कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण करीब ढाई महीने तक शूटिंग बंद होने के बाद, अब महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के नॉन-कंटेनमेंट जोन में कुछ नियमों के साथ शूट की इजाजत दे दी है. एक नियम के मुताबिक, 65 साल से ज्यादा के एक्टर्स को सेट पर आने की इजाजत नहीं होगी. इसपर क्विंट ने की टीवी इंडस्ट्री के कुछ जाने-माने सीनियर एक्टर्स से बात.
गाइडलाइंस के मुताबिक, सेट पर केवल 33% क्रू मौजूद रहेगा, इसमें मेन कास्ट शामिल नहीं है. किसी भी प्रेगनेंट कर्मचारी को सेट पर आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. 65 साल से अधिक उम्र के एक्टर्स, फिक्शन और नॉन-फिक्शन शूट के लिए ऑडियंस को भी सेट पर आने की अनुमति नहीं होगी.
IFTDA ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस क्लॉज को रिवाइज करने के लिए कहा है, क्योंकि अधिकतर सीनियर एक्टर्स काफी एक्टिव हैं.
क्या सीनियर एक्टर्स के बिना हो सकता है शूट? क्या प्रोड्यूसर्स कंटेंट और रियलिस्टिक सिनेमा से समझौता करने को तैयार हैं?
40 सालों से इंडस्ट्री का हिस्सा रहे एक्टर-डायरेक्टर अवतार गिल (70) ने क्विंट से कहा कि बिना सीनियर एक्टर्स से इंडस्ट्री में काम नहीं हो सकता.
“आप अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर्स को रिप्लेस नहीं कर सकते. अगर अमिताभ बच्चन ही लीड रोल में हैं, तो आप किसी और को नहीं रख सकते. इसी तरह, आप रजा मुराद, अनुपम खेर, किरण खेर, परेश रावल, रंजित, प्रेम चोपड़ा, दिलीप ताहिल, फरीदा जलाल को रिप्लेस नहीं कर सकते. “अवतार गिल, एक्टर-डायरेक्टर
हिंदी, मराठी और असमी फिल्मों में काम करने वालीं सुहासिनी मुले का भी ऐसा ही मानना है. सुहासिनी मुले ने कहा, “मुझे लगता है कि 60 साल से अधिक उम्र के एक्टर्स को ज्यादा खतरा हैं क्योंकि उनकी इम्युनिटी कम होती है. लेकिन जिन लोगों को पहले से डायबिटीज और दिल की बीमारी है, वो इससे भी बड़ा खतरा है. युवा लोगों के मरने का एक कारण ये है कि उन्हें टाइप-2 डायबिटीज हो सकता है, या हाल ही में उनका ट्रांसप्लांट हुआ हो, जिससे उनकी इम्युनिटी कमजोर हो गई हो.”
“मैं समझती हूं कि यंग एक्टर्स सेट पर वापस जाना चाहते हैं. सीनियर एक्टर्स आर्थिक रूप से यंग एक्टर्स से बेहतर हो सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र ज्यादा होती, आप पर जिम्मेदारियां भी बढ़ती हैं. इसलिए प्रोजेक्ट से ज्यादा, मैं अपने स्टाफ के लिए परेशान हूं. मैं उन्हें पूरी सैलरी दे रही हूं. अगर मैं ठीक कमाई नहीं करूंगी, तो मैं उन्हें कैसे सैलरी दूंगी.”सुहासिनी मुले, एक्टर
राजेंद्र गुप्ता (84) ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ और ‘विश्नरूपम’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं, और हाल ही में उन्होंने कटरीना कैफ और अक्षय कुमार की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ की शूटिंग खत्म की है. उन्होंने कहा कि रियलिस्टिक सिनेमा के तौर पर देखें, तो अगर 70 साल के कैरेक्टर की जरूरत है, तो 50 साल का एक्टर उस रोल के साथ न्याय नहीं हो पाएगा.
राकेश बेदी ‘उरी’, ‘यस बॉस’, ‘फिर हेरा फेरी’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं और टीवी सीरियल ‘भाभी जी घर पर हैं’ में भी दिख चुके हैं.
बेदी को उम्मीद है कि हालात बेहतर होंगे. वो कहते हैं, “मुझे लगता है कि फिल्म और टीवी इंडस्ट्री भी फेज में शुरू होगी, जैसे सरकार सभी कामों को शुरू कर रही है. इसी तरह, उम्मीद है कि फिल्म और टीवी इंडस्ट्री भी शुरू होगी, सीनियर एक्टर्स भी जल्द ही सेट पर लौटेंगे.”
सिक्के का एक पहलू ये भी है कि हमने यंग एक्टर्स को बुजुर्ग कैरेक्टर प्ले करते भी देखा है. हाल ही में टीवी में भी रोल के लिए रियलिस्टक कैरेक्टर्स को लेने का ट्रेंड देखा गया है.
हिट टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में 47 साल के अमित भट्ट ‘चंपकलाल जयंतीलाल गड़ा’ का रोल प्ले करते हैं.
सुहासिनी मुले कहती हैं कि प्रोड्यूसर्स की ये भी चिंता है कि अगर कोई एक्टर लगातार सीरियल कर रहा है, तो आप उसे अचानक से गायब नहीं कर सकते.
अवतार गिल का भी कहना है कि सेट पर हेल्थ प्रोटोकॉल को फॉलो करने में समय लग जाएगा. उन्होंने कहा, “सलमान खान सेट पर अकेले नहीं आएंगे और दीपिका अपना मेकअप खुद नहीं करेंगी. ऐसे एक्टर्स हैं जो ये रोल करने को तैयार है ताकि संपर्क कम हो, लेकिन असलियत ये है कि फिल्म और टीवी ग्रुप एक्टिविटी है. सेट पर कम लोगों का होना मुमकिन नहीं है.”
हालांकि कुछ सीनियर एक्टर्स समझौता करने के लिए तैयार हैं और कहते हैं कि वो अपना मेकअप खुद कर लेंगे, क्योंकि वो संक्रमण के जोखिम को कम करना चाहते हैं. सवाल ये है कि- क्या सीनियर और छोटे एक्टर्स को ही इस मुश्किल का सामना करना पड़ेगा? क्या A-लिस्टर्स टीवी और फिल्म एक्टर्स के लिए भी नियम बदलेंगे?
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