शुक्रवार, 3 नवंबर को रियलिटी टेलीविजन शो बिग बॉस ओटीटी (Bigg Boss OTT) विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव (Elvish Yadav) पर गौतम बौद्ध नगर पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में रेव पार्टियों में सांप के जहर की बिक्री से संबंधित एक मामले में केस दर्ज किया. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से 20 मिलीलीटर सांप का जहर, पांच कोबरा, एक अजगर, 2 दो सिर वाले सांप और एक रैट स्नेक (Rat snake) मिला है.
Elvish Yadav पर सांप का जहर सप्लाई करने का आरोप, क्या कहता है कानून-कितनी सजा?
1. सांप के जहर का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
सांप के जहर का उपयोग आम तौर पर Recreational Drug यानी मनोरंजक नशीली दवाओं के रूप में किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी कई मिलियन डॉलर की अवैध इंडस्ट्री है.
सांप के जहर के मनोरंजक उपयोग पर अच्छी तरह से स्टडी नहीं हुई है. 2018 की एक स्टडी के मुताबिक 'Opioids के सब्सटीट्यूड के रूप में सांप के जहर का उपयोग किया जाता है. Opioids ऐसी दवाएं होती हैं, जो लगातार या गंभीर दर्द के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती हैं. यह जानकारी अमेरिका की National Library of Medicine में छपी A Case Report and Review of Literature की रिपोर्ट में दी गई है.
Expand2. सांप के जहर का सेवन कैसे किया जाता है?
Indian Express में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के एक रिसर्च में में बताया गया है कि भारत में सांप के जहर के उपयोग के लिए सांपों को जानबूझकर कंजूमर के पैर या जीभ पर कटवाया जाता था. इसके लिए कोबरा (Cobra) और इंडियन क्रेट (Indian kraits) जैसे सांपों का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है.
Expand3. ऐसे मामलों के लिए संविधान के मुताबिक क्या नियम हैं?
भारतीय संविधान के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में जंगली जानवरों और पौधों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, उनके आवासों के प्रबंधन, जंगली जानवरों, पौधों तथा उनसे बने उत्पादों के व्यापार के विनियमन एवं नियंत्रण के लिए निमय बनाए गए हैं.
क्विंट हिंदी के साथ बातचीत में एडवोकेट तनवीर अहमद मीर कहते हैं कि किसी भी जंगली जानवर को रखना, या फिर किसी भी जंगली जानवर का किसी भी तरह से इस्तेमाल करना...वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 49 और सेक्शन 49 B के तहत एक आपराध माना गया है.
Expand4. कानून का उल्लंघन करने पर किस तरह क्या सजा?
एडवोकेट तनवीर अहमद मीर बताते हैं कि वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 में शामिल किए गए नियमों का उल्लंघन होने और अपराध सिद्ध होने पर तीन से सात साल तक की सजा का प्रवधान है.
अगर किसी ने सांप के जहर का इस्तेमाल किसी को मारने का नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया है, तो IPC के सेक्शन 328 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. अगर ऐसा करने के किसी व्यक्ति की मौत होती है या कोई अन्य नुकसान होता यही तो इसमें हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक षड्यंत्र रचने वाली धाराओं को जोड़ा जा सकता है.
तनवीर अहमद मीर, एडवोकेट(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
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सांप के जहर का उपयोग आम तौर पर Recreational Drug यानी मनोरंजक नशीली दवाओं के रूप में किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी कई मिलियन डॉलर की अवैध इंडस्ट्री है.
सांप के जहर का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
सांप के जहर के मनोरंजक उपयोग पर अच्छी तरह से स्टडी नहीं हुई है. 2018 की एक स्टडी के मुताबिक 'Opioids के सब्सटीट्यूड के रूप में सांप के जहर का उपयोग किया जाता है. Opioids ऐसी दवाएं होती हैं, जो लगातार या गंभीर दर्द के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती हैं. यह जानकारी अमेरिका की National Library of Medicine में छपी A Case Report and Review of Literature की रिपोर्ट में दी गई है.
सांप के जहर का सेवन कैसे किया जाता है?
Indian Express में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के एक रिसर्च में में बताया गया है कि भारत में सांप के जहर के उपयोग के लिए सांपों को जानबूझकर कंजूमर के पैर या जीभ पर कटवाया जाता था. इसके लिए कोबरा (Cobra) और इंडियन क्रेट (Indian kraits) जैसे सांपों का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है.
ऐसे मामलों के लिए संविधान के मुताबिक क्या नियम हैं?
भारतीय संविधान के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में जंगली जानवरों और पौधों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, उनके आवासों के प्रबंधन, जंगली जानवरों, पौधों तथा उनसे बने उत्पादों के व्यापार के विनियमन एवं नियंत्रण के लिए निमय बनाए गए हैं.
क्विंट हिंदी के साथ बातचीत में एडवोकेट तनवीर अहमद मीर कहते हैं कि किसी भी जंगली जानवर को रखना, या फिर किसी भी जंगली जानवर का किसी भी तरह से इस्तेमाल करना...वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 49 और सेक्शन 49 B के तहत एक आपराध माना गया है.
कानून का उल्लंघन करने पर किस तरह क्या सजा?
एडवोकेट तनवीर अहमद मीर बताते हैं कि वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 में शामिल किए गए नियमों का उल्लंघन होने और अपराध सिद्ध होने पर तीन से सात साल तक की सजा का प्रवधान है.
अगर किसी ने सांप के जहर का इस्तेमाल किसी को मारने का नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया है, तो IPC के सेक्शन 328 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. अगर ऐसा करने के किसी व्यक्ति की मौत होती है या कोई अन्य नुकसान होता यही तो इसमें हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक षड्यंत्र रचने वाली धाराओं को जोड़ा जा सकता है.तनवीर अहमद मीर, एडवोकेट
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)