दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन पर अभी भी कोई फैसला नहीं हो पाया है. मंगलवार को पूर्व सीएम और दिल्ली कांग्रेस चीफ शीला दीक्षित ने जब प्रेस कांफ्रेंस का ऐलान किया तो इस बात के कयास तेज हो गए थे कि वह गठबंधन का ऐलान करेंगी. लेकिन उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी लेंगे और जब गठबंधन होगा तो मीडिया को बता दिया जाएगा.
दिल्ली के कांग्रेस प्रभारी ने दिए थे गठबंधन के संकेत
इससे पहले पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने भी कहा था कि राहुल गांधी खुद लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर फैसला करेंगे. चाको ने कहा था कि आम आदमी पार्टी से कोई बातचीत नहीं हुई है. इस बात पर चर्चा होनी है कि आम आदमी से गठबंधन करना है या नहीं. दोनों पार्टियों को गठबंधन को लेकर दिक्कतें हो सकती है लेकिन आखिरकार हमें बीजेपी और मोदी को हटाना है.इसलिए हम एक साथ आएंगे.
दिल्ली में पहले कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था. लेकिन इसके बाद खबरें आईं कि बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर विचार कर रही है. हालांकि उस वक्त शीला दीक्षित ने गठबंधन करने के पार्टी के इस विचार का विरोध किया था. उनका कहना था आम आदमी पार्टी से गठबंधन कांग्रेस के हित में नहीं होगा. दिल्ली में विधानसभा सीटों के मद्देनजर पार्टी के लिए यह फैसला ठीक नहीं रहेगा.
गठबंधन के खिलाफ शीला ने लिखी थी आलाकमान को चिट्ठी
खबरों के मुताबिक शीला दीक्षित ने राहुल और सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कर कहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन आगे चल कर पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचाएगा. वैसे मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में जब उनसे गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह फैसला उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ दिया है. पार्टी आलाकमान अगर गठबंधन के पक्ष में फैसला करता है तो मैं साथ हूं. लेकिन मेरा मानना है कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अकेले चुनावी लड़ाई लड़ सकती है.
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