Diabetes Symptoms In Women: डायबिटीज भारत में तेजी से अपने पैर पसार रहा है और इसी वजह से दुनिया भर में भारत को डायबिटीज का कैपिटल कहा जाता है. हाई ब्लड शुगर की समस्या कई बार महिलाओं में अलग तरह के लक्षण भी पैदा कर देती है.
फिट हिंदी ने नोएडा, फोर्टिस हॉस्पिटल में एंडोक्राइनोलॉजी के कंसलटेंट, डॉ. अनुपम बिस्वास से जाना महिलाओं में डायबिटीज (Diabetes) के लक्षणों के बारे में जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
मद्रास डायबिटीज रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए और लैंसेट में प्रकाशित एक और हालिया स्टडी में पाया गया कि कम से कम 11.4% भारतीयों को डायबिटीज है यानी 100 मिलियन से अधिक लोग इसके शिकार हैं.
बड़े पैमाने पर किए गए इस स्टडी में देश भर के 31 राज्यों के 113,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल थे और यह भारत में गैर-संचारी मेटाबॉलिक रोगों पर किया गया पहला बड़ा स्टडी था.
महिलाओं में डायबिटीज के 10 लक्षण
1. अधिक प्यास लगनाः बहुत अधिक प्यास लगना (पॉलीडिप्सिया) डायबिटीज का सामान्य लक्षण है. ऐसा इस वजह से होता है क्योंकि हमारा शरीर अधिक शुगर को बार-बार पेशाब के जरिए शरीर से बाहर धकेलना चाहता है.
2. बार-बार पेशाब आनाः डायबिटीज पीड़ित महिलाओं को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत भी होती है, क्योंकि इस रोग में गुर्दे अतिरिक्त शुगर को शरीर से बाहर निकालने के लिए अधिक काम करते हैं.
3. हाथ-पैरों में जलनः डायबिटीज में हाथ-पैरों में जलन महसूस होती है, जिस डायबिटिक न्यूरोपैथी कहते हैं और ऐसा अधिक लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर की वजह से नर्व्स को नुकसान पहुंचने की वजह से होता है.
4. थकानः डायबिटीज रोग का एक आम लक्षण है हर समय थकान महसूस होना और ऐसा तब होता है जब शरीर ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने में असमर्थ होता है.
5. वजन घटनाः जब शरीर ग्लूकोज को एनर्जी में नहीं बदल पाता तो शरीर में मौजूद फैट और मांसपेशियों का ब्रेकडाउन शुरू होता है, इसकी वजह से बिना प्रयास किए ही वेट लॉस होने लगता है.
6. दृष्टि धुंधलानाः हाई ब्लड शुगर की वजह से आंखों के लैंस की शेप में कई बार कुछ अस्थायी बदलाव आते हैं, जिनके कारण नजर धुंधलाने लगती है. लेकिन ब्लड शुगर कंट्रोल में होने पर आमतौर पर इसमें सुधार हो जाता है.
7. गर्भधारण करने में मुश्किल: डायबिटीज के कारण महिलाओं में फर्टिलिटी की समस्या भी सामने आ सकती है. शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण गर्भधारण मुश्किल हो सकता है और पीरियड्स भी अनियमित हो जाता है.
8. घाव देर से भरनाः ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की वजह से घाव भरने की शरीर की क्षमता प्रभावित होती है, जिसके कारण घाव लंबे समय तक ताजा रहता है और ऐसे में इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है.
9. बार-बार इंफेक्शन का खतरा बढ़नाः डायबिटीज के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिसके चलते डायबिटीज रोगी महिलाओं को बार-बार इन्फेक्शन, जैसे यूटीआई और यीस्ट संक्रमण का जोखिम बढ़ता है.
10. गर्भावस्था में जटिलताएंः गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड शुगर, जिसे गेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं, के कारण कई बार जटिलताएं बढ़ जाती हैं, जिनमें मैक्रोसॉमिया (बड़े आकार का शिशु) और प्रीक्लॅम्सिया शामिल हैं.
लाइफस्टाइल में सही बदलाव करके डायबिटीज (Diabetes) को बेहतर मैनेज किया जा सकता है लेकिन टाइप 1 डायबिटीज (इंसुलीन की अत्याधिक कमी के कारण हुई) को ठीक नहीं किया जा सकता, जबकि टाइप 2 डायबिटीज को बहुत से मामलों ठीक किया जा सकता है. वहीं प्री डायबिटीज के मामलों को डॉक्टर की सलाह के साथ रिवर्स भी किया जा सकता है.
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