समय से पहले जन्मे (प्रीमैच्योर) बच्चों के लिए रोजाना कैफीन की एक निश्चित मात्रा उनके दिमाग और फेफड़ों के लिए फायदेमंद हो सकती है. ये बात एक स्टडी में सामने आई है, जिसमें भारतीय मूल के डॉक्टर प्रोफेसर अभय लोढ़ा भी शामिल हैं.
कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलगरी के रिसर्चर्स ने बताया कि 29 हफ्ते से पहले जन्मे बच्चों को कैफीन का डेली डोज दिया गया. स्टडी में ये पाया गया कि जितनी जल्दी कैफीन का डोज दिया जाए, उतना ही बेहतर होता है.
डॉ अभय लोढ़ा ने बताया कि नवजातों के आईसीयू में एंटीबायोटिक्स के बाद कैफीन सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवा है.
ये महत्वपूर्ण है कि हमने ट्रीटमेंट के लिए कैफीन के लॉन्ग-टर्म इफेक्ट को समझा. प्रीमैच्योर बच्चों को बचाने के साथ ये भी जरूरी है कि वे एक बेहतर जिंदगी जीएं.डॉ अभय लोढ़ा
रिसर्चर्स ने ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी और माउंट सिनाई हॉस्पिटल के साथ मिलकर कनाडा के 26 एनआईसीयू से मिले आंकड़ों पर काम किया है. उन्होंने इस रिसर्च में ये पाया कि शुरुआत में कैफीन से इलाज करने से नर्वस सिस्टम के विकास पर लंबे समय वाला कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि इसका संबंध बेहतर काग्निटिव ट्रीटमेंट से है. साथ ही इससे बहरापन और मिर्गी की दिक्कतें भी कम हो सकती हैं.
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