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भूत-नाच, जंगल-आग, मस्त-रात, सत्या-शिवा:कुछ ऐसी है 'रंगीला' रामू की फिल्म 'कंपनी'

राम गोपाल वर्मा को नए युग के भारतीय सिनेमा के अग्रदूतों में से एक माना जाता है.

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बॉलीवुड (Bollywood) में जब भी लीक से हटके फिल्में बनाने की बात होगी राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) का नाम लिया जाएगा. रामू ने जब अंडरवर्ल्ड और जुर्म की दुनिया को रुपहले पर्दे पर दिखाया तो बॉलीवुड के साथ-साथ दर्शक भी हिल गए. एक ऐसा डायरेक्टर जिसने न केवल फिल्म निर्माण के स्थापित नियमों को तोड़ा बल्कि अपनी फिल्मों से एक अलग पहचान भी बनाई. रंगीला, सत्या, कंपनी, सरकार जैसी यादगार फिल्में बनाने वाले राम गोपाल वर्मा का आज जन्मदिन है. रामू का जन्म 7 अप्रैल 1962 को आंध्रप्रदेश में हुआ था. फिल्मों के साथ-साथ RGV का विवादों से भी गहरा नाता है. अक्सर अपने बयानों की वजह से वो सुर्खियों में रहते हैं.

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पहली ही फिल्म रही सुपरहिट

राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) ने तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहली ही फिल्म से धमाल मचा दिया. साल 1989 में रिलीज हुई 'शिवा' सुपरहिट रही. रामू ने इस फिल्म की कहानी लिखी थी साथ ही इसे डायरेक्ट भी किया था. समीक्षकों के साथ-साथ दर्शकों ने भी फिल्म को खूब पसंद किया. ये फिल्म तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली फिल्म बनीं. इसके बाद 1990 में रामू ने इसी फिल्म का हिंदी रीमेक भी बनाया. ये फिल्म भा सुपरहिट रही.

लीक से हटके फिल्में बनाई

राम गोपाल वर्मा की पहचान लीक से हटके फिल्में बनाने के लिए है. अलग फिल्म टेक्निक और डायरेक्शन से रामू दर्शकों को अपनी फिल्म से बांधने में कामयाब रहे. सिनेमेटोग्राफी से लेकर म्यूजिक तक, उनकी फिल्मों में सबकुछ अलग था. नई शताब्दी में कदम रख रहे हिंदी फिल्म दर्शकों को रामू एक नया विकल्प दिया था.

राम गोपाल वर्मा को नए युग के भारतीय सिनेमा के अग्रदूतों में से एक माना जाता है. वो अपनी फिल्मों में अलग-अलग एक्सपेरिमेंट (experiment) के लिए जाने जाते हैं. Zoom को दिए एक इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने कहा था कि "रामू ने शायद हमारे सिनेमा के लिए दूसरे लोगों से बहुत ज्यादा किया है."

अंडरवर्ल्ड पर फिल्में बनाई

राम गोपाल वर्मा ने मुंबई अंडरवर्ल्ड को रुपहले पर्दे पर दिखाया. 'सत्या', 'कंपनी', 'डी' जैसी फिल्में बनाईं. 1998 में वर्मा ने सत्या का निर्देशन किया. अंडरवर्ल्ड पर आधारित ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही. फिल्म को 6 फिल्म फेयर अवॉर्ड मिले. इसके साथ ही मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी जीता.

'सत्या' के 20 साल पूरे होने पर एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee ) ने एक ट्वीट में लिखा था कि, "एक बहादुर इंसान आया और उसने मेरे और कई अन्य लोगों के जीवन को अपने दृढ़ विश्वास से बदल दिया. हम पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद सर."

मनोज बाजपेयी ने 'फैमिली मैन-2' की तारीफ करने पर भी राम गोपाल वर्मा का आभार जताया था.

रामू ने बनाई एक से बढ़कर एक फिल्में

राम गोपाल वर्मा ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को कई यादगार फिल्में दी हैं. जिसे आज भी दर्शक याद करते हैं. रामू की फिल्मोग्राफी को देखें तो उसमें एक से बढ़कर एक फिल्में हैं. रामू की सबसे चर्चित फिल्मों में रंगीला (1995), सत्या (1998), कंपनी (2002), अब तक छप्पन (2004), डी (2005), सरकार (2005), निशब्द (2007), सरकार राज (2008), रण (2010), रक्त चरित्र (2010), सरकार-3 (2017) शामिल हैं. हिंदी के साथ-साथ रामू तेलुगु में भी फिल्में बनाते हैं.

शूल ने जीता था नेशनल अवॉर्ड

1999 में आई फिल्म शूल (Shool) भी काफी चर्चा में रही. इस फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड भी जीता था. राम गोपाल वर्मा ने इस फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले लिखा था. इसके साथ ही उन्होंने इस फिल्म को प्रोड्यूस भी किया था. हालांकि इस फिल्म को ईश्वर निवास ने निर्देशित किया था.

विवादों में भी घिरे रामू

राम गोपाल वर्मा हाल के दिनों में अपनी फिल्मों से ज्यादा विवादों की वजह से चर्चा में रहे हैं. अक्सर रामू अपने बयानों के चलते कॉन्ट्रोवर्सी में घिर जाते हैं. कभी मूवी के एक्टर-एक्ट्रेस पर तो कभी भगवान पर विवादित बयान देकर वो चर्चाओं में रह चुके हैं. फिल्हाल रामू अपनी नई फिल्म 'डेंजरस' को लेकर सुर्खियों में हैं.

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