आयुष्मान खुराना की फिल्मों की सबसे खूबसूरत बात क्या आपको पता है? वो ये कि आप ट्रेलर देखते ही समझ जाते हैं कि डायरेक्टर ने ये रोल एक्टर को देखकर ही लिखा है. जरा कल्पना कीजिए कि युद्ध जैसा माहौल है, सख्त डायरेक्टर साहब या साहिबा अपनी सीट पर बैठकर ये सोच रहे हैं कि ‘’मैं ऐसा क्या लिखूं जो पर्दे पर आयुष्मान खुराना को चमका दे?
कुछ ही, लेकिन शानदार फिल्में करने के बाद आयुष्मान खुराना ने डायरेक्टरों के दिल में अपनी ऐसी ही जगह बना ली है. सच पूछा जाए तो आयुष्मान ये जगह डिजर्व भी करते हैं.
ऐसे ही चार्म के साथ आयुष्मान ड्रीम गर्ल लेकर आए हैं. एक ऐसा किरदार जिसे आप 5 मिनट के अंदर महसूस कर सकते हैं. रोल देखकर आप खुद समझ जाएंगे कि इस किरदार को आयुष्मान के अलावा और कोई नहीं कर सकता था.
राज शांडिल्य के डायरेक्शन में बनी ‘ड्रीम गर्ल’ में आयुष्मान खुराना एक लड़की का किरदार निभा रहे हैं. आयुष्मान के किरदार करमवीर सिंह को लोग बचपन से ऐसी ही कॉमेडी करते हुए देखते आ रहे हैं. करमवीर लड़कियों की आवाजें निकालने में माहिर है. और बचपन की इस कला को उन्होंने अपनी नौकरी में भी इस्तेमाल किया. रामलीला में सीता और कृष्ण की राधा का किरदार निभाने के बाद कॉल सेंटर में करमवीर ‘पूजा’ बन गए.
ड्रीम गर्ल की सबसे बड़ी कमी इसका सेकंड हाफ था जो कि काफी सुस्त था. देखा जाए तो फिल्म सेकंड हाफ में आयुष्मान की पंच लाइन पर टिकी नजर आई. स्क्रिप्ट भी इतनी कमजोर है कि फिल्म को बचाने के लिए वो काफी होगी, ये कहा नहीं जा सकता.
हद तो तब हो जाती है जब करम की एक रेगुलर कॉलर ये दावा करती है कि उसे करम से प्यार हो गया है यानी (पूजा) से. उसे ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि उसे तीन मर्द धोखा दे चुके हैं और सभी पुरुष खराब होते हैं.
एक औरत जिस पर 80 के दशक का मेलोड्रामा सवार है, अचानक एक लड़की से प्यार करने लगती है. सिर्फ इसलिए कि उसे कई मर्दों ने धोखा दिया है? ये बात थोड़ी समझ से बाहर है.
फिल्म में आप करम के किरदार से और भी बहुत सारी उम्मीदें करते हैं, लेकिन फिल्म की कहानी उस पर खरी नहीं उतरती. फिल्म में आपको आयुष्मान खुराना की कॉमेडी और एक्टिंग का कॉकटेल तो मिल ही जाएगा. साथ में अन्नू कपूर और फुकरे के मनजोत सिंह की बेहतरीन केमिस्ट्री भी.
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