सिनेमा घरों में 'एक विलेन' लौट आया है. जॉन अब्राहम (John Abraham), अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor), तारा सुतारिया (Tara Sutaria) और दिशा पाटनी (Disha Patani) की नई फिल्म 'एक विलेन रिटर्न्स' रिलीज हो गई है. कहानी में एक विलेन, एक हीरो और मुसीबत में फंसी एक युवती होनी चाहिए. हालांकि, इस फिल्म में सबकुछ दो-दो हैं. लेकिन यह एक ऐसी साइकोपैथ किलर फिल्म है, जो कन्फ्यूजिंग है. इसके साथ ही इसे देखकर आपको हंसी भी आएगी.
2014 में आई मोहित सूरी (Mohit Suri) की फिल्म एक विलेन में हमें रितेश देशमुख का निगेटिव अवतार देखने को मिला था. फिल्म के सीक्वल को भी उसी की तरह देखा जा रहा था. लेकिन इसे एक स्टैंडअलोन फिल्म कहा जा सकता है, जो कि उदासीन फैशन में चलती रहती है.
फिल्म हमें हर समय अस्थिर रखती है. फिल्म की शुरुआत एक मर्डर सीन के साथ होती है, एक हाउस पार्टी क्राइम सीन में बदल जाता है. इसे देखकर हमें फिल्म से और उम्मीदें बंधती है. लेकिन अंत में निराशा ही हाथ लगती है.
फिल्म में हम गौतम (Arjun Kapoor) नाम के एक रईसजादे से मिलते हैं. जो कहता है, "मरना चलेगा हारना नहीं". वह बेवकूफ की तरफ पेश आता है, अपने आप मुस्कुराता है और पागलों की तरह हंसता है. यह एक ऐसा किरदार है जो खुद को विलेन कहने के लिए बेताब है. गौतम से नफरत करना आसान है. इस फिल्म में अर्जुन कपूर को मुश्किल से खुद को भुनाने का मौका मिलता है, यह देखते हुए कि उनके रोल को कितनी बुरी तरह से लिखा गया है.
गौतम आरवी (Tara Sutaria) से मिलता है, जो एक युवा और महत्वाकांक्षी गायिका है. वह तेजी से संगीत की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहती है. इससे पहले कि हम उसके किरदार के बार में कुछ और जान पाते, उससे पहले ही वह एक शांत गर्लफ्रेंड की प्रोटोटाइप बन जाती है.
फिल्म की कमजोर कहानी को जबरदस्ती के ट्विस्ट से छिपाने की कोशिश की गई है. 'तीन महीने पहले' और 'छह महीने पहले' जैसी लाइनें स्क्रीन पर उड़ती रहती है.
पूरी फिल्म में जॉन अब्राहम के चेहरे पर एक जैसा ही एक्सप्रेशन देखने को मिलता है. इमोशनल सीन्स में भी उनके चेहरे के भाव नहीं बदलते. ऐसा लगता है जैसे वो अपने डायलॉग भूल गए हों और इंतजार कर रहे हों कि कोई आकर उनके कानों में बताए. वहीं एक्शन सीक्वेंस में उनके हाथ तेजी से चलते हैं, लेकिन चेहरा एकदम खाली रहता है. जॉन एक कैब ड्राइवर की भूमिका निभाते हैं जो हमेशा अच्छी रेटिंग के लिए उत्सुक रहता है. उनके कैरेक्टर में जो भयावह मोड़ आता है, उसे और एक्सप्लोर किया जा सकता था.
एक विलेन रिटर्न्स में जॉन अब्राहम और दिशा पटानी एक-आधा एक्सप्रेशन भी ठीक से नहीं दे पाते हैं. दोनों के बीच कमेस्ट्री में भी वो दम नहीं दिखता है. वहीं जॉन और अर्जुन के बीच फाइट सीन्स को देखकर जम्हाई आती है.
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