ADVERTISEMENTREMOVE AD

Lakshadweep जाने का बना रहे प्लान तो लेना पड़ेगा इनर लाइन परमिट, जानें कहां-कैसे मिलेगा?

Inner Line Permit क्या होता है? लक्षद्वीप में किसे और क्यों परमिट लेना होता है? यहां समझिए | Explained

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

लक्षद्वीप (Lakshadweep) के खूबसूरत समुद्री तटों पर जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो जरा ठहरिए. उसके लिए आपको पहले सरकार से परमिशन लेनी होगी, जिसे इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit) कहा जाता है.

इस आर्टिकल में हम आपको इन सवालों का जवाब देंगे:

  • इनर लाइन परमिट क्या है?

  • लक्षद्वीप में किसे और क्यों परमिट लेना होता है?

  • आप परमिट कैसे ले सकते हैं? 

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है इनर लाइन परमिट?

भारत का कोई भी व्यक्ति पूरे देश में कहीं भी आसानी से घूम सकता है. संविधान पूरे देश में कहीं भी घूमने और बसने की आजादी देता है. लेकिन कुछ ऐसे भी इलाके हैं जो संवेदनशील हैं, या फिर वैसे इलाके जहां की खास स्थानीय संस्कृति को बचाना होता है.

कई ऐसे इलाके भी हैं जहां नागरिकों का जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, जैसे अंडमान निकोबार के कुछ संरक्षित क्षेत्र. लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां आप और हम सरकार से परमिशन लेकर जा सकते हैं. इसी परमिशन को इनर लाइन परमिट कहा जाता है.

दरअसल इनर लाइन परमिट की शुरुआत अंग्रेजी औपनिवेशिक समय से हुई थी. बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन अधिनियम, 1873 के तहत ब्रिटिश हुकूमत नॉर्थ ईस्ट में बाहरी लोगों के प्रवेश निषेध तथा कुछ इलाकों में प्रवेश को नियंत्रित करती थी. इसे आजादी के बाद भारत सरकार ने भी कुछ मामूली सुधारों के साथ लागू किया.

लक्षद्वीप में किसे और क्यों परमिट लेना होता है?

अरब सागर में बसा 36 द्वीपों वाला लक्षद्वीप बेहद खूबसूरत है. यह अपनी भौगोलिक स्तिथि की वजह से भारत के लिए सामरिक महत्व भी रखता है. यहां पर रहने वाले लोग 95% आदिवासी है. इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने साल 1967 में लैकाडिव मिनिकॉय और अमिनदीवी द्वीप (प्रतिबंध प्रवेश और निवास पर) नियम बनाए थे.

गौरतलब है कि लक्षद्वीप का ही पुराना नाम लैकाडिव मिनिकॉय और अमिनदीवी द्वीप था.

इन नियम के हिसाब से वहां ड्यूटी पर लगे सेना के जवान/अधिकारी, स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रहे लोग तथा उनके परिजन, और भारत सरकार द्वारा भेजे गए अधिकारियों को छोड़कर अन्य सभी को वहां जाने के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्यक होती है.

आप इनर लाइन परमिट कैसे ले सकते हैं? 

लक्षद्वीप सरकार की वेबसाइट के अनुसार, वहां जाने वाले लोगों को कुल 6 प्रकार की अथॉरिटी इनर पास जारी करती है.

  • विदेशी पर्यटक - प्रशासक

  • भारतीय पर्यटक - SPORTS (लक्षद्वीप प्रशासन के अंदर आने वाली एक सोसाइटी)

  • धार्मिक विद्वान - अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, कवरत्ती

  • अधिकारी/ सरकारी कर्मचारी और उसके रिश्तेदार- अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, कवरत्ती

  • ठेकेदार, मजदूर- LPWD

  • अन्य -अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, कवरत्ती

आपको इनर लाइन परमिट के लिए https://epermit.utl.gov.in/ पर अप्लाइ करना होगा.

CNBC TV18 की रिपोर्ट के अनुसार इनर लाइन परमिट के फॉर्म के लिए आवेदन शुल्क ₹50 है. भारतीय पर्यटकों के लिए, आप जिस जिले में रहते हैं, वहां के पुलिस आयुक्त से आपको पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लेना होगा. इसके अतिरिक्त, आपको तीन पासपोर्ट आकार की तस्वीरों के साथ आईडी कार्ड की स्व-सत्यापित/सेल्फ अटेस्टेड फोटोकॉपी जमा करनी होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×