कई क्लासिक फिल्मों का गवाह रहा आइकॉनिक आर के स्टूडियो आखिर बिक गया. रियल्टी सेक्टर का जाने माने नाम गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड ने शोमैन राजकपूर के करीब 70 साल पुराने इस स्टूडियो को खरीद लिया है.
2.20 एकड़ में फैले आरके स्टूडियो के बिकने की आधिकारिक सूचना शुक्रवार को की गई. गोदरेज प्रॉपर्टीज ने सौदे की राशि की जानकारी नहीं दी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक जमीन की कीमत के हिसाब से स्टूडियो 200 करोड़ में बिका है. स्टूडियो का मालिकाना हक रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर के पास था. गोदरेज प्रॉपर्टीज के मुताबिक आरके स्टूडियो में 33 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में मॉडर्न रेजिडेंशियल अपार्टमेंट और लग्जरी रिटेल स्पेस डेवलप किया जाएगा. गोदरेज प्रॉपर्टीज गोदरेज ग्रुप की सहायक कंपनी है.
लंबे समय से आरके स्टूडियो का इस्तेमाल नहीं हो रहा था. साल 2017 सितंबर में आग लगने से स्टूडियो लगभग पूरी तरह बर्बाद हो गया था. जिसके बाद से इस स्टूडियो को बेचने की खबरें सामने आ रहीं थी. आपको बता दें कि इस स्टूडियो से बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों की कहानियां जुड़ी हुई है
सात दशक पुराना आरके स्टूडियो की नीव रखने की कहानी
1940 के दशक में जब राजकपूर ने चेंबूर इलाके में अपना ये स्टूडियो बनाया था, तो ये इलाका बहुत ही कम आबादी वाला मुंबई का एक उपनगर था. तब इसे मुंबई से खंडाला-लोनावाला के रूट के रूप में जाना जाता था. इस स्टूडियो में कई ऐसी हिट फिल्में बनाई गईं जो लोगों के दिलों में अमर हो गईं.
- इस स्टूडियो में आग, बरसात, आवारा, बूट, श्री 420 पॉलिश जैसी कई हिट फिल्में बनी
- इस स्टूडियो में साल 1948 में बनी पहली फिल्म आग के बाद 21 फिल्में बनी
- इस स्टूडियो में आखिरी फिल्म आ अब लौट चले बनाई गई थी.
- साल 2017 में आग लगने के बाद इस स्टूडियो को बेचने की खबरें सामने आने लगीं
‘इस स्टू़डियो के लिए राज कपूर ने की दिन-रात मेहनत’
राज कपूर ने पाई-पाई जोड़कर आरके स्टूडियो की नींव रखी थी. इसके लिए उन्होंने कर्ज भी लिया था. यहां बनाई गई फिल्म 'बरसात' इतनी हिट हुई की उन्होंने आमदनी से न सिर्फ अपना कर्जा उतारा बल्कि चेंबूर में 2.2 एकड़ की जमीन आर के स्टूडियो खरीदा.
आर के स्टूडियो ने फिल्मों के जरिये मनोरंजन, रोमांस और समाजिक सुधार का गजब का फ्लेवर पेश किया. ऐसी कई फिल्में थीं जो राजकपूर बनाना चाहते थे पर कुछ कारणों से ऐसा नहीं हो पाया. इनमें से एक पीरियड फिल्म थी अजंता, जो कि जानी-मानी वेश्या आम्रपाली के ऊपर थी. जिन्होंने बौद्ध धर्म की खातिर अपने प्यार को छोड़ दिया था. राज कपूर अजंता फिल्म का निर्माण कुछ उसी तर्ज पर करना चाहते थे जैसा कि उन्होंने बेहद सफल फिल्म ‘संगम’ (1964) में वैजयंती माला को शोकेस किया था. लेकिन इसी बीच अभिनेत्री और राज कपूर के रास्ते अलग-अलग हो गए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)