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Meghalaya: तुरा को दूसरी राजधानी बनाने की मांग क्यों? विरोध से हिंसा तक की कहानी

Meghalaya CM Conrad Sangma के ऑफिस पर तुरा में भीड़ द्वारा किये गये हमले में 5 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.

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कुंजी
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मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा (Conrad Sangma) के कार्यालय पर सोमवार (24 जुलाई) को तुरा में भीड़ द्वारा किये गये हमले में पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. हालांकि, इस हमले में मुख्यमंत्री को किसी भी प्रकार की चोट नहीं आयी और वो पूरी तरह सुरक्षित हैं.

Meghalaya: तुरा को दूसरी राजधानी बनाने की मांग क्यों? विरोध से हिंसा तक की कहानी

  1. 1. कब हुआ हमला?

    जानकारी के अनुसार, जब हमला किया गया उस वक्त मुख्यमंत्री तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग पर चर्चा करने के लिए दो प्रदर्शनकारी संगठनों- अचिक कॉन्शस होलिस्टिकली इंटीग्रेटेड क्रिमा (ACHIK) और गारो हिल्स स्टेट मूवमेंट कमेटी (GHSMC) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे.

    NDTV से बात करते हुए कॉनराड संगमा ने कहा, "चर्चा लगभग खत्म होने के बाद, हमने बाहर से नारेबाजी सुनी."

    मैंने उनसे यहां कोई भी माहौल न बनाने को कहा. उनके नेता [बातचीत में नागरिक समाज के] लोगों से बात करने के लिए बाहर गए. वे वापस आये और कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये लोग कौन थे, उन्होंने उन्हें भूख हड़ताल के दौरान पहले कभी नहीं देखा था.
    कॉनराड संगमा, मुख्यमंत्री, मेघालय

    हिंसा के बाद, मेघालय सरकार ने धारा 144 के तहत तुरा में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया. हमले में कथित संलिप्तता के लिए बीजेपी महिला मोर्चा की दो पदाधिकारियों सहित कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था - और इमारत पर हमला करने के लिए भीड़ को कथित तौर पर उकसाने के आरोप में टीएमसी के दो नेताओं की तलाश जारी है.

    अब सवाल है कि आखिर मेघालय के तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग क्यों हो रही है? क्यों हो रहा है मांग का विरोध? हम आपको समझाते हैं.

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  2. 2. शीतकालीन राजधानी की मांग क्यों है?

    24 जुलाई रात का विरोध मेघालय में पश्चिमी गारो हिल्स क्षेत्र के मुख्यालय तुरा को राज्य की शीतकालीन राजधानी के रूप में स्थापित करने की ACHIK की मांग से उठा है. वर्तमान में राज्य की राजधानी शिलांग पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है.

    शिलांग लगभग पहाड़ियों के केंद्र में है, जहां खासी लोग रहते हैं, जो मेघालय के तीन मातृसत्तात्मक समुदायों में से एक है. अन्य दो गारो हिल्स में केंद्रित गारो हैं, और जैन्तिया हिल्स पर हावी जयन्तिया हैं.

    11 जुलाई को, ACHIK नेता तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर अक्टूबर से मार्च तक छह महीने तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया था.

    पिछले हफ्ते, ACHIK ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "दूसरी या शीतकालीन राजधानी की स्थापना के महत्व को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जा सकता." उनके कारण थे:

    • ऐसा कदम "विशिष्ट क्षेत्रीय चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने और समग्र समृद्धि को बढ़ावा देने में सक्षम होगा."

    • मेघालय के पश्चिमी भाग में तुरा की रणनीतिक स्थिति इसे "कई दूरदराज के क्षेत्रों के लिए प्रवेश द्वार, बेहतर कनेक्टिविटी और प्रशासन की सुविधा" के रूप में काम करने में मदद करती है.

    • तुरा में गारो हिल्स क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की क्षमता है.

    • तुरा भू-भौतिकीय बाधा को कम करेगा, साथ ही गारो हिल्स से शिलांग पहुंचने में अधिक समय लगेगा.

    • सर्दियों के महीनों के दौरान तुरा में अपेक्षाकृत हल्के मौसम की स्थिति का अनुभव होता है, जो इसे शीतकालीन राजधानी के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है.

    • इससे शिलांग को सर्दियों के मौसम में राहत मिलेगी, जब पर्यटन सीजन अपने चरम पर होता है.

    प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "इस अवधि के दौरान प्रशासनिक कार्यों को तुरा में स्थानांतरित करके, संसाधनों पर दबाव और शिलांग में भीड़भाड़ को कम किया जा सकता है, जिससे स्थायी संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सकेगा और दोनों क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित किया जा सकेगा."

    इसके अलावा उनका कहना है कि शीतकालीन राजधानी की मांग कोई नई भी नहीं है.

    ACHIK के अध्यक्ष थॉमस एम मराक ने द मेघालयन के हवाले से कहा, "यह जानना दुखद है कि हालांकि तुरा में शीतकालीन राजधानी या दूसरी राजधानी मेघालय राज्य के अग्रदूतों की एक सहमत नीति थी, फिर भी, मेघालय के राज्य बनने के 51 साल बाद भी कार्यान्वयन के लिए कोई वास्तविक नीति नहीं होने के कारण यह एक दूर का सपना बनकर रह गया है."

    गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के सदस्य बर्नार्ड एन मारक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग वास्तविक थी, क्योंकि "50 साल पहले राज्य आंदोलन के दौरान गारो हिल्स के लोगों से शीतकालीन राजधानी का वादा किया गया था, लेकिन पूर्व नेताओं ने इसे बीच में ही छोड़ दिया था."

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  3. 3. अन्य दृष्टिकोण क्या है?

    ACHIK की शीतकालीन राजधानी की मांग से हर कोई सहमत नहीं है.

    राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने इस मांग को खारिज कर दिया है और कहा है कि कहीं और किसी भी तरह की राजधानी पर विचार करना सही नहीं होगा.

    हम शिलांग में हैं. यह राजधानी है और हमें उम्मीद है कि इन मांगों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए. यह मेरा निजी विचार है क्योंकि अगर हर जिला यह कहने लगे कि 'यह मेरे जिले में लाओ, वह मेरे जिले में लाओ' तो हम मुश्किल में पड़ जाएंगे, हमारे लिए प्रशासन करना मुश्किल हो जाएगा.
    अम्पारीन लिंगदोह, मेघालय के स्वास्थ्य मंत्री, पिछले सप्ताह
    हालांकि, लिंग्दोह ने आरोप लगाया कि सोमवार को संगमा पर हुए हमले के पीछे कुछ राजनीतिक नेता थे.

    लिंग्दोह ने द क्विंट को बताया, "सोमवार को हुआ हमला उन लोगों द्वारा नहीं था जो तुरा के लिए शीतकालीन राजधानी की मांग कर रहे थे. जिन उपद्रवियों ने कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा की, वे सभी 2-3 पार्टियों के राजनीतिक नेता थे जो हाल के राज्य चुनावों में हार गए थे, और सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में इसका संकेत मिल रहा है. हम इसकी निंदा करते हैं - और प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा के उल्लंघन और मुख्यमंत्री को सीधे धमकी देने के लिए सभी संबंधित लोगों को गिरफ्तार करने का आग्रह करते हैं."

    इस बीच, शिलांग को ग्रीष्मकालीन राजधानी और तुरा को शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग ने जंतिया हिल्स में जोवाई को वसंत राजधानी बनाने की मांग शुरू कर दी है. जोवाई जैन्तिया हिल्स का मुख्य केन्द्र है. कुछ दिन पहले हाइनीवट्रेप यूथ काउंसिल की स्थानीय इकाई द्वारा यह मांग उठाए जाने के बाद यह मांग जैन्तिया छात्र आंदोलन की ओर से उठाई जा रही है.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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कब हुआ हमला?

जानकारी के अनुसार, जब हमला किया गया उस वक्त मुख्यमंत्री तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग पर चर्चा करने के लिए दो प्रदर्शनकारी संगठनों- अचिक कॉन्शस होलिस्टिकली इंटीग्रेटेड क्रिमा (ACHIK) और गारो हिल्स स्टेट मूवमेंट कमेटी (GHSMC) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे.

NDTV से बात करते हुए कॉनराड संगमा ने कहा, "चर्चा लगभग खत्म होने के बाद, हमने बाहर से नारेबाजी सुनी."

मैंने उनसे यहां कोई भी माहौल न बनाने को कहा. उनके नेता [बातचीत में नागरिक समाज के] लोगों से बात करने के लिए बाहर गए. वे वापस आये और कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये लोग कौन थे, उन्होंने उन्हें भूख हड़ताल के दौरान पहले कभी नहीं देखा था.
कॉनराड संगमा, मुख्यमंत्री, मेघालय

हिंसा के बाद, मेघालय सरकार ने धारा 144 के तहत तुरा में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया. हमले में कथित संलिप्तता के लिए बीजेपी महिला मोर्चा की दो पदाधिकारियों सहित कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था - और इमारत पर हमला करने के लिए भीड़ को कथित तौर पर उकसाने के आरोप में टीएमसी के दो नेताओं की तलाश जारी है.

अब सवाल है कि आखिर मेघालय के तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग क्यों हो रही है? क्यों हो रहा है मांग का विरोध? हम आपको समझाते हैं.

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शीतकालीन राजधानी की मांग क्यों है?

24 जुलाई रात का विरोध मेघालय में पश्चिमी गारो हिल्स क्षेत्र के मुख्यालय तुरा को राज्य की शीतकालीन राजधानी के रूप में स्थापित करने की ACHIK की मांग से उठा है. वर्तमान में राज्य की राजधानी शिलांग पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है.

शिलांग लगभग पहाड़ियों के केंद्र में है, जहां खासी लोग रहते हैं, जो मेघालय के तीन मातृसत्तात्मक समुदायों में से एक है. अन्य दो गारो हिल्स में केंद्रित गारो हैं, और जैन्तिया हिल्स पर हावी जयन्तिया हैं.

11 जुलाई को, ACHIK नेता तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर अक्टूबर से मार्च तक छह महीने तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया था.

पिछले हफ्ते, ACHIK ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "दूसरी या शीतकालीन राजधानी की स्थापना के महत्व को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जा सकता." उनके कारण थे:

  • ऐसा कदम "विशिष्ट क्षेत्रीय चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने और समग्र समृद्धि को बढ़ावा देने में सक्षम होगा."

  • मेघालय के पश्चिमी भाग में तुरा की रणनीतिक स्थिति इसे "कई दूरदराज के क्षेत्रों के लिए प्रवेश द्वार, बेहतर कनेक्टिविटी और प्रशासन की सुविधा" के रूप में काम करने में मदद करती है.

  • तुरा में गारो हिल्स क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की क्षमता है.

  • तुरा भू-भौतिकीय बाधा को कम करेगा, साथ ही गारो हिल्स से शिलांग पहुंचने में अधिक समय लगेगा.

  • सर्दियों के महीनों के दौरान तुरा में अपेक्षाकृत हल्के मौसम की स्थिति का अनुभव होता है, जो इसे शीतकालीन राजधानी के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है.

  • इससे शिलांग को सर्दियों के मौसम में राहत मिलेगी, जब पर्यटन सीजन अपने चरम पर होता है.

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "इस अवधि के दौरान प्रशासनिक कार्यों को तुरा में स्थानांतरित करके, संसाधनों पर दबाव और शिलांग में भीड़भाड़ को कम किया जा सकता है, जिससे स्थायी संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सकेगा और दोनों क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित किया जा सकेगा."

इसके अलावा उनका कहना है कि शीतकालीन राजधानी की मांग कोई नई भी नहीं है.

ACHIK के अध्यक्ष थॉमस एम मराक ने द मेघालयन के हवाले से कहा, "यह जानना दुखद है कि हालांकि तुरा में शीतकालीन राजधानी या दूसरी राजधानी मेघालय राज्य के अग्रदूतों की एक सहमत नीति थी, फिर भी, मेघालय के राज्य बनने के 51 साल बाद भी कार्यान्वयन के लिए कोई वास्तविक नीति नहीं होने के कारण यह एक दूर का सपना बनकर रह गया है."

गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के सदस्य बर्नार्ड एन मारक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग वास्तविक थी, क्योंकि "50 साल पहले राज्य आंदोलन के दौरान गारो हिल्स के लोगों से शीतकालीन राजधानी का वादा किया गया था, लेकिन पूर्व नेताओं ने इसे बीच में ही छोड़ दिया था."

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अन्य दृष्टिकोण क्या है?

ACHIK की शीतकालीन राजधानी की मांग से हर कोई सहमत नहीं है.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने इस मांग को खारिज कर दिया है और कहा है कि कहीं और किसी भी तरह की राजधानी पर विचार करना सही नहीं होगा.

हम शिलांग में हैं. यह राजधानी है और हमें उम्मीद है कि इन मांगों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए. यह मेरा निजी विचार है क्योंकि अगर हर जिला यह कहने लगे कि 'यह मेरे जिले में लाओ, वह मेरे जिले में लाओ' तो हम मुश्किल में पड़ जाएंगे, हमारे लिए प्रशासन करना मुश्किल हो जाएगा.
अम्पारीन लिंगदोह, मेघालय के स्वास्थ्य मंत्री, पिछले सप्ताह
हालांकि, लिंग्दोह ने आरोप लगाया कि सोमवार को संगमा पर हुए हमले के पीछे कुछ राजनीतिक नेता थे.

लिंग्दोह ने द क्विंट को बताया, "सोमवार को हुआ हमला उन लोगों द्वारा नहीं था जो तुरा के लिए शीतकालीन राजधानी की मांग कर रहे थे. जिन उपद्रवियों ने कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा की, वे सभी 2-3 पार्टियों के राजनीतिक नेता थे जो हाल के राज्य चुनावों में हार गए थे, और सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में इसका संकेत मिल रहा है. हम इसकी निंदा करते हैं - और प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा के उल्लंघन और मुख्यमंत्री को सीधे धमकी देने के लिए सभी संबंधित लोगों को गिरफ्तार करने का आग्रह करते हैं."

इस बीच, शिलांग को ग्रीष्मकालीन राजधानी और तुरा को शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग ने जंतिया हिल्स में जोवाई को वसंत राजधानी बनाने की मांग शुरू कर दी है. जोवाई जैन्तिया हिल्स का मुख्य केन्द्र है. कुछ दिन पहले हाइनीवट्रेप यूथ काउंसिल की स्थानीय इकाई द्वारा यह मांग उठाए जाने के बाद यह मांग जैन्तिया छात्र आंदोलन की ओर से उठाई जा रही है.

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