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Go First की उड़ान पर क्यों लगा ब्रेक? क्यों संकट में है एयरलाइन, जानें-इतिहास

Go First को विमानों को कैंसिल करने की वजह से DGCA ने भी एयरलाइंस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

Published
कुंजी
3 min read
Go First की उड़ान पर क्यों लगा ब्रेक? क्यों संकट में है एयरलाइन, जानें-इतिहास
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गो फर्स्ट (Go First) की उड़ान पर तीन दिनों के लिए ब्रेक लग गया है. एयरलाइंस ने 3, 4 और 5 मई को अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है. जिसके बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर गो फर्स्ट काउंटर खाली दिखा, वहीं अहमदाबाद हवाई अड्डे पर गो फर्स्ट काउंटर को खाली कर दिया गया, उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Go First की उड़ान पर क्यों लगा ब्रेक? क्यों संकट में है एयरलाइन, जानें-इतिहास

  1. 1. DGCA ने जारी किया कारण बताओ नोटिस 

    विमानों को कैंसिल करने की वजह से आम यात्री परेशान हैं. DGCA ने भी एयरलाइंस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. और 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है. कारण बताओ नोटिस में पूछा गया है कि फ्लाइट कैंसिल करने की वजह से जिन यात्रियों को परेशानी हो रही है, उनकी असुविधा दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

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  2. 2. क्यों दिवालिया होने की कगार पर कंपनी?

    गो फर्स्ट ने इंजन सप्लाई में कंपनी का हवाला देते हुए फ्लाइट कैंसिल करने की बात की है. एयरलाइन का कहना है कि इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी सप्लाई बंद कर दी है. Go First एयरलाइन ने दावा किया है कि अगर विमान इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी ने उसे तुरंत इंजन सप्लाई नहीं किया तो कंपनी दिवालिया हो जाएगी.

    प्रैट एंड व्हिटनी ने क्या कहा?

    अमेरिकी इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी (पी एंड डब्ल्यू) से जुड़े अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वाडिया समूह की नो-फ्रिल्स एयरलाइन गो फर्स्ट का वित्तीय भुगतान वक्त पर ना करने का लंबा इतिहास रहा है.

    वहीं कंपनी के पास कैश खत्म हो चुका है, जिस वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का बकाया तक नहीं चुका पा रहे हैं, जिस वजह से करीब 28 विमान खड़े हैं.

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  3. 3. कैसे हुई संकट की शुरुआत?

    गो फर्स्ट एयरलाइन का संचालन वाडिया ग्रुप के पास है, इस कंपनी के पास 61 विमान हैं, जिसमें 56 A320 नियो और 5 विमान A320 CEO हैं. पिछले तीन सालों में इस कंपनी में करीब 3200 करोड़ का निवेश किया गया, बीते दो सालों में ही 2400 करोड़ लगाए गए. इस कंपनी की हालत 2022 से बिगड़नी शुरू हुई, उस वक्त भी कंपनी को विमान ग्राउंडेट करना पड़ा था, फरवरी 2023 में यात्रियों की संख्य में भी काफी गिरावट देखी गई. जिसका असर गो फर्स्ट पर पड़ा. फाइनेंशियल ईयर 2023 में कंपनी ने 208 मिलियन डॉलर का घाटा दर्ज किया था.

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  4. 4. GO First ने दिवालिया होने का आवेदन दाखिल किया

    बता दें कि 2 मई को गो फर्स्ट ने दिवालिया होने का आवेदन 2 मई को दाखिल किया था, कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) को स्वैच्छिक दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है. GO First ने कहा है कि हमारी कंपनी अपने ग्राहकों, ट्रैवल पार्टनर्स, लेनदारों, आपूर्तिकर्ताओं और खासतौर पर अपने स्टाफ को होने वाली परेशानी और असुविधा के लिए गहरा खेद जताता है, जो सालों से GO FIRST के प्रति वफादार रहे हैं,

    गो फर्स्ट ने सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए ये कदम उठाया है, पिछले तीन वर्षों में प्रमोटरों द्वारा एयरलाइन में 3,200 करोड़ रुपये के पर्याप्त धन के प्रवाह के बावजूद इसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया है, जिसमें से 2400 करोड़ रुपये पिछले 24 महीनों में डाले गए थे, और INR 290 करोड़ अकेले अप्रैल 2023 में लगाया गया, यह एयरलाइन में कुल प्रवर्तक निवेश को इसकी स्थापना के बाद से करीब 6,500 करोड़ रुपये तक है. गो फर्स्ट को भारत सरकार की असाधारण आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना से भी महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, जिसके लिए वह बहुत आभारी है.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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DGCA ने जारी किया कारण बताओ नोटिस 

विमानों को कैंसिल करने की वजह से आम यात्री परेशान हैं. DGCA ने भी एयरलाइंस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. और 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है. कारण बताओ नोटिस में पूछा गया है कि फ्लाइट कैंसिल करने की वजह से जिन यात्रियों को परेशानी हो रही है, उनकी असुविधा दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

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क्यों दिवालिया होने की कगार पर कंपनी?

गो फर्स्ट ने इंजन सप्लाई में कंपनी का हवाला देते हुए फ्लाइट कैंसिल करने की बात की है. एयरलाइन का कहना है कि इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी सप्लाई बंद कर दी है. Go First एयरलाइन ने दावा किया है कि अगर विमान इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी ने उसे तुरंत इंजन सप्लाई नहीं किया तो कंपनी दिवालिया हो जाएगी.

प्रैट एंड व्हिटनी ने क्या कहा?

अमेरिकी इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी (पी एंड डब्ल्यू) से जुड़े अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वाडिया समूह की नो-फ्रिल्स एयरलाइन गो फर्स्ट का वित्तीय भुगतान वक्त पर ना करने का लंबा इतिहास रहा है.

वहीं कंपनी के पास कैश खत्म हो चुका है, जिस वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का बकाया तक नहीं चुका पा रहे हैं, जिस वजह से करीब 28 विमान खड़े हैं.

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कैसे हुई संकट की शुरुआत?

गो फर्स्ट एयरलाइन का संचालन वाडिया ग्रुप के पास है, इस कंपनी के पास 61 विमान हैं, जिसमें 56 A320 नियो और 5 विमान A320 CEO हैं. पिछले तीन सालों में इस कंपनी में करीब 3200 करोड़ का निवेश किया गया, बीते दो सालों में ही 2400 करोड़ लगाए गए. इस कंपनी की हालत 2022 से बिगड़नी शुरू हुई, उस वक्त भी कंपनी को विमान ग्राउंडेट करना पड़ा था, फरवरी 2023 में यात्रियों की संख्य में भी काफी गिरावट देखी गई. जिसका असर गो फर्स्ट पर पड़ा. फाइनेंशियल ईयर 2023 में कंपनी ने 208 मिलियन डॉलर का घाटा दर्ज किया था.

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GO First ने दिवालिया होने का आवेदन दाखिल किया

बता दें कि 2 मई को गो फर्स्ट ने दिवालिया होने का आवेदन 2 मई को दाखिल किया था, कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) को स्वैच्छिक दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है. GO First ने कहा है कि हमारी कंपनी अपने ग्राहकों, ट्रैवल पार्टनर्स, लेनदारों, आपूर्तिकर्ताओं और खासतौर पर अपने स्टाफ को होने वाली परेशानी और असुविधा के लिए गहरा खेद जताता है, जो सालों से GO FIRST के प्रति वफादार रहे हैं,

गो फर्स्ट ने सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए ये कदम उठाया है, पिछले तीन वर्षों में प्रमोटरों द्वारा एयरलाइन में 3,200 करोड़ रुपये के पर्याप्त धन के प्रवाह के बावजूद इसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया है, जिसमें से 2400 करोड़ रुपये पिछले 24 महीनों में डाले गए थे, और INR 290 करोड़ अकेले अप्रैल 2023 में लगाया गया, यह एयरलाइन में कुल प्रवर्तक निवेश को इसकी स्थापना के बाद से करीब 6,500 करोड़ रुपये तक है. गो फर्स्ट को भारत सरकार की असाधारण आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना से भी महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, जिसके लिए वह बहुत आभारी है.

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