उत्तराखंड चुनाव की सबसे हॉट सीट्स में से एक चौबट्टाखाल सीट से बीजेपी उम्मीदवार और कैबिनेट मंत्री रहे सतपाल सिंह रावत (सतपाल महाराज) ने जीत हासिल की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के केसर सिंह को 11,430 वोटों से हरा दिया है. सतपाल महाराज को कुल 24,927 वोट मिले जबकि, केसर सिंह 13,497 वोट हासिल कर पाए. कभी उत्तराखंड कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे, लेकिन उन्हाेंने बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद, सतपाल महाराज ने 2017 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर चौबट्टाखाल से लड़ा और जीत हासिल की. सतपाल महाराज उत्तराखंंड की बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे. बीजेपी के टिकट पर ये उनका दूसरा चुनाव था.
चौबट्टाखाल सीट परिसीमन से पहले बीरोंखाल सीट का हिस्सा थी, बीरोंखाल सीट से 2002 और 2007 में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत कांग्रेस से विधायक चुनी गई थीं. परिसीमन के बाद बनी चौबट्टाखाल सीट पर पहली बार बीजेपी के तीरथ सिंह रावत विधायक बने थे.
सतपाल महराज से हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार केसर सिंंह नेगी फिलहाल पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. कांग्रेस ने राजपाल बिष्ट की जगह उन्हें टिकट दिया था, जो कभी राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा हुआ करते थे. लेकिन इस बार पार्टी ने केसर सिंह पर भरोसा जताया था. इस सीट पर सीधा मुकाबला सतपाल महाराज और केसर सिंंह नेगी के बीच ही था, हालांंकि आम आदमी पार्टी उम्मीदवार दिग्मोहन नेगी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की. लेकिन उन्हें सिर्फ 1,908 वोट मिल पाए और सतपाल महाराज के आगे बाकी सबको निराशा हाथ लगी. इस सीट पर लगभग 90 हजार मतदाता हैं. चौबट्टाखाले सीट पर पूर्व सैनिक मतदाताओं की संख्या भी काफी ज्यादा बताई जाती है.
सतपाल महाराज का जन्म 21 सितंबर 1951 को हरिद्वार में हुआ था.उनका असली नाम सतपाल सिंह रावत है लेकिन उन्हें सतपाल महाराज के नाम से भी जाना जाता है. वह अभी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारी के सदस्य हैं. इससे पहले वो कांग्रेस से सांसद भी रह चुके हैं.
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