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कवि प्रदीप जिनके देशभक्ति गीत आज भी सुनेंगे तो रोएं खड़े हो जाएंगे

कवि प्रदीप के लिखे हुए गाने आज भी हर हिंदुस्तानी की जुबानी पर हैं

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'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी', 'दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल, 'आओ बच्चो! तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की' जैसी कई देशभक्ति आपने जरूर सुने होंगे. लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इन गीतों की रचना किसने की है.

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इन गानों के रचनाकार हैं कवि प्रदीप, उन्होंने पांच दशकों में 1,700 से अधिक गाने लिखे हैं. यहां तक कि उन्होंने अपनी खास कविता से ब्रिटिश सरकार को भी आक्रोशित कर दिया था. आज कवि प्रदीप की जयंती है. इस मौके एक बार फिर उन देशभक्ति गीतों को सुनकर अपने अंदर वही जोश भर लेते हैं-

'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी'

मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने सबसे पहले कवि प्रदीप के लिखे 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी' गाने को गाया था. 26 जनवरी 1963 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने उन्होंने ये गाना गाया था.

‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं, झांकी हिंदुस्तान की...’

कवि प्रदीप ने ऐसे भी देशभक्ति गीत लिखे, जो बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय हुए. ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की’ सबसे फेमस गानों में से एक है.

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'दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल'

ये गाना साल 1954 में रिलीज हुई फिल्म ‘जागृति’ में आशा भोंसले ने गाया है.

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‘हम लाएं हैं तूफान से कश्ती निकाल के, इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के’

ये गाना साल 1954 में रिलीज हुई फिल्म ‘जागृति’ में गायक मोहम्मद रफी ने गाया है.

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'इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा'

ये गाना साल 1959 में रिलीज हुई फिल्म ‘पैगाम’ में गायक मन्ना डे ने गाया है.

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'आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है'

ये गाना साल 1943 में रिलीज हुई फिल्म ‘किस्मत’ में अमीरबाई कर्नाटकी और खान मस्ताना ने गाया है.

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