आईपीएल 2018 को अभी करीब 5 महीने बाकी हैं लेकिन इस हाईप्रोफाइल क्रिकेट लीग के लिए चर्चा अभी से ही जोरों पर हैं. वजह है नियमों में बदलाव. जी हां, अगर दिल्ली वाले अभी तक खुश हो रहे थे कि विराट कोहली अब उनके लिए खेल सकते हैं या फिर बैंगलोर की टीम इस बार धोनी पर बोली लगाने के लिए बेकरार थी तो उन्हें ये नियम पढ़कर थोड़ी निराशा हो सकती है. क्योंकि पूरे पूरे चांस हैं कि ये खिलाड़ी अपनी पुरानी टीमों में ही खेलेंगे. दरअसल आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने आईपीएल के 11वें सीजन को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं. ये नियम खिलाड़ियों की नीलामी को लेकर बदले गए हैं. आप इन नियमों को समझ लीजिए वरना जब लीग शुरू होगी तो आप कंफ्यूज हो जाएंगे कि आपका फेवरेट खिलाड़ी दूसरी टीम में क्यों खेल रहा है?
5-5 खिलाड़ी कर सकते हैं रिटेन
आईपीएल 2017 के बाद ये बात पक्की थी कि सभी टीमें एक बार फिर से पूरी तरह बदलेंगी यानी कोहली,धोनी, रैना और रोहित शर्मा जैसे सभी खिलाड़ी एक बार फिर नीलाम होंगे. लेकिन गवर्निंग काउंसिल की बैठक में फैसला लिया गया कि ऐसा अब नहीं होगा. नए नियम के मुताबिक हरएक टीम अपने 5-5 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है.
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क्या होती है रिटेनिंग पॉलिसी?
रिटेनिंग पॉलिसी के तहत कोई भी टीम अपने पुराने खिलाड़ी को अगले सीजन के लिए भी अपने साथ जोड़े रख सकती है. खिलाड़ियों की रिटेनिंग दो तरीके से होगी- ‘डायरेक्ट रिटेनिंग’ और ‘राइट टू मैच’. रिटेंशन नियम के तहत टीमें तीन खिलाड़ियों को डायरेक्ट रिटेन कर सकती है और फिर दो खिलाड़ियों को राइट टू मैच कार्ड के जरिए टीम में ले सकती है, तो वहीं इसके उलट वो दो खिलाड़ियों को रिटेन करने के बाद 3 खिलाड़ियों को राइट टू मैच के जरिए अपने साथ जोड़ सकती है. आपको बता दें कि टीमों को जो 5 खिलाड़ी रिटेन करने का मौका मिला है उसमें कम से कम 3 देसी खिलाड़ी होने जरूरी हैं.
क्या है डायरेक्ट रिटेनिंग और राइट टू मैच?
डायरेक्ट रिटेनिंग का मतलब है कि टीम पहले से ही अपनी लिस्ट आईपीएल बॉडी को दे सकती है. इस लिस्ट में वो कोई भी तीन नाम लिख सकती है. जिसके बाद वो खिलाड़ी अगले सीजन में उन्हीं के साथ रहेंगे. उदाहरण के लिए आरसीबी चाहे तो अपनी लिस्ट में विराट कोहली, एबी डिविलियर्स और केएल राहुल का नाम देकर अगले सीजन के लिए उन्हें अपने साथ पक्का कर सकती है.
'राइट टू मैच' का मतलब है, पुरानी फ्रेंचाइजी सबसे ज्यादा बोली पाने वाले खिलाड़ी को अपने साथ जोड़ सकती है. उदाहरण के लिए दिल्ली ने किसी खिलाड़ी को रिटेन नहीं किया और वो ऑक्शन में चला गया. वहां किसी दूसरी टीम ने उसे 8 करोड़ की बोली लगाकर खरीदा हो, तो दिल्ली चाहे तो उस नीलामी की रकम यानी 8 करोड़ देकर उस खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल कर सकती है. दूसरी टीम सबसे ज्यादा बोली लगाने के बावजूद उस खिलाड़ी को नहीं खरीद पाएगी.
रिटेन खिलाड़ियों को मिलेगा खूब पैसा
अभी तक रिटेन किए जाने वाले 5 खिलाड़ियों को बारी से 12.5 करोड़, 9.5 करोड़, 7.5 करोड़, 5.5 करोड़ और 4 करोड़ रुपए दिए जाते थे. लेकिन नए नियम के मुताबिक इन खिलाड़ियों की रकम बढ़ाई जाएगी. जैसे अगर किसी टीम ने तीन खिलाड़ियों को नीलामी से पहले रिटेन किया है तो इनको कुल 33 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. पहले खिलाड़ी को 15 करोड़ मिलेंगे, दूसरे खिलाड़ी को 11 करोड़ तो वहीं तीसरे खिलाड़ी को 7 करोड़ रुपए मिलेंगे. अगर किसी टीम ने दो खिलाड़ियों को रिटेन किया तो उन्हें कुल 21 करोड़ (पहले खिलाड़ी को 12.5 और दूसरे को 8.5 करोड़ रु.) मिलेंगे. सिर्फ 1 खिलाड़ी अगर रिटेन किया गया तो उसे 12.5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
टीमों का बजट भी बढ़ाया गया
2018 की नीलामी के लिए अब टीमों के पास उनके पर्स में 80 करोड़ रुपए होंगे. पहले ये आंकड़ा 66 करोड़ रुपए था. 2019 के लिए ये बजट 82 करोड़ और 2020 में 85 करोड़ होगा. साथ ही हर टीम अधिकतम 25 खिलाड़ियों को टीम में शामिल कर सकती हैं. टीम में अधिकतम 8 विदेशी खिलाड़ी खेल सकेंगे. टीम में कम से कम 18 खिलाड़ियों का होना जरूरी है.
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