देश में बलात्कार के बढ़ रहे मामलों ने लोगों में गुस्सा भर दिया है.
हालांकि, जब भी देश में ऐसी घटनाएं होती हैं, हमारे राजनेता हमें बेहतर और सुरक्षित महसूस कराने के लिए अपने ज्ञान से लबरेज हीरे सरीखे बयान हमारी तरफ फेंकते हैं. लेकिन उनके गहरे रिसर्च वाले साइंटिफिक बयान सोशल मीडिया पर एक मजाक बन जाता है. और हमारे नेताओं पर इतना कुशल और संवेदनशील होने के बावजूद हंसा जाता है. क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि हम हमेशा उनकी बातों का मतलब समझने में फेल हो जाते हैं ?
कुछ बयानों को हमने डीकोड किया है. और इसके लिए हमने ‘दास देव ‘ के एक्टर राहुल भट्ट और एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा की मदद ली है. हम गहरी डुबकी लगा ऐसे कुछ मोती पाना चाहते थे, लेकिन हमें कई सारे मोती मिले. और ज्ञान सिर्फ इतना जिसे हम संभाल सकें.
चूंकि सभी को एक वीडियो में समेटना मुमकिन नहीं था, इसलिए यहां हमारे सम्मानित नेताओं के ज्ञान के खजाने से निकले कुछ नमूने हैं जो बताते हैं कि बलात्कार क्यों और कैसे होते हैं?
“मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि लगभग 90 प्रतिशत लड़कियां पुरुषों के साथ कैजुअली मिलती हैं और बलात्कार का टारगेट बन जाती हैं.”धर्मवीर गोयत, हिसार कांग्रेस
हां, बिल्कुल. हमारे देश में महिलाएं ही तो रेप की सहमति देती हैं, उनपर तो सिर्फ शादी के लिए "मजबूर" किया जाता है.
“महिलाएं उनके खिलाफ किए गए अपराधों के लिए बराबर रूप से जिम्मेदार होती हैं. महिलाएं अपने शरीर का दिखावा करती हैं और कई अश्लील गतिविधियों में शामिल होती हैं. महिलाएं को खुद नहीं पता कि उनके एक्शन से किस तरह का मैसेज जाता है?”विभा राव, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष
इन्होंने बिल्कुल समझदारी भरी बात की है. महिलाएं रेप-प्रूफ कपड़े कहां खरीद सकती हैं? अमेजन या फ्लिपकार्ट?
“पुरुष कबूतर हमेशा महिला कबूतरों का पीछा करते हैं. ये एक पशु वृत्ति है.”किरण बेदी, बीजेपी नेता और पूर्व आईपीएस अधिकारी
जूलाॅजी के इस अहम लेसन के बारे में बताने के लिए धन्यवाद. जब कोई लड़का-लड़की को छेड़े, तो उसे सिर्फ "कबूतर जा-जा" गाना चाहिए और ये काम कर जाएगा?
“क्या बलात्कार के मामलों में फांसी होनी चाहिए? लड़के लड़के हैं, वे गलतियां करते हैं. मुंबई में दो या तीन को मौत की सजा दी गई है. हम ऐसे कानूनों को बदल देंगे ... हम उन लोगों की सजा तय करेंगे जो झूठे मामलों की रिपोर्ट कराते हैं.”मुलायम सिंह यादव, समाजवादी पार्टी
लाॅजिक: लड़के लड़के हैं, वे बलात्कार करेंगे. लड़कियां आत्महत्या कर सकती हैं अगर उन्हें बलात्कार पसंद नहीं है, तो लड़कों को इसके लिए क्यों फांसी दी जानी चाहिए?
“भगवान भी बलात्कार को रोक नहीं सकते हैं.”अजीज कुरैशी, गवर्नर, मिजोरम
दिन का सबक: जब सब कुछ फेल हो जाए, तो उसे भगवान भरोसे छोड़ दें.
कैमरा: संजय देब
एडिट: वीरू कृषण मोहन और दिव्या तलवार
प्रोडक्शन असिस्टेंट: गौतम शर्मा
प्रोड्यूसर: दिव्य तलवार
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