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Nadav Lapid कौन हैं? जिन्होंने 'The Kashmir Files' फिल्म को 'वल्गर' कहा है

Nadav Lapid को सिनोनिम्स (2019), द किंडरगार्टन टीचर (2014) और पुलिसमैन (2011) के लिए जाना जाता है.

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इजरायली फिल्ममेकर और स्क्रीनराइटर नदव लापिड (Nadav Lapid) के एक बयान के बाद इस साल की बहुचर्चित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) एक बार फिर सुर्खियों में है. 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के ज्यूरी हेड लापिड (Nadav Lapid) ने समापन समारोह के दौरान फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को 'प्रोपेगेंडा' और 'वल्गर' बताया, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया.

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लापिड ने क्या कहा?

नदव लापिड (Nadav Lapid) ने कहा, “हम सभी 15वीं फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से परेशान और स्तब्ध थे. यह हमें एक प्रोपेगेंडा, अश्लील फिल्म की तरह लगी, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए अनुपयुक्त है.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैं इस मंच से पूरी सहजता के साथ अपने विचार साझा कर रहा हूं. इस फेस्टिवल की भावना के अनुरुप हमें निश्चित रूप से आलोचनात्मक चर्चा को भी स्वीकार करना चाहिए, जो कि कला और जीवन के लिए आवश्यक है."

इस बयान के बाद 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के साथ ही नदव लापिड (Nadav Lapid) भी चर्चा के केंद्र में आ गए हैं. उनके इस बयान की खूब आलोचना हो रही है. लेकिन क्या आप नदव लापिड के बारे में जानते हैं. यहां हम आपको उनके बारे में बता रहे हैं.

नदव लापिड कौन हैं?

1975 में इजरायल के तेल अवीव में जन्मे नदव लापिड फिल्ममेकर और स्क्रीनराइटर हैं. उन्हें 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) का ज्यूरी हेड बनाया गया था.

नदव लापिड ने तेल अवीव यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है. वह इजरायल की सेना में रह चुके हैं. सैन्य सेवा के बाद वह पेरिस चले गए थे. बाद में इसरायल लौटने के बाद उन्होंने यरुशलम में सैम स्पीगल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री ली.

इन फिल्म फेस्टिव में जूरी सदस्य रह चुके हैं नदव लापिड:

  • 2015- लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य

  • 2016- कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य

  • 2021- 71वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में 'आधिकारिक प्रतियोगिता' जूरी के सदस्य

लापिड 250 इजरायली फिल्म निर्माताओं की सूची में भी शामिल थे, जिन्होंने शोमरॉन (सामरिया/वेस्ट बैंक) फिल्म फंड के विरोध में एक ओपन लेटर पर हस्ताक्षर किए थे. फिल्म निर्माताओं का मानना था कि फंड का सिर्फ एक लक्ष्य था- "वित्तीय सहायता और पुरस्कार के बदले फिल्म व्यवसाय की छवि को साफ करने के लिए फिल्म निर्माताओं को आमंत्रित करना."

नदव लापिड की फिल्मोग्राफी

लापिड को सिनोनिम्स (2019), द किंडरगार्टन टीचर (2014) और पुलिसमैन (2011) के लिए जाना जाता है. नदव की शॉर्ट फिल्म क्विश (सड़क) 2005 की पैनोरमा में स्क्रीनिंग हुई. नदव की पहली फीचर फिल्म ‘पुलिसमैन’ ने साल 2011 में लोकार्नो में विशेष ज्यूरी पुरस्कार जीता, जबकि ‘द किंडरगार्टन टीचर’ ने कान 2014 में सेमेन डे ला क्रिटिक अवॉर्ड जीता.

साल 2015 में 'वाई' बर्लिनेल शॉर्ट्स में दिखाई गई थी. उन्हें फ्रांस का प्रतिष्ठिक ‘फ्रेंच ऑर्डर शेवेलियर डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस’ अवॉर्ड मिला.

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