्त की योजना के खिलाफ प्रचार करते रहे हैं लेकिन एमपी की लाडली बहना योजना ही चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई है.
हर दिन लाडली बहना पर खर्च होंगे 131 करोड़
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दावे के मुताबिक आने वाले समय में हर महीने लाडली बहनों को 3000 रुपये दिए जाएंगे. हमने एक सामान्य गणित लगाया. अगर हर महीने 1 करोड़ 31 लाख महिलाओं को 3000 रुपये दिए जाएंगे तो एक दिन में खर्च होने वाली संख्या 131 करोड़ रुपये होगी.
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