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अरविंद केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार किया, क्या जेल से चल सकती है AAP सरकार?

दिल्ली शराब नीति मामले में गुरुवार, 21 मार्च को दो घंटे की पूछताछ के बाद ED ने केजरीवाल को हिरासत में लिया है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को ED ने गुरुवार, 21 मार्च को 2 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार लिया है. इससे पहले दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के बाद, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और फिर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) जेल जा चुके हैं.

सवाल है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार का क्या होगा? क्या केजरीवाल जेल से सरकार चला सकते हैं? संविधान क्या कहता है?

अरविंद केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार किया, क्या जेल से चल सकती है AAP सरकार?

  1. 1. CM अरविंद केजरीवाल पर क्या आरोप लगे हैं?

    शराब नीति मामले में बीआरएस नेता के कविता की गिरफ्तारी के बाद 18 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने पहली बार आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले में साजिशकर्ता थे.

    “ईडी की जांच से पता चला है कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित AAP के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी. इन एहसानों के बदले में वह AAP के नेताओं को 100 करोड़ रुपये देने में शामिल थीं."
    ईडी प्रवक्ता

    इससे पहले, एक पूरक अभियोजन शिकायत में ईडी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने खुद मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू से वीडियो कॉल पर बात की थी और उन्हें सह-आरोपी विजय नायर के साथ काम करना जारी रखने के लिए कहा था, जिसे वह "अपना आदमी" कहते थे.”

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  2. 2. केजरीवाल के मंत्रियों ने क्या कहा?

    जेल से सरकार चलाने पर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा, "अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे."

    "हमने शुरू से स्पष्ट किया है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो केजरीवाल जी जेल से सरकार चलाएंगे. कोई भी ऐसा कानून नहीं है जो उन्हें जेल से सरकार चलाने से रोकता है. उन्हें कोई सजा नहीं हुई है, वही दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे. ये लड़ाई चलती रहेगी."
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  3. 3. क्या जेल से चल सकती है दिल्ली सरकार?

    केजरीवाल पर लटकती गिरफ्तारी की तलवार से ये सवाल खड़ा होता है कि क्या केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है?

    पहले ये समझ लीजिए कि संविधान के आर्टिकल 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपाल को किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. मामला सिविल हो या आपराधिक - एक राष्ट्रपति और राज्यपाल की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. इन पर मामला तभी बन सकता है जब ये अपना पद छोड़ दें.

    सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन - सिविल केस में गिरफ्तारी नहीं, आपराधिक केस में हो सकती गिरफ्तारी

    सीपीसी के सेक्शन 135 के तहत अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक, सासंद पर सिविल केस दर्ज है तो ऐसे मामलों में इनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती. संसद या विधानसभा सत्र के 40 दिन पहले और इसके 40 दिन बाद तक गिरफ्तारी नहीं हो सकती है.

    लेकिन अगर आपराधिक मामला है तो..., केंद्रीय जांच एजेंसी सासंदों/पीएम या विधायकों/सीएम की गिरफ्तारी कर सकती है. बता दें कि कथित शराब घोटाले का मामला भी आपराधिक मामला है.

    सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, जरूरत पड़ने पर ही आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी हो सकती है. वहीं गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त कारण होने चाहिए कि आरोपी फरार हो सकता है, सबूत नष्ट करने की कोशिश कर सकता है, या कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए कोई कदम उठा सकता है.

    बताते चले कि, अगर सीएम पर दोष सिद्ध हो जाए और उन्हें दो साल से अधिक की सजा मिले तब उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी, जैसा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले में हुआ था. लेकिन फिलहाल केजरीवाल पर आरोप लगाए जा रहे हैं और आरोपों के आधार पर ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर चर्चा है.

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  4. 4. पहले भी जेल जा चुके हैं मुख्यमंत्री?

    • इस साल 31 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था.

    • तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की गिरफ्तारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई थी.

    • वहीं बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव भी चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए थे. उन्होंने गिरफ्तारी से पहले सीएम पद से इस्तीफा दिया था और फिर जेल गए थे.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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CM अरविंद केजरीवाल पर क्या आरोप लगे हैं?

शराब नीति मामले में बीआरएस नेता के कविता की गिरफ्तारी के बाद 18 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने पहली बार आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले में साजिशकर्ता थे.

“ईडी की जांच से पता चला है कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित AAP के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी. इन एहसानों के बदले में वह AAP के नेताओं को 100 करोड़ रुपये देने में शामिल थीं."
ईडी प्रवक्ता

इससे पहले, एक पूरक अभियोजन शिकायत में ईडी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने खुद मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू से वीडियो कॉल पर बात की थी और उन्हें सह-आरोपी विजय नायर के साथ काम करना जारी रखने के लिए कहा था, जिसे वह "अपना आदमी" कहते थे.”

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केजरीवाल के मंत्रियों ने क्या कहा?

जेल से सरकार चलाने पर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा, "अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे."

"हमने शुरू से स्पष्ट किया है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो केजरीवाल जी जेल से सरकार चलाएंगे. कोई भी ऐसा कानून नहीं है जो उन्हें जेल से सरकार चलाने से रोकता है. उन्हें कोई सजा नहीं हुई है, वही दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे. ये लड़ाई चलती रहेगी."
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क्या जेल से चल सकती है दिल्ली सरकार?

केजरीवाल पर लटकती गिरफ्तारी की तलवार से ये सवाल खड़ा होता है कि क्या केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है?

पहले ये समझ लीजिए कि संविधान के आर्टिकल 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपाल को किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. मामला सिविल हो या आपराधिक - एक राष्ट्रपति और राज्यपाल की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. इन पर मामला तभी बन सकता है जब ये अपना पद छोड़ दें.

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन - सिविल केस में गिरफ्तारी नहीं, आपराधिक केस में हो सकती गिरफ्तारी

सीपीसी के सेक्शन 135 के तहत अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक, सासंद पर सिविल केस दर्ज है तो ऐसे मामलों में इनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती. संसद या विधानसभा सत्र के 40 दिन पहले और इसके 40 दिन बाद तक गिरफ्तारी नहीं हो सकती है.

लेकिन अगर आपराधिक मामला है तो..., केंद्रीय जांच एजेंसी सासंदों/पीएम या विधायकों/सीएम की गिरफ्तारी कर सकती है. बता दें कि कथित शराब घोटाले का मामला भी आपराधिक मामला है.

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, जरूरत पड़ने पर ही आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी हो सकती है. वहीं गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त कारण होने चाहिए कि आरोपी फरार हो सकता है, सबूत नष्ट करने की कोशिश कर सकता है, या कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए कोई कदम उठा सकता है.

बताते चले कि, अगर सीएम पर दोष सिद्ध हो जाए और उन्हें दो साल से अधिक की सजा मिले तब उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी, जैसा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले में हुआ था. लेकिन फिलहाल केजरीवाल पर आरोप लगाए जा रहे हैं और आरोपों के आधार पर ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर चर्चा है.

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पहले भी जेल जा चुके हैं मुख्यमंत्री?

  • इस साल 31 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था.

  • तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की गिरफ्तारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई थी.

  • वहीं बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव भी चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए थे. उन्होंने गिरफ्तारी से पहले सीएम पद से इस्तीफा दिया था और फिर जेल गए थे.

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