दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HighCourt) ने अभिनेत्री जूही चावला (Juhi Chawla) के खिलाफ की गई उस टिप्पणी को खारिज कर दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी खतरों के कारण देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने को चुनौती देने वाला मुकदमा पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दायर किया था.
इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल 4 जून को एक्टर जूही चावला की 5G तकनीक लागू करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी. चावला के अलावा याचिका वीरेश मलिक और टीना वचानी ने भी दायर की थी. चावला ने याचिका में 5G तकनीक टेस्टिंग के बिना लागू करने को चुनौती दी थी.
जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने जूही चावला पर लगाए गए 20 लाख के जुर्माने को घटाकर 2 लाख रुपये कर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि जूही चावला ने 5जी मामले को हल्के तरीके से नहीं लिया था. बेंच ने जूही चावला की अपील को स्वीकार कर लिया और 4 जून, 2021 के आदेश को रद्द कर दिया, जिसके द्वारा जूही चावला और दो अन्य के मुकदमे को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया गया था कि यह पब्लिसिटी पाने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग था.
वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने ह्यूमन बॉडी पर 5जी टेक्नोलॉजी के द्वारा पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश पर उनसे सुझाव मांगेंगे.
बता दें कि कोर्ट ने डीएलएसए सचिव को नोटिस जारी करते हुए मामले से संबंधित अगली सुनवाई के लिए 27 तारीख तय की है.
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