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MP Election 2023 Dates: 17 नवंबर को चुनाव, 230 सीटों पर 3 दिसंबर को आएंगे नतीजे

MP Election 2023: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, मध्य प्रदेश में 5.6 करोड़ मतदाता हैं."

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) की तारीखों का ऐलान हो गया है. निर्वाचन आयोग ने सोमवार (9 अक्टूबर) को चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करते हुए बताया कि राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को एक चरण में चुनाव होगा.

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एक नजर चुनाव कार्यक्रम पर

  • 21 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा.

  • 30 अक्टूबर नामांकन की आखिरी तारीख

  • 2 नवंबर तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं.

  • मध्य प्रदेश में 5.6 करोड़ मतदाता

  • 17 नवंबर को एक चरण में होंगे चुनाव.

  • 3 दिसंबर को होगी मतगणना.

  • 5 दिसंबर के पहले चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएंगी.

MP Election 2023: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, मध्य प्रदेश में 5.6 करोड़ मतदाता हैं."

एमपी चुनाव 2023 का शिड्यूल

(फोटो: स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

बीजेपी-कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला

राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही नजर आ रहा है, लेकिन समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी के मैदान में उतरने से मुकाबला थोड़ा टाइट हो गया है. ऐसे में इन दलों के सामने आने से बीजेपी और कांग्रेस दोनों की टेंशन बढ़ गई है. एसपी और बीएसपी पहले भी एमपी में चौंकाती रही हैं तो वहीं, आम आदमी पार्टी भी अपने प्रदर्शन से गोवा, गुजरात की तरह एमपी में हैरान कर सकती है.

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किन चेहरों पर दारोमदार?

एमपी में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने अपने केंद्रीय नेताओं को मैदान में उतार दिया है. शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है, तो वहीं कांग्रेस कमलनाथ के चेहर पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि, पार्टी ने दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, गोविंद सिंह, कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव को भी चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है.

MP चुनाव 2018 के क्या था नतीजे?

2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109, समाजवादी पार्टी को एक, बीएसपी को दो सीट मिली थी, जबकि 4 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत हासिल करने में सफल हुए थे.

इस तरह कांग्रेस ने 15 साल बाद बीजेपी को सत्ता से बाहर करते हुए राज्य में सरकार बनाई. हालांकि, कमलनाथ ज्यादा दिन तक सीएम नहीं रह पाये औरज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थित 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई और मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौथी बार सीएम बन गये.

2018 के एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी का मत प्रतिशत 41-41 फीसदी रहा था. हालांकि, कांग्रेस का मत प्रतिशत 2013 के मुकाबले 2018 में 8 प्रतिशत बढ़ा था.

एमपी में खिलेगा 'कमल' या 'हाथ का पंजा' होगा कब्जा?

विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी सरगर्मी भी और तेज हो जाएगी. बीजेपी जहां 78 सीटों पर, जिसमें तीन केंद्रीय मंत्री और सात सांसद शामिल है, प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है तो वहीं, कांग्रेस में उम्मीदवारों के नाम पर मंथन चल रहा है.

इस बीच, दोनों ही पार्टी जीत हासिल करने का दावा कर रही हैं. 18 सालों से राज्य की सत्ता में काबिज बीजेपी 150 प्लस सीट हासिल कर पांचवीं बार सरकार बनाने का दावा कर रही है तो वहीं, 15 महीने सत्ता में रहने का सुख हासिल करने वाली कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की हुंकार भर रही है. लेकिन एमपी में 'कमल' खिलेगा या 'हाथ का पंजा' मजबूत होगा, इसके लिए नतीजों तक का इंतजार करना पड़ेगा.

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