पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर केंद्र सरकार ने 5 साल तक का बैन लगा दिया है. केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध और कई आतंकी मामलों में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है. दावा किया जा रहा है कि एजेंसियों ने अब तक अपनी जांच में पाया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अन्य लोगों के साथ बैंकिंग चैनलों, हवाला, दान आदि के माध्यम से भारत और विदेशों से धन जुटाने की साजिश कर रहे थे.
PFI और सहयोगियों पर क्यों लगा बैन, आतंकी संगठनों से लिंक, क्या-क्या आरोप?
1. UAPA के तहत लगा बैन
जांच से पता चला है कि पीएफआई की ओर से अपने कई बैंक खातों के संबंध में जमा आय के सोर्स खाताधारकों के वित्तीय प्रोफाइल के समर्थित नहीं थे और पीएफआई की गतिविधियों को उनके घोषित उद्देश्यों के अनुसार नहीं किया जा रहा था.
गृह मंत्रालय की ओर की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार ने PFI की विध्वंशक गतिविधियों को देखते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 यानी Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के सेक्शन 3 के सबसेक्शन 1 के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल किया है.
अधिसूचना के मुताबिक, आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) की धारा 12ए या 12एए के तहत पीएफआई को दिए गए पंजीकरण को रद्द कर दिया. आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 12ए या धारा 12एए के तहत रिहैब इंडिया फाउंडेशन को दिए गए पंजीकरण को भी रद्द कर दिया.
Expand2. इन संगठनों पर भी लगा प्रतिबंध
रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ)
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई)
ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी)
नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ)
नेशनल वुमेन फ्रंट
जूनियर फ्रंट
एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन
रिहैब फाउंडेशन
Expand3. आतंकी संगठनों से संबंध का आरोप
केंद्र सरकार ने बताया कि कई एजेंसियों द्वारा की गई जांच में पाया गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) आईएसआईएस और जेएमबी जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों से जुड़ा हुआ है.गृह मंत्रालय के अनुसार, वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के कई उदाहरण हैं और पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल हो गए हैं और सीरिया, इराक में आतंकवादी गतिविधियों में भाग लिया है. इनका एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से भी संबंध हैं.
केंद्र ने बुधवार को अपनी अधिसूचना के माध्यम से कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं.
कैसे बना PFI?
1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद तीन संगठनों- नेशनल डेवलमेंट फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु के मनीथा नीति पासारी का विलय कर 2006 में केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) शुरू किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित देश के 22 राज्यों में उसकी यूनिट्स हैं. इस संगठन का हेडक्वार्टर पहले केरल के कोझीकोड में था, लेकिन विस्तार हो जाने के बाद इसे दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया.
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जांच से पता चला है कि पीएफआई की ओर से अपने कई बैंक खातों के संबंध में जमा आय के सोर्स खाताधारकों के वित्तीय प्रोफाइल के समर्थित नहीं थे और पीएफआई की गतिविधियों को उनके घोषित उद्देश्यों के अनुसार नहीं किया जा रहा था.
UAPA के तहत लगा बैन
गृह मंत्रालय की ओर की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार ने PFI की विध्वंशक गतिविधियों को देखते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 यानी Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के सेक्शन 3 के सबसेक्शन 1 के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल किया है.
अधिसूचना के मुताबिक, आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) की धारा 12ए या 12एए के तहत पीएफआई को दिए गए पंजीकरण को रद्द कर दिया. आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 12ए या धारा 12एए के तहत रिहैब इंडिया फाउंडेशन को दिए गए पंजीकरण को भी रद्द कर दिया.
इन संगठनों पर भी लगा प्रतिबंध
रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ)
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई)
ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी)
नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ)
नेशनल वुमेन फ्रंट
जूनियर फ्रंट
एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन
रिहैब फाउंडेशन
आतंकी संगठनों से संबंध का आरोप
केंद्र सरकार ने बताया कि कई एजेंसियों द्वारा की गई जांच में पाया गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) आईएसआईएस और जेएमबी जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों से जुड़ा हुआ है.गृह मंत्रालय के अनुसार, वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के कई उदाहरण हैं और पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल हो गए हैं और सीरिया, इराक में आतंकवादी गतिविधियों में भाग लिया है. इनका एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से भी संबंध हैं.
केंद्र ने बुधवार को अपनी अधिसूचना के माध्यम से कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं.
कैसे बना PFI?
1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद तीन संगठनों- नेशनल डेवलमेंट फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु के मनीथा नीति पासारी का विलय कर 2006 में केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) शुरू किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित देश के 22 राज्यों में उसकी यूनिट्स हैं. इस संगठन का हेडक्वार्टर पहले केरल के कोझीकोड में था, लेकिन विस्तार हो जाने के बाद इसे दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया.
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