ऑस्कर 2023 (Oscar) में भारत ने 2 अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया. फिल्म RRR के 'नाटू-नाटू' (Naatu-Naatu) गाने को ऑरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में और 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' (The Elephant Whisperers) को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला से नवाजा गया है.
भारत की तरफ से 3 नॉमिनेशन हुए थे और उसमें से 2 में अवॉर्ड जीते. 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को मिला अवॉर्ड किसी भी भारतीय प्रोडक्शन के लिए पहला ऑस्कर अवॉर्ड है.
'नाटू-नाटू' ऐसा पहला भारतीय गाना है, जो इस कैटेगरी में ऑस्कर लेकर आया है, वहीं दूसरी ओर 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ऐसी पहली भारतीय डॉक्यूमेंट्री है, जिसको ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया है.
इतने बड़े मंच पर इन फिल्मों को ये पुरस्कार मिलना ना सिर्फ उनके निर्माताओं के लिए नए दरवाजे खोलती है, बल्कि ये फिल्में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान का भी प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
जो लोग भारतीय फिल्मों के 'गाने और डांस' को खारिज कर रहे थे, वे अब 'नाटू-नाटू' गाने की धुन पर थिरकते नजर आ रहे हैं.
भारत के लिए यह वक्त जश्न मनाने का है. दीपिका पादुकोण पहली बार ऑस्कर अवार्ड प्रजेंट कर रही थीं. उन्होंने स्टेज पर आने के बाद दर्शकों से कई बार ये सवाल पूछा कि क्या आप लोग 'नाटू-नाटू' जानते हैं. इस दौरान यह गाना स्टेज पर बजा और यह एक शानदार लम्हा था.
डॉक्यूमेंट्री की कहानी में खास क्या है?
'The Elephant Whisperers' की शुरुआत तमिलनाडु के मुदुमलाई जंगल में हाथियों की देखभाल करने वाले बोम्मन के शॉट से होती है, जो 'कट्टुनायकन' जनजाति या 'जंगल के राजा' से संबंधित है. जंगल उसका घर है, जो उसके पूर्वजों से संबंधित है. इस जंगल में इंसान जानवरों के साथ रहते हैं और वो कहते हैं कि
सिनेमा में इंसानों और जंगली जानवरों के बीच के बंधन को लंबे समय से खोजा गया है, लेकिन द एलिफेंट व्हिस्परर्स इसे और ज्यादा एक्सप्लोर करता है.
जब कार्तिकी गोंजाल्विस द्वारा डायरेक्ट और गुनीत मोंगा द्वारा प्रोड्यूस की गई डॉक्यूमेंट्री ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट के लिए ऑस्कर जीता, तो जश्न मनाने की कई वजहें थीं.
95वें एकेडमी अवार्ड में गोंजाल्विस की स्पीच इस बात की ओर इशारा करती है कि फिल्म (और ऑस्कर जीत) क्यों अहम है.
"मैं आज यहां हमारे और हमारी प्राकृतिक दुनिया के बीच पवित्र बंधन पर बोलने के लिए खड़ी हूं, मूल निवासी समुदायों के सम्मान के लिए, अन्य जीवित प्राणियों के प्रति सहानुभूति के लिए हम अपना स्पेस शेयर करते हैं और आखिरी में को-एक्जिस्टेंस के लिए.कार्तिकी गोंजाल्विस
एक शानदार बॉन्ड
The Elephant Whisperers बोम्मन और बेली नाम के एक जोड़े की दिल को छू लेने वाली कहानी है, जिसमें वो दो अनाथ हाथी के बच्चों- रघु और अम्मू की देखभाल करते हैं.
जिंदगी भर हाथियों की देखभाल करने वाले बोमन अपनी उम्र की वजह से केवल हाथी के बच्चों की देखभाल कर सकते हैं. और बेली, जो फिल्म में बाद में बोमन से शादी करेगी, तमिलनाडु की पहली ऐसी महिला है, जो हाथी की देखभाल करती है.
बेली ने अपने पूर्व पति को एक बाघ के हमले में खो दिया, जिसके बाद उसे जंगली जानवरों से डर लगने लगा था. लेकिन रघु और अम्मू ने उनका दिल जीतने में कामयाबी हासिल की. बाद में रघु और अम्मू उनके परिवार का हिस्सा बन जाते हैं.
जब रघु को जोड़े से दूर किया जाता है, तो उनके रिश्ते की पेचीदगियां देखते बनती हैं. अम्मू बेली के आंसू पोंछती हैं, और पूरा परिवार कई दिनों तक खाना नहीं खाता है.
'The Elephant Whisperers' में भारत की झलक
कार्तिकी गोंजाल्विस ने अवार्ड के वक्त अपनी स्पीच में कहा कि यह पुरस्कार मेरी मां, पिता और बहन को समर्पित है, जो कहीं ऊपर हैं, आप मेरे ब्रह्मांड के केंद्र हैं और ये मेरी मातृभूमि भारत के लिए है.
यह डॉक्यूमेंट्री 'मातृभूमि भारत' की एक सुंदर तस्वीर पेश करती है...चाहे वह जंगल हों, समुदाय की भावना हो या फिर वो जानवरों के साथ अच्छा व्यवहार का पहलू हो. भगवान गणेश के बगल में हाथियों की पूजा की जाती है और वे महत्वपूर्ण समारोहों (जोड़े की शादी सहित) में भी शामिल होते हैं.
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