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भारत में JN.1 COVID-19 वेरिएंट के 69 मामले रिपोर्ट किए गए, बरतें ये सावधानियां

ICMR के अधिकारियों ने कहा कि केरल में चल रहे नियमित COVID​​​​-19 जीनोम निगरानी के दौरान सब वेरिएंट JN.1 का पता चला था.

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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत में सोमवार, 25 दिसंबर तक, नए COVID​​​​-19 सब-वेरिएंट, जेएन.1 के 69 मामलों की पुष्टि की गई है, ऐसा एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है.

राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इनमें से 34 मामले अकेले कर्नाटक में सामने आए.

छुट्टियों के मौसम के साथ, देश में COVID ​​​​मामलों में मौजूदा उछाल ने चिंताएं बढ़ा दी हैं.

JN.1 पहली बार केरल में 8 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम की एक 79 वर्षीय महिला में पाया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, महिला अब ठीक हो गईं हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार, 18 दिसंबर को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें राज्यों से इन्फेक्शन के ट्रांसमिशन को कम करने के लिए व्यवस्था करने और पब्लिक हेल्थ मेजर्स लेने को कहा गया.
ICMR के अधिकारियों ने कहा कि केरल में चल रहे नियमित COVID​​​​-19 जीनोम निगरानी के दौरान सब वेरिएंट JN.1 का पता चला था.

देश में कोविड मामलों में हो रही वृद्धि पर MoHFW की सलाह.

(फोटो: क्विंट द्वारा सोर्स्ड)

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और लोगों, खासकर दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सतर्क रहने को कहा है.

क्या JN.1 दूसरे सब वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है? क्या इसके मामले दूसरे राज्यों में भी मिले हैं? कैसे आप खुद की रक्षा कर सकते हैं? चलिए इन सभी सवालों का जवाब खोजते हैं.

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क्या JN.1 एक नया COVID-19 वैरिएंट है?

नहीं, JN.1, BA.2.86 ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट का एक सब-वेरिएंट है.

ओमिक्रॉन COVID-19 वेरिएंट को पहली बार नवंबर 2021 में पाया गया था. तब से यह भारत में प्रमुख वेरिएंट रहा है.

केंद्र ने COVID-19 मामलों में राज्यों को क्या एडवाइजरी जारी की?

केंद्र ने हाल ही में COVID-19 मामलों में वृद्धि और भारत में JN.1 वेरिएंट के पहले मामले का पता चलने के मद्देनजर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है. जिसमें राज्यों से कोविड स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखने का आग्रह किया गया. राज्यों को नियमित आधार पर जिला लेवल पर एसएआरआई (SARI) और आईएलआई (ILI) मामलों की रिपोर्ट और निगरानी करनी होगी. राज्यों को अधिक संख्या में आरटी-पीसीआर टेस्ट्स सहित दूसरे पर्याप्त टेस्ट सुनिश्चित करने की सलाह दी गई और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पॉजिटिव नमूने INSACOG प्रयोगशालाओं को भेजने को कहा गया है.

केरल में नया वेरिएंट कब पाया गया?

JN.1 का पता पहली बार केरल में 8 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम की एक 79 वर्षीय महिला में चला, जिनमें हल्के फ्लू जैसे लक्षण थे. COVID ​​​​-19 के आरटी-पीसीआर टेस्ट में वो महिला पॉजिटिव पाई गईं.

सब वेरिएंट की पहचान तब की गई जब नमूना भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की चल रही रूटीन निगरानी गतिविधि के लिए टेस्ट किया गया था.

मरीज की स्थिति क्या है?

राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मरीज में केवल हल्के लक्षण थे और वह ठीक हो गईं हैं.

इस सब वेरिएंट के बारे में क्या जानते हैं?

सभी ओमिक्रॉन सब वेरिएंट, विशेष रूप से BA.2, अब तक सबसे अधिक संक्रामक रहे हैं और एक्सपर्ट्स के अनुसार, JN.1 सब वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में एक म्युटेशन होता है, जो इसे पिछले ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक बना सकता है.

अब तक पाए गए मामले मेडिकल तौर से हल्के थे, और इस सब वेरिएंट से जुड़े कोई नए लक्षण भी नहीं पाए गए हैं.

इसके अलावा, पिछले आर्टिकल के लिए फिट से बात करते हुए, प्रमुख वायरोलॉजिस्ट डॉ. शाहिद जमील ने बताया था कि जो वायरस अत्यधिक संक्रामक होते हैं, वे कम खतरनाक होते हैं.

हेल्थ ऑथोरिटीज क्या कह रही हैं?

मीडिया से बात करते हुए, केरल राज्य की स्वास्थ्य मंत्री, वीना जॉर्ज ने कहा: "किसी भी तरह की चिंता की आवश्यकता नहीं है. यह एक सब वेरिएंट है. केरल ने जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए यहां इस सब वेरिएंट की पहचान की है... स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है."

"लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए. कोमोरबिडिटीज वाले लोगों का ध्यान रखा जाना चाहिए."
वीणा जॉर्ज, केरल स्वास्थ्य मंत्री

ओमिक्रॉन और इसके सब वेरिएंट के बारे में पहले फिट से बात करते हुए, डॉ. श्रीनाथ रेड्डी ने कहा था, कि जब तक ओमिक्रॉन और इसके वेरिएंट हावी हो रहे हैं और बहुत बड़ी समस्या के साथ कोई और नया वेरिएंट सामने नहीं आता है, मामले में कोई उछाल नहीं दिखता है और साथ ही गंभीर बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत सामने नहीं आती तब तक चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

क्या JN.1 देश के दूसरे हिस्सों में मिला है?

देश के दूसरे हिस्सों में अभी तक सब वेरिएंट का पता नहीं चला है, लेकिन केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार, यह देश के दूसरे हिस्सों में भी मौजूद है.

भारत और सिंगापुर में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पिछले महीने सिंगापुर हवाई अड्डे पर एक भारतीय यात्री की जांच की गई, जिसमें JN.1 पाया गया. इससे यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि क्लिनिकली पता चलने से काफी पहले से ही सब वेरिएंट भारत में सर्कुलेट कर रहा था.

केरल से आई खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने कहा है कि वे एहतियाती कदम उठा रहे हैं.

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया गया है, अस्पतालों को आईसीयू बेड आवंटित करने और ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता की जांच करने के लिए कहा गया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने फिलहाल सीमा पर आवाजाही को रेस्ट्रिक्ट करने की जरूरत से इनकार किया है.

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क्या यह सिंगापुर और दूसरे देशों में कोविड मामलों में वृद्धि से जुड़ा है?

सबसे अधिक संभावना यही है.

दिसंबर की शुरुआत से, सिंगापुर में COVID मामलों में वृद्धि देखी गई है. हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में, सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अकेले 3 से 9 दिसंबर के बीच देश में COVID ​​​​मामले 32,035 से बढ़कर 56,043 हो गए हैं.

सिंगापुर सरकार ने यह भी कहा है कि इस उछाल के पीछे प्रमुख वेरिएंट JN.1 ओमिक्रॉन सब वेरिएंट है.

एविडेंस की कमी के बावजूद कि मौजूदा उछाल गंभीर बीमारी में वृद्धि का कारण बन सकता है, देश में स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक ताजा ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है और मेडिकल फेसिलिटीज को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में खुद को तैयार करने के लिए कहा है.

सिंगापुर में स्वास्थ्य मंत्रालय ने यात्रियों को यात्रा से 4-6 सप्ताह पहले डॉक्टर से सलाह करने की सलाह दी है ताकि हेल्थ रिस्क्स का असेसमेंट किया जा सके, जिसमें जरुरी वैक्सिनेशन पर सलाह भी शामिल है.

इस छुट्टियों के मौसम में आप अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं?

छुट्टियों का मौसम नजदीक है, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग और सेल्फ-आइसोलेशन मुश्किल हो सकता है. हालांकि, JN.1 सब वेरिएंट के इन्फेक्शन को रोकने के लिए COVID के दूसरे वेरिएंट के एतियाती उपाय की तरह ही है.

  • जब आप सार्वजनिक स्थान पर हों तो मास्क पहनें - खासकर अगर आपमें या आपके आस-पास के लोगों में फ्लू जैसे लक्षण हों.

  • हाथों की स्वच्छता बनाए रखें - अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोएं.

  • फ्लू के लक्षण लगातार रह रहे हों, तो खुद को अलग-थलग कर लें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की कोशिश करें.

  • घर में वेंटिलेशन का ख्याल रखें.

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