दुनिया के सबसे अमीर इंसान और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर (Twitter) को खरीदने की पेशकश की है. मस्क के इस प्रस्ताव को ठुकराने के लिए इसके बाद ट्विटर ने शुक्रवार, 15 अप्रैल को घोषणा की कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने सर्वसम्मति से फाइनेंसियल दुनिया में प्वॉइजन पिल/Poison Pill के नाम से जाने जाने वाली रक्षात्मक रणनीति अपनाई है.
ट्विटर ने अपने एक बयान में कहा कि कंपनी के सभी स्टेकहोल्डर्स को कंपनी में अपने इन्वेस्टमेंट की पूरी कीमत आंकने में सक्षम बनाने के लिए Poison Pill या "द राइट्स प्लान" को अपनाया जा रहा है.
ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल आना लाजमी है कि आखिर Poison Pill है क्या? चलिए आपको बताते हैं.
Poison Pill है क्या?
फाइनेंसियल दुनिया में शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण की स्थिति में कभी-कभी कंपनी अपना बचाव Poison Pill की रक्षात्मक रणनीति अपना कर करती है.
शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण का आसान मतलब है कि कंपनी के बाहर का कोई प्लयेर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सहमति के बिना कंपनी बड़े स्टेकहोल्डर्स से अपने शेयर बेचने को कहता है और इस रास्ते कंपनी पर अपना दावा करता है.
Poison Pill को ही "द राइट्स प्लान" भी कहते हैं. Poison Pill की रणनीति में कंपनी के बाहर के किसी प्लयेर के लिए डील को कम आकर्षक के लिए कंपनी के शेयर को अनावश्यक रूप से महंगा किया जाता है.
इस रणनीति के तहत कंपनी के शेयरहोल्डर्स को रियायती/कम कीमत पर अतिरिक्त शेयर खरीदने की अनुमति दी जाती है. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के मेंबर्स जितना अधिक शेयर खरीदते हैं, उस बाहरी प्लेयर्स का कंपनी में स्वामित्व की स्थिति उतनी ही कमजोर होती जाती है- यानी उसके पास मौजूद कंपनी के शेयरों का मूल्य कम हो जाता है.
ट्विटर ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी के बिना अपने उन शेयरहोल्डर्स को रियायती मूल्य पर शेयर खरीदने की अनुमति देगा जिनके पास कंपनी में 15 प्रतिशत से अधिक स्टॉक है.
मालूम हो कि मस्क के पास अभी ट्विटर के केवल लगभग 9 प्रतिशत शेयर हैं.
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