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दिलीप कुमार: सायरा बानो के अपने कोहिनूर से मिलन और 'अमर प्रेम' की कहानी

Dilip Kumar-Saira Banu की प्रेम कहानी किसी फिल्म की स्टोरी हो सकती है

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'मेरे कोहिनूर, मेरे साहब, मेरे युसूफ जान', सायरा बानो (Saira Banu) यही शब्द इस्तेमाल करती थीं दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के लिए. 'अमर प्रेम', 'प्रेम ग्रंथ' जैसी फिल्में बॉलीवुड में बनी और पुरानी हो गईं, लेकिन दिलीप और सायरा के लिए ये जिंदगी की असलियत थी. सायरा बानो के ट्वीट और बयानों से ही पता चलता था कि वो दिलीप कुमार से बेइंतहा मोहब्बत करती थीं. दोनों की प्रेम कहानी किसी फिल्म की स्टोरी हो सकती है कि कैसे एक छोटी लड़की एक एक्टर पर फिदा हो गई, उसने शादी करने की ठानी और आखिरी समय तक उसी इश्क और मोहब्बत से उसका साथ निभाती रही.

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बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार का 7 जुलाई सुबह निधन हो गया. वो 98 साल के थे. लंबे समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. उन्हें कई बार हॉस्पिटल में भी भर्ती करना पड़ा था. दिलीप कुमार को पिछले एक महीने में दो बार अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. आखिरी समय में उनकी पत्नी सायरा बानो उनके साथ रहीं.

इग्नोर करते थे सायरा बानो को

दिलीप और सायरा की उम्र में 22 साल का अंतर था. दिलीप कुमार फिल्मों के साथ-साथ अपनी लव रिलेशनशिप को लेकर भी काफी चर्चा में रहे हैं. उनकी जिंदगी में सायरा बानो के आने से पहले मधुबाला की एंट्री हुई थी, जिनके प्यार के चर्चे खूब रहे. हालांकि, बाद में दोनों अलग हो गए थे.

सायरा, दिलीप कुमार के प्यार में पागल थीं. वो एक्टर से 22 साल छोटी थीं. उम्र का ज्यादा अंतर होने के कारण दिलीप उन्हें बार-बार इग्नोर करते थे लेकिन वो तो उनके प्यार में पागल थीं. सायरा हमेशा से दिलीप कुमार से शादी के ख्वाब देखती थीं. सायरा ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि जब वह लंदन में पढ़ाई कर रही थीं और 9 साल की थीं, तो दिलीप साहब की फिल्में देखकर उनपर फिदा हो गई थीं. तभी उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें मिसेज दिलीप कुमार बनना है.
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मां को बताई थी शादी की बात

सायरा ने ये इच्छा अपनी मां से जाहिर की और मां ने उन्हें कहा कि मिसेज दिलीप कुमार बनने के लिए तुम्हें उनके जैसे ही शौक रखने चाहिए, जैसे दिलीप साहब को सितार पसंद है तो सितार सीखो, उर्दू अच्छे से बोलो.

अपनी पहली मुलाकात के बारे में बात करते हुए सायरा ने एक इंटरव्यू में बताया था, "जब मैं पहली बार उनसे मिली थी तो वह मुझे देखकर मुस्कुराए थे और उन्होंने कहा था कि मैं खूबसूरत हूं. उनकी बात को सुनकर मैं बहुत ज्यादा खुश हुई थी. बस तभी मैंने सोच लिया था कि मुझे अब दिलीप साहब की पत्नी बनना है."
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ऐसे शुरू हुई प्यार की कहानी

एक बार दिलीप कुमार, सायरा बानो के घर गए थे. तब सायरा साड़ी में काफी खूबसूरत लग रही थीं. दिलीप उन्हें देखकर फिदा हो गए थे और उन्होंने सायरा को कहा कि 'वह काफी प्यारी लग रही हैं.'

इसके बाद अगले दिन फिर दिलीप कुमार ने उन्हें फोन करके कहा कि खाना बहुत अच्छा बना था. फिर दिलीप कुमार लगातार सायरा से मिलने लगे और साथ में डिनर करने लगे. इसके बाद दिलीप कुमार ने सायरा बानो को प्रपोज कर दिया था.

1966 में सायरा से शादी कर ली थी. दोनों की शादी की खबर सुनकर सभी चौंक गए थे. शादी के वक्त सायरा की उम्र 22 और दिलीप कुमार की 44 थी.

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सायरा का हुआ था मिसकैरेज

दोनों ने शादी के बाद कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन दिलीप और सायरा ने हर मुश्किल का साथ में सामना किया.

दिलीप ने ऑटोबायोग्राफी द सबस्टांस एंड द शैडो में बताया था कि एक बार सायरा प्रेग्नेंट थीं, लेकिन उनका मिसकैरेज हो गया था. इस घटना के बाद से दोनों का दिल टूट गया था, लेकिन फिर दोनों एक-दूसरे का सहारा बने.

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1944 में की करियर की शुरुआत

दिलीप कुमार ने बॉलीवुड में 1944 में फिल्म 'ज्वार भाटा' से डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें पहली सफलता 1947 में आई मूवी 'जुगनू' से मिली थी. पहली फिल्म के दौरान ही युसूफ खान को दिलीप कुमार का नाम देविका रानी ने दिया था.

इसके बाद दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फिल्मों में गंभीर भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हें ट्रेजडी किंग कहा जाने लगा. दिलीप कुमार फिल्मों में आने से पहले 1942 में बॉम्बे टाकीज में स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर भी काम किया. इसके साथ ही दिलीप की इस बात से बहुत कम लोग ही वाकिफ होंगे कि वो एक अच्छे गायक थे और वो तुरही भी बजाते हैं.
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पेशावर में हुआ था जन्म

दिलीप साहब का जन्म 11 दिसंबर 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी. करीब 22 साल की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी.

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