ADVERTISEMENTREMOVE AD
i

‘काला’ में रजनीकांत और नाना पाटेकर की भिड़ंत पैसा वसूल है

7 जून को रिलीज हुई रजनीकांत की ‘काला’ मचा रही धूम

छोटा
मध्यम
बड़ा

Kaala

‘काला’ में चला रजनीकांत के साथ नाना पाटेकर का भी चला जादू

कैमरा: शिव कुमार मौर्या

एडिटर: प्रशांत चौहान

वीडियो प्रोड्यूसर: चांदनी शर्मा

जैसे ही फिल्म शुरू होती है स्क्रीन पर बड़ा - बड़ा लिखा आता है- ‘‘सुपरस्टार रजनी’’. रजनीकांत की फिल्म जब भी रिलीज होती है वो लाखों फैन्स के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होती. 'काला' में रजनीकांत दूसरी बार राइटर और डायरेक्टर पा रंजीत के साथ नजर आए हैं. इससे पहले दोनों की जोड़ी 2016 में आई कबाली में नजर आई थी.

'काला' एक पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म है. रजनीकांत के स्टारडम को देखते हुए पा रंजीत ने स्क्रीनप्ले को भरपूर चमकाया है. फिल्म की कहानी धारावी की झुग्गी बस्ती की है, जहां कारीकालान उर्फ काला राज करते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

3 घंटे की लंबी फिल्म में काला अपने लोगों को लड़ने और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने को कहते हैं क्योंकि लैंड माफिया की नजर उनकी जमीन पर होती है. जिसमें कुछ बिल्डर और पॉलिटिशियन शामिल हैं. रजनी एक सीन में कहते हैं काला मेहनत का रंग है. रजनीकांत पूरी तरह काले रंग में नजर आते हैं. काली शर्ट, काला चश्मा, काली धोती, काली चप्पल और काली छतरी भी. लेकिन फिल्म का दमदार विलेन इसके बिल्कुल उलट है. और ये रोल निभाया है नाना पाटेकर ने, जो एकदम सफेद कपड़ों में नजर आते हैं. जब दोनों आमने सामने होते हैं तब आपको ये जरूर लगेगा कि फिल्म पैसा वसूल है.

फिल्म में तो ज्यादातर हम रजनीकांत को देखना पसंद करेंगे लेकिन बीच बीच में आपको रजनी को एक्शन में देखने के लिए इंतजार करना होगा. 'काला' में आपको रजनीकांत की कैमेस्ट्री ईश्वरी राव से देखने को मिलेगी जो उनकी पत्नी का किरदार निभा रही हैं. अंजलि पाटिल ने भी छोटा लेकिन जबरदस्त एक्टिविस्ट का रोल किया है. जरीना यानी हुमा कुरैशी भी फिल्म में हैं. उनकी एक बेटी है और वो धारावी के लिए लोगों की NGO के जरिए मदद करती हैं. इनका काला से पहले से संबंध होता है. हालांकि इसके बारे मैं आपको यहां नहीं बताउंगी.

फिल्म के डायलॉग तमिल में और अच्छे होंगे लेकिन शुक्र है ये हिंदी में भी अच्छी डब की गई है.

5 में से 3.5 क्विंट.

यह भी पढ़ें: ‘काला’ की रिकॉर्ड ओपनिंग, सिर चढ़कर बोल रहा रजनीकांत का जादू

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×