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‘मेरी आजादी, मेरा राइट...है जरा कंडीशन अप्लाइड’ - आयुष्मान की आह

मेरी आजादी, मेरा राइट... है जरा कंडीशन अप्लाइड!

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कविता: अभिनव नागर

कैमरा: संजॉय देब

कैमरा और प्रोडक्शन असिस्टेंट: गौतम शर्मा

वीडियो एडिटर: आशीष मैकक्यून

प्रोड्यूसर: दिव्या तलवार

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भारतीय संविधान ने अपने देशवासियों को उनके अधिकार दिए हैं. लेकिन तब क्या होता है जब इन अधिकारों पर कुछ शर्तें लगा दी जातीं हैं? फिल्म 'आर्टिक्ल 15' के एक्टर आयुष्मान खुराना इस वीडियो में आपको दुनिया की उस असलियत को दिखाएंगे जिसमें हम रहते हैं...

मेरी आजादी, मेरा राइट...
है जरा कंडीशन अप्लाइड!

संविधान ने दिया मुझे
सब कहने लिखने का राइट...
पर पता ना था कि ये तब मुमकिन...
जब आप हैं 'उनकी' साइड...

मेरी आजादी, मेरा राइट...
है जरा कंडीशन अप्लाइड!

खाने पीने जीने का,
यूं सबको अधिकार समान है...
पर भीड़ को तुम पर शक हुआ तो
तुम्हारी पहचान ही उनका संविधान है...
मेरी जिंदगी और मौत भी...
जब मेरा नाम करे डिसाइड...

मेरी आजादी, मेरा राइट...
है जरा कंडीशन अप्लाइड!

किसान जो हूं मैं...
तो सब कुछ उगाने का फ्रीडम है...
पर फसल जो असफल हुई
तो बेरहम ये सिस्टम है...
कर्ज में डूबी लाचारी का...
क्यों चारा बस, खेतों का पेस्टीसाइड..

मेरी आजादी, मेरा राइट...
है जरा कंडीशन अप्लाइड!

बेटी जो हूं मैं...
'बचाओ और पढ़ाओ' का मुझसे वादा है...
पर बचूं किस से? घर दफ्तर जब...
टूटती हर मर्यादा है...
मेरे बर्थ को चुनना भी,
हो जब तक किसी और का बर्थराइट...

मेरी आजादी, मेरा राइट...
है जरा कंडीशन अप्लाइड!

यूं तो देकर टैक्स, मुझे...
हर सुविधा मिलनी चाहिए...
सड़क के गड्ढों, गुंडों से...
सुरक्षा मिलनी चाहिए...
पर इस एक्सपेक्टेशन और रियलिटी में...
अभी है एक बड़ा डिवाइड...

मेरी आजादी, मेरा राइट...
है जरा कंडीशन अप्लाइड!

रंग, जात और धर्म का..
यह भेदभाव संगीन है...
मूक हमें क्यों देखता
यूं आर्टिकल 15 है?
हक होने और हक पाने के
बीच रोजाना चलती फाईट...

मेरी आजादी, मेरा राइट...
है जरा कंडीशन अप्लाइड!

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'मुल्क' फिल्म को डायरेक्ट करने वाले अनुभव सिन्हा ने ही 'आर्टिकल 15' को डायरेक्ट किया है. ये फिल्म दो दलित महिलाओं के बलात्कार और मर्डर पर आधारित है, जो उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था. फिल्म 28 जून को रिलीज होगी.

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