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Dry Ice: गुरुग्राम में ड्राई आइस खाने से लोग हुए बीमार, क्या हैं इसके हेल्थ रिस्क?

Gurugram Dry Ice Case: ड्राई आइस फ्रोजेन कार्बन डाइऑक्साइड होता है और इसे कभी भी 'नंगे हाथों' से नहीं छूना चाहिए, निगलना तो दूर की बात है.

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Dry Ice Health Risks: गुरुग्राम के एक कैफे पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने डाइनर को माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस (Dry Ice) दे दिया, जिसे खाकर 5 लोगों की तबीयत मौके पर ही बिगड़ गई और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें ये देखा जा सकता है कि लोग कैसे परेशान हो कर जलन की शिकायत कर रहे हैं. उल्टी और मुंह से खून निकलने की भी बात वीडियो में दिखाई जा रही है.

बीमार हुए 5 लोगों में से 3 लोगों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा चुका है पर 2 लोग अभी भी हॉस्पिटल में एडमिट हैं. इस मामले में रेस्टोरेन्ट के संचालक/मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है.

क्या होता है ड्राई आइस? ड्राई आइस के हेल्थ रिस्क्स क्या हैं? ड्राई आइस का इस्तेमाल कहां किया जाता है? फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से बात कि और इन सवालों के जवाब जानें.

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गुरुग्राम के कैफे में माउथ फ्रेशनर की जगह दिया गया ड्राई आइस 

हरियाणा के गुरुग्राम कथित तौर पर कैफे में माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस देने का मामला सामने आया है. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसे देख लोग हैरत में हैं.

नोएडा निवासी अंकित कुमार अपने परिवार और दोस्तों के साथ शनिवार 2 मार्च को गुरुग्राम के एक कैफे में डिनर के लिए गई थे और उनकी शिकायत है कि कैफे ने डिनर के बाद माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस दिया जिससे उनके परिवार और दोस्तों की हालत बिगड़ गई.

पुलिस में दर्ज FIR में ये कहा गया है, "बगैर देर किए आर्वी हॉस्पिटल (Aarvy Hospital) सेक्टर -90, गुरुग्राम में दाखिल करा दिया. हमें जो माउथ फ्रेशनर के रूप में दिया गया था वो डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने उसे ड्राई आइस (Dry Ice) बताया और वो पैकेट हमनें डॉक्टर को दे दिया. इसके सेवन से हम पांचों की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई".

क्या होता है ड्राई आइस?

ड्राई आइस फ्रोजन कार्बन डाइऑक्साइड होता है, जिसका सरफेस टेम्परेचर -109 डिग्री होता है. इसे कार्बन डाइऑक्साइड को कंप्रेस और ठंडा कर बनाया जाता है.

"कार्बन डाइऑक्साइड को अगर हाई एटमॉस्फेरिक प्रेशर पर ठंडा किया जाता है, तो उससे ड्राई आइस बनत है. ड्राई आइस -76 डिग्री पर तैयार होती है और इसकी क्वालिटी ये है कि जब ये धीरे-धीरे गर्म होती है तो ये लिक्विड न बन कर सीधे गैस में बदल जाता है.
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर – इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला अस्पताल®️, दिल्ली
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ड्राई आइस के हेल्थ रिस्क क्या हैं?

ड्राई आइस स्किन को बहुत खराब तरीके से डैमेज कर सकती है और अगर कोई इसे गलती से खा लेता है, तो ये इंटरनल आर्गन बुरे तरीके से डैमेज कर सकती है. इससे उसकी तरह का नुकसान पहुंचता है, जैसा जलने से होता है.

इससे एक्सट्रीम कोल्ड एक्सपोजर होता है, जिससे फ्रॉस्ट बाईट जैसी समस्या पैदा हो जाती है.
"अगर किसी ने ड्राई आइस को 1-2 सेकंड के लिए पकड़ा तो नुकसान नहीं होगा पर इससे ज्यादा समय के लिए छूने पर ये स्किन सेल्स को डैमेज कर देती है. लंबे समय तक पकड़ने से फ्रॉस्ट बाईट जैसी बीमारी हो सकती है.
डॉ. तुषार तायल, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, सी के बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

एफएसएसएआई, एफडीए और सीडीसी ने भी चेतावनी दी है कि आमतौर पर आइसक्रीम और फ्रोजन डेसर्ट में कूलिंग एजेंट के रूप में उपयोग किए जाने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के ठोस रूप को कभी भी 'नंगे हाथों' से नहीं छूना चाहिए और निगलना तो दूर की बात है.

"अगर किसी ने ड्राई आइस को खा लिया तो वो शरीर के अंदर जा कर इंटरनल ऑर्गन्स को डैमेज कर अंदरूनी घाव कर सकता है.
डॉ. तुषार तायल, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, सी के बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

फिट हिंदी से बात करते हुए डॉ. राजीव गुप्ता बताते हैं कि ड्राई आइस से दम घुटने का एहसास भी हो सकता है.

"बंद जगह पर अधिक मात्रा में अगर ड्राई आइस रखी हो तो वो एवॉपोरेट कर कार्बन डाइऑक्साइड बन जाती है, जिससे दम घुटने का एहसास, सिरदर्द और उल्टी हो सकती है."
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर – इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला अस्पताल®️, दिल्ली
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ड्राई आइस के संपर्क में आने पर क्या करें?

ड्राई आइस के संपर्क में आने पर सबसे पहले तुरंत उसे वहां से हटाएं और जो भी अफेक्टेड बॉडी पार्ट है उसे नार्मल या गुनगुने पानी से धोएं ताकि अफेक्टेड जगह का तापमान धीरे-धीरे नार्मल हो जाए.

ड्राई आइस के संपर्क में आने से बॉडी का प्रभावी पार्ट बहुत अधिक ठंडा हो जाता है.
  • बॉडी में जिस जगह पर ड्राई आइस के संपर्क में आने से घाव बन गया है, वहां पर कोई एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट लगाया जा सकता है.

  • आंखें अगर ड्राई आइस के संपर्क में आ जाए, तो तुरंत नार्मल पानी से आंखों को अच्छी तरह से साफ करें और बाद में सूथनिंग आई ड्राप डालें.

  • तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल में संपर्क करें.

फ्रॉस्ट बाइट से सेकेंडरी इन्फेक्शन न हो इसके लिए अफेक्टेड जगह को पानी से अच्छी तरह से धो कर एंटी-बायोटिक क्रीम लगाया जा सकता है.

मुंह में ड्राई आइस जाने पर फ्रॉस्ट बाइट जैसे अलसर बन सकते हैं, जिससे खून निकल सकता है.

"ऐसे में नार्मल टेम्परेचर के पानी से मुंह अच्छी तरह से धोना चाहिए. फिर चाहें तो मुंह के अंदर लगाने वाला कोई भी ऑइंटमेंट लगाया जा सकता है."
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर – इंटरनल मेडिसिन, सी के बिड़ला अस्पताल®️, दिल्ली

ड्राई आइस का इस्तेमाल कहां किया जाता है?

  • इसका इस्तेमाल कोल्ड स्टोरेज के लिए किया जाता है, जैसे वैक्सीन और फूड प्रॉडक्ट्स को सही तापमान पर रखने के लिए.

  • आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक बनाने में कूलिंग एजेंट के रूप में किया जा सकता है.

  • बर्फ से बने पुतलों को पिघलने से बचाने में भी ये उपयोग में लाया जाता है.

ड्राई आइस का इस्तेमाल कमर्शियल तौर पर किया जाता है, इसे बिना सही जानकारी के उपयोग में लाना खतरनाक साबित हो सकता है.

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