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गुंजन सक्सेना की वो कारगिल गाथा, जिसे पर्दे पर निभाएंगी जाहन्वी

कारगिल वॉर में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना पर फिल्म बन रही है.

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बॉलीवुड में एक और बायोपिक आ रही है, कारगिल वॉर में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना पर फिल्म बन रही है. गुंजन का किरदार निभा रही हैं जाहन्वी कपूर . ये फिल्म अगले साल रिलीज होगी और आपके सामने होगी गुंजन सक्सेना की कहानी, लेकिन फिल्म रिलीज से पहले हम आपको बताते हैं गुंजन के बहादुरी के वो किस्से जो बहुत कम लोग ही जानते हैं.

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एक पांच साल की छोटी बच्ची ने जब पहली बार लड़ाकू विमान देखा, तो उसने उसी दिन ये फैसला कर लिया कि एक दिन वो ये विमान खुद उड़ाएगी. ये बच्ची थी गुंजन सक्सेना जिनका ऐसे परिवार में जन्म हुआ, जहां उनके पिता और भाई दोनों की सेना में थे. बचपन से ही उस बच्ची ने देश के लिए सबकुछ कुर्बान करने का फैसला कर लिया.

पाकिस्तान से किया डटकर मुकाबला

कारगिल वॉर के दौरान जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच जंग चल रही थी, दोनों ओर से गोलियां बरस रही थीं. उस वक्त घायल सैनिकों को बचाने का जिम्मा लिया गुंजन सक्सेना और उनकी साथी श्री विद्या ने. गुंजन और उनकी साथी विद्या को कश्मीर के उस क्षेत्र में भेजा गया, जहां पाकिस्तानी सैनिक लगातार भारतीय फौजियों पर रॉकेट लॉन्चर और गोलियों से हमला कर रहे थे. चीता हेलीकॉफ्टर लिए दोनों ने युद्ध के मैदान में जाकर सैकड़ों सैनिकों की मदद की. बिना हथियार के गुंजन पाकिस्तानी फौज का मुकाबला करती रहीं और कई जवानों को सुरक्षित निकालने में कामयाब भी हुईं.

पाकिस्तानी सैनिक लगातार हमला कर रहे थे, यहां तक कि गुंजन के एयरक्राफ्ट पर भी मिसाइल दागे गए, लेकिन निशाना चूक गया और गुंजन बाल-बाल बचीं.

गुंजन को मिला शौर्य वीर पुरस्कार

गुंजन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंजराज कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद एयरफोर्स ज्वाइन किया था. गुंजन सक्सेना और श्री विद्या राजन उन 25 ट्रेनी पायलटों में शामिल थीं, जिन्हें 1994 में भारतीय वायुसेना के पहले बैच में शामिल होने का मौका मिला था. 1999 में जब कारगिल जंग छिड़ी तो दोनों को देश के लिए कुछ करने का मौका मिला, गुंजन ने इससे पहले कभी फाइटर जेट नहीं उड़ाया था. युद्ध के दौरान जब भारतीय सेना को पायलट को जरूरत पड़ी, तब गुंजन और श्री विद्या युद्ध क्षेत्र में भेजने का फैसला किया गया.

अपने मिशन को अंजाम देने के लिए गुंजन को कई बार लाइन ऑफ कंट्रोल के बिल्कुल नजदीक से भी उड़ान भी पड़नी पड़ी, जिससे पाकिस्तानी सैनिकों की पोजिशंस का पता लगाया जा सके, गुंजन और उनकी साथी ने अपनी जान पर खेलकर इस पूरे मिशन को अंजाम दिया था. गुंजन सक्सेना को कारगिल युद्ध के दौरान उनकी बहादुरी के लिए शौर्य वीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इस पुरस्कार को पाने वाली वह पहली महिला बनीं.

अब करण जौहर गुंजन सक्सेना पर बनने वाली फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे हैं और इस फिल्म की हीरोइन होंगी जाहन्वी कपूर .

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