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भारत ने चीन से आने वाले 3 उत्पादों पर क्यों लगाई एंटी डंपिंग ड्यूटी? आखिर यह क्या है?

Anti Dumping Duty Explained: भारत सरकार ने चीन से आयात होने वाले तीनों उत्पादों पर 5 साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी है.

Published
कुंजी
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भारत सरकार (Indian Government) ने बुधवार, 10 जनवरी को चीन से आयात किए जाने वाले 3 सामानों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी (Anti Dumping Duty) लगाई है. वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिशों के बाद ये टैक्स लगाए गए हैं.

चलिए आपको बताते हैं कि भारत ने किन चीनी सामानों पर यह ड्यूटी लगाई है? आखिर डंपिंग क्या होती है? सरकार इसके खिलाफ टैक्स क्यों लगाती है?

भारत ने चीन से आने वाले 3 उत्पादों पर क्यों लगाई एंटी डंपिंग ड्यूटी? आखिर यह क्या है?

  1. 1. भारत ने किन चीनी सामानों पर यह ड्यूटी लगाई है?

    डीजीटीआर (Directorate General of Trade Remedies) ने अलग-अलग जांच में निष्कर्ष निकाला है कि चीन से आने वाले इन 3 सामानों को भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया जा रहा है:

    1. व्हील लोडर

    2. जिप्सम टाइल्स

    3. औद्योगिक लेजर

    डीजीटीआर के इस निष्कर्ष के बाद सरकार ने तीनों उत्पादों पर 5 साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी है. ओमान में भी कुछ कंपनियों द्वारा निर्मित जिप्सम टाइल्स पर भी इस तरह के एंटी डंपिंग टैक्स लगाए गए हैं.

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  2. 2. डंपिंग क्या होती है?

    जब एक निर्यातक देश आयात करने वाले देश के लोकल मार्केट में सामान्य मूल्य से सस्ते दामों पर प्रोडक्ट्स बेचता है तो उसे डंपिंग कहते हैं. सस्ते दामों पर प्रोडक्ट बेचने का मुख्य उद्देश्य आयातक देश के स्थानीय उत्पादकों को नुकसान पहुंचाना होता है. ऐसा करके निर्यातक देश लोकल मार्केट में अपना आधिपत्य जमा लेता है.

    सवाल उठता है कि आखिर चीन अपने सामान को दूसरे देश को सस्ते दामों पर क्यों बेचेगा?

    तो इसका जवाब है भारतीय मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है. भारतीय मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान चीन को उठाना पड़ेगा. इसलिए चीन पिछले कई सालों से भारतीय उत्पादकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लोकल मार्केट से बहुत सस्ते दामों पर सामान भेजता रहता है. चीन के सस्ते सामान भेजने से भारतीय उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ता है.

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  3. 3. एंटी-डंपिंग टैक्स क्या होता है?

    निर्यातक देश के द्वारा डंपिंग को रोकने का ही उपाय है एंटी-डंपिंग ड्यूटी. ड्यूटी यानी टैक्स. आयातक देश की सरकार बाहर से सस्ते दाम पर डंप किए जा रहे सामानों पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर उसके लागत मूल्य को बढ़ाती है ताकि उसके सामने स्थानीय उत्पादकों के उत्पाद मुकाबला कर सकें.

    एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए चीन के स्थानीय बाजार में किसी प्रोडक्ट की कीमत 2000 रुपए है. यदि चीन उसी प्रोडक्ट को भारत में 1000 रुपए का बेचता है तो इस परिस्थिति में भारत सरकार चीन से आए उस समान पर 1000 रुपए की एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है. ऐसा करने से उसका मूल्य 2000 रुपए हो जाएगा.

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  4. 4. भारत और चीन के बीच कितना व्यापर होता है?

    वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान चीन ने भारत को 98.5 बिलियन डॉलर का सामान बेचा था. जबकि भारत ने चीन को 15.3 बिलियन का सामान निर्यात किया था. यानी इस वित्त वर्ष भारत को 83.2 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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भारत ने किन चीनी सामानों पर यह ड्यूटी लगाई है?

डीजीटीआर (Directorate General of Trade Remedies) ने अलग-अलग जांच में निष्कर्ष निकाला है कि चीन से आने वाले इन 3 सामानों को भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया जा रहा है:

  1. व्हील लोडर

  2. जिप्सम टाइल्स

  3. औद्योगिक लेजर

डीजीटीआर के इस निष्कर्ष के बाद सरकार ने तीनों उत्पादों पर 5 साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी है. ओमान में भी कुछ कंपनियों द्वारा निर्मित जिप्सम टाइल्स पर भी इस तरह के एंटी डंपिंग टैक्स लगाए गए हैं.

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डंपिंग क्या होती है?

जब एक निर्यातक देश आयात करने वाले देश के लोकल मार्केट में सामान्य मूल्य से सस्ते दामों पर प्रोडक्ट्स बेचता है तो उसे डंपिंग कहते हैं. सस्ते दामों पर प्रोडक्ट बेचने का मुख्य उद्देश्य आयातक देश के स्थानीय उत्पादकों को नुकसान पहुंचाना होता है. ऐसा करके निर्यातक देश लोकल मार्केट में अपना आधिपत्य जमा लेता है.

सवाल उठता है कि आखिर चीन अपने सामान को दूसरे देश को सस्ते दामों पर क्यों बेचेगा?

तो इसका जवाब है भारतीय मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है. भारतीय मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान चीन को उठाना पड़ेगा. इसलिए चीन पिछले कई सालों से भारतीय उत्पादकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लोकल मार्केट से बहुत सस्ते दामों पर सामान भेजता रहता है. चीन के सस्ते सामान भेजने से भारतीय उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ता है.

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एंटी-डंपिंग टैक्स क्या होता है?

निर्यातक देश के द्वारा डंपिंग को रोकने का ही उपाय है एंटी-डंपिंग ड्यूटी. ड्यूटी यानी टैक्स. आयातक देश की सरकार बाहर से सस्ते दाम पर डंप किए जा रहे सामानों पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर उसके लागत मूल्य को बढ़ाती है ताकि उसके सामने स्थानीय उत्पादकों के उत्पाद मुकाबला कर सकें.

एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए चीन के स्थानीय बाजार में किसी प्रोडक्ट की कीमत 2000 रुपए है. यदि चीन उसी प्रोडक्ट को भारत में 1000 रुपए का बेचता है तो इस परिस्थिति में भारत सरकार चीन से आए उस समान पर 1000 रुपए की एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा सकती है. ऐसा करने से उसका मूल्य 2000 रुपए हो जाएगा.

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भारत और चीन के बीच कितना व्यापर होता है?

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान चीन ने भारत को 98.5 बिलियन डॉलर का सामान बेचा था. जबकि भारत ने चीन को 15.3 बिलियन का सामान निर्यात किया था. यानी इस वित्त वर्ष भारत को 83.2 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ.

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